देहरादून: देशभर में राष्ट्रीय कैडेट कोर के विस्तार योजना को लेकर 23 सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में बैठक होने जा रही है. बैठक में लगभग सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री शामिल होंगे. इसी क्रम में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी बैठक में शामिल होकर प्रदेश से जुड़े एनसीसी से संबंधित तमाम मामलों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी रखेंगे. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
23 सितंबर को दिल्ली में होगी राष्ट्रीय कैडेट कोर की बैठक: शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि एनसीसी के विस्तार को लेकर 23 सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय संयुक्त राज्य प्रतिनिधियों की बैठक प्रस्तावित है. जिसमें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री शामिल होंगे. इसके अलावा बैठक में रक्षा मंत्रालय, एनसीसी और राज्यों के शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक का मुख्य उद्देश्य एनसीसी विस्तार योजना को लागू करना और इसको लेकर राज्यों की ओर से आगे की रणनीति पर चर्चा के लिये योजना तैयार करना है.
धन सिंह रावत बोले एनसीसी से संबंधित समस्याओं को उठाएंगे: धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में एनसीसी से संबंधित विशिष्ट समस्याओं, एनसीसी का विस्तार एवं सफल तरीके से लागू करना और वित्तीय सहयोग की जरूरत समेत तमाम बिंदुओं को बैठक में रखा जाएगा. जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को नया प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिये गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में एनसीसी का विस्तार, प्रशिक्षण, अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स को बढ़ाने के लिये राज्य सरकार प्रयास कर रही है. साथ ही प्रदेश स्तर पर एनसीसी विस्तार के लिये जो डिमांड आई है, उसको पूरा किया जा रहा है.
विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी का दायरा बढ़ाने की जरूरत: प्रदेश के राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी की जूनियर और सीनियर डिविजन की स्थापना करने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को एनसीसी में शामिल होने का अवसर मिल सके. उन्होंने कहा कि इस विषय को उच्च स्तरीय बैठक में रखा जाएगा. उत्तराखंड सैन्य बहुल्य प्रदेश है, यहां के अधिकांश युवा सेना में भर्ती होकर देशसेवा में लग जाते हैं. ऐसे में प्रदेश के विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी का दायरा बढ़ाने की जरूरत है.
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