देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कई सालों से अपनी तैनाती को लेकर विवादों में रहने वाली खंड शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत को निलंबित कर दिया गया है. दमयंती रावत पर 70 करोड़ रुपए की धनराशि की अनियमितता का आरोप है. जिसके चलते उन्हें शिक्षा सचिव के आदेश से निलंबित कर दिया गया है. दमयंती रावत कीर्तिनगर में खंड शिक्षा अधिकारी के तौर पर जिम्मेदारी देख रही थी.
दमयंती रावत को शासन से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिया है. दमयंती रावत पर श्रम विभाग में कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता का आरोप है. दमयंती रावत हरक सिंह रावत के श्रम मंत्री रहते हुए कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव पद पर प्रतिनियुक्ति पर थी. इस दौरान विभिन्न मामलों में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता के आरोप उन पर लगे. इसी को देखते हुए शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने दमयंती रावत के निलंबन का आदेश जारी किया है.
निलंबन आदेश में पांच बिंदुओं पर दमयंती रावत को लेकर आरोप बताए गए हैं-
- आरोप संख्या एक के अनुसार दमयंती रावत के कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव रहने के दौरान 50 करोड़ का बिना सक्षम प्राधिकार प्राप्त किये समझौता अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का आरोप है.
- आरोप संख्या दो में बोर्ड की निधि से 20 करोड़ की धनराशि ऋण के रूप में निदेशक ESI को उपलब्ध न करते हुए सीधे ब्रिज एंड रूफ इंडिया लिमिटेड के पक्ष में तीन चेकों के माध्यम से धनराशि हस्तगत कर वित्तीय अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है.
- आरोप संख्या 3 में सचिव कर्मकार कल्याण बोर्ड के पद दिए दायित्व के रूप में वित्तीय अनियमित और सरकारी धन के दुरुपयोग की बात कही गई है.
- आरोप संख्या 4 में कर्मकार कल्याण अधिनियम 1996 और नियमावली 2006 में निहित प्रावधानों के खिलाफ जाकर कूटरचित षड्यंत्र में संलिप्त होने का भी आरोप है.
- इसी तरह आरोप संख्या 5 में कर्मकार कल्याण निधि का दुरुपयोग करते हुए आर्थिक अपराध में संलिप्तता का आरोप लगाया गया है.