पटना : बिहार में अब सरकारी विद्यालयों के नौंवी और दसवीं कक्षा में भी मिड डे मील योजना शुरू होगी. हाल ही में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की आठ सदस्यीय टीम ने तमिलनाडु का दौरा किया है और बिहार वापस लौटी है. टीम ने तमिलनाडु की शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया है.
दसवीं कक्षा तक के छात्रों को मिड डे मील : टीम ने पाया है कि तमिलनाडु में कक्षा एक से दसवीं तक के बच्चे के लिए मिड डे मील की व्यवस्था है. इसके अलावा वहां कक्षा 1 से पांचवी क्लास के बच्चों के लिए नाश्ते का भी प्रबंध है. बताया जा रहा है कि, टीम अब 5 दिनों के बाद अपनी रिपोर्ट देगी. जिसमें कक्षा 1 से दसवीं तक के लिए मिड डे मील शुरू करने की सलाह दी जाएगी.
टीम को और क्या मिला ? : तमिलनाडु की शिक्षा विभाग का अध्ययन करने गई टीम ने यह भी पाया है कि, वहां 75% स्कूल के प्रिंसिपल ही जिले के डीईओ और बीईओ बनते हैं. इसके अलावा वहां संविदा और अस्थाई की जगह शिक्षक से लेकर कुक तक की स्थाई सरकारी नौकरी है. ऐसे में संभव है कि सरकार रोजगार देने के अपने प्रयासों के क्रम में सरकारी विद्यालयों में संविदा व्यवस्था हटाकर स्थाई व्यवस्था लागू कर दे.
पेंशन का प्रावधान : तमिलनाडु में शिक्षा विभाग के सभी कर्मियों के लिए 60 वर्ष की उम्र के बाद रिटायरमेंट पर पेंशन का प्रावधान है. स्कूल में मैनेजर स्तर की कर्मचारियों को 24000, कुक को 14000 और सहायक कुक को ₹8000 वेतन मिलते हैं. रिटायरमेंट के बाद ₹2000 प्रति माह पेंशन के रूप में मिलता है.
स्कूली बच्चों को चार सेट ड्रेस : अध्ययन करने गई टीम ने यह अभी पाया है कि तमिलनाडु में प्रत्येक वर्ष सरकारी विद्यालयों में हर छात्र को चार सेट कपड़ा मिलता है. इसके अलावा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग में छात्रों के लिए हर दिन सुबह 8 से 9 और शाम 4 से 5 अतिरिक्त क्लासेस चलते हैं.
स्कूल से लेकर मुख्यालय तक ऑनलाइन सिस्टम : कक्षा 1 से 5 के बच्चों को मिड डे मील के बाद, स्पीच प्रैक्टिस के लिए हर दिन 20 मिनट तेज आवाज में बोलकर पढ़ना अनिवार्य है. टीचर और छात्र की उपस्थिति का काम मोबाइल और टैब के माध्यम से होता है. स्कूल से लेकर मुख्यालय तक ऑनलाइन सिस्टम है. अब देखना है की टीम 4 अगस्त तक अपनी जो रिपोर्ट देती है उसमें क्या नई व्यवस्था शुरू करने की सलाह देती है.
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