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अब स्कूल में टीचर इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे मोबाइल, ड्यूटी आवर्स में पूजा व नमाज पर गए तो होगी कार्रवाई - Mobile Ban in School - MOBILE BAN IN SCHOOL

शिक्षा में गुणवत्ता के लिए अब शिक्षकों पर सख्ती बरती जाएगी. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ड्यूटी आवर्स में शिक्षकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने और परिसर छोड़कर जाने की शिकायतों पर सख्त रुख अख्तियार किया है. जानिए शिक्षा मंत्री ने क्या कहा...

MOBILE BAN IN SCHOOL
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 6, 2024, 2:11 PM IST

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. स्कूल ड्यूटी आवर्स में शिक्षक अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. यही नहीं यदि स्कूल समय में भेरुजी-बालाजी की पूजा करने या नमाज पढ़ने के नाम पर शिक्षक बिना बताए विद्यालय परिसर छोड़ता है, तो उसके खिलाफ निलंबन और बर्खास्त करने तक की कार्रवाई की जा सकती है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में सख्त लहजे में ये बाते कहीं.

शिक्षा में गुणवत्ता के लिए अब शिक्षकों पर सख्ती बरती जाएगी. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ड्यूटी आवर्स में शिक्षकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने और परिसर छोड़कर जाने की शिकायतों पर सख्त रुख अख्तियार किया है. उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा में जो पहले से आदेश, निर्देश और नियम बने हुए हैं उन सब की पालना करने का प्रयास कर रहे हैं. सभी विद्यालय में वातावरण ठीक करने के लिए कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी अध्यापक स्कूल समय में भेरुजी-बालाजी की पूजा करने या नमाज पढ़ने के नाम पर विद्यालय ना छोड़े. यदि उसे जाना है तो छुट्टी लेकर जाए. बाकायदा रजिस्टर में दर्ज होगा कि शिक्षक छुट्टी लेकर गया है. अन्यथा बिना सूचना कि यदि कोई अध्यापक स्कूल छोड़ेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने चेताया कि ऐसे अध्यापकों पर निलंबन से लेकर बर्खास्त करने तक की कार्रवाई कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- भजनलाल सरकार ने गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट को माना फेल, महात्मा गांधी के नाम की इस योजना पर अब री-कॉल की तैयारी - English Medium Schools

वहीं उन्होंने मोबाइल को एक बीमारी बताते हुए कहा कि विद्यालय में कई अध्यापक मोबाइल में शेयर मार्केट या सोशल मीडिया देखते रहते हैं. इस दौरान वो उसी में उलझे रहते हैं. ऐसे में ये निर्देशित किया गया है कि कोई भी शिक्षक अब विद्यालय के अंदर मोबाइल लेकर नहीं जाएगा. यदि किसी शिक्षक का गलती से मोबाइल आ भी जाता है, तो प्रिंसिपल को जमा कराएगा. स्कूल समय में केवल प्रिंसिपल का मोबाइल खुला रहेगा ताकि कोई इमरजेंसी हो जाए, तो प्रिंसिपल के फोन पर सूचना दी जा सके. इससे मोबाइल के कारण बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा था, वो भी बचेगा. इसके साथ ही शिक्षकों को ताकीद किया जा रहा है कि वो बच्चों को पढ़ाने से पहले खुद पढ़ कर जाए. ताकि बच्चों की समस्याओं का समाधान ठीक तरह से कर सकें.

इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में खेल के मैदानों पर हो रखे अतिक्रमणों को हटाया जाएगा. इस पर अभियान के रूप में काम करना शुरू कर दिया गया है. इस तरह के छोटे-छोटे प्रकरणों का समाधान करते हुए शिक्षा में गुणवत्ता लाने का प्रयास किया जा रहा है.

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. स्कूल ड्यूटी आवर्स में शिक्षक अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. यही नहीं यदि स्कूल समय में भेरुजी-बालाजी की पूजा करने या नमाज पढ़ने के नाम पर शिक्षक बिना बताए विद्यालय परिसर छोड़ता है, तो उसके खिलाफ निलंबन और बर्खास्त करने तक की कार्रवाई की जा सकती है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में सख्त लहजे में ये बाते कहीं.

शिक्षा में गुणवत्ता के लिए अब शिक्षकों पर सख्ती बरती जाएगी. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ड्यूटी आवर्स में शिक्षकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने और परिसर छोड़कर जाने की शिकायतों पर सख्त रुख अख्तियार किया है. उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा में जो पहले से आदेश, निर्देश और नियम बने हुए हैं उन सब की पालना करने का प्रयास कर रहे हैं. सभी विद्यालय में वातावरण ठीक करने के लिए कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी अध्यापक स्कूल समय में भेरुजी-बालाजी की पूजा करने या नमाज पढ़ने के नाम पर विद्यालय ना छोड़े. यदि उसे जाना है तो छुट्टी लेकर जाए. बाकायदा रजिस्टर में दर्ज होगा कि शिक्षक छुट्टी लेकर गया है. अन्यथा बिना सूचना कि यदि कोई अध्यापक स्कूल छोड़ेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने चेताया कि ऐसे अध्यापकों पर निलंबन से लेकर बर्खास्त करने तक की कार्रवाई कर सकते हैं.

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वहीं उन्होंने मोबाइल को एक बीमारी बताते हुए कहा कि विद्यालय में कई अध्यापक मोबाइल में शेयर मार्केट या सोशल मीडिया देखते रहते हैं. इस दौरान वो उसी में उलझे रहते हैं. ऐसे में ये निर्देशित किया गया है कि कोई भी शिक्षक अब विद्यालय के अंदर मोबाइल लेकर नहीं जाएगा. यदि किसी शिक्षक का गलती से मोबाइल आ भी जाता है, तो प्रिंसिपल को जमा कराएगा. स्कूल समय में केवल प्रिंसिपल का मोबाइल खुला रहेगा ताकि कोई इमरजेंसी हो जाए, तो प्रिंसिपल के फोन पर सूचना दी जा सके. इससे मोबाइल के कारण बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा था, वो भी बचेगा. इसके साथ ही शिक्षकों को ताकीद किया जा रहा है कि वो बच्चों को पढ़ाने से पहले खुद पढ़ कर जाए. ताकि बच्चों की समस्याओं का समाधान ठीक तरह से कर सकें.

इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में खेल के मैदानों पर हो रखे अतिक्रमणों को हटाया जाएगा. इस पर अभियान के रूप में काम करना शुरू कर दिया गया है. इस तरह के छोटे-छोटे प्रकरणों का समाधान करते हुए शिक्षा में गुणवत्ता लाने का प्रयास किया जा रहा है.

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