शिमला: हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. कर्मचारियों और पेंशनर्स के बाद अब प्रदेश के बेरोजगार युवा भी सरकार से नाराज हैं.
बेरोजगार युवाओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. बुधवार को राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश बेरोजगार युवा संघ ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार पर रोजगार ना देने के आरोप लगाए हैं और 20 सितंबर को सचिवालय आने की जानकारी दी. यहां पर संघ सीएम सुक्खू को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देगा.
बेरोजगार संघ ने कहा वर्तमान सरकार के 2 साल के कार्यकाल में 10 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा सरकार टायर्ड और रिटायर्ड कर्मचारियों को फिर से नियुक्त कर रही है जबकि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने आउटसोर्स माध्यम से भर्तियां बंद करने का वादा किया था.
शिक्षित बेरोजगार संघ ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है. कैबिनेट से 6500 पद सृजित किए गए हैं लेकिन उनको भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार के समक्ष 8 सूत्रीय मांग पत्र रखा. बेरोजगार संघ ने दीपक सानन कमेटी द्वारा दिया गया ऑनलाइन एग्जाम का सुझाव हटाने की मांग रखी है. इसके अलावा बेरोजगार संघ ने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के भंग होने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा काफी परेशान हैं. अभी तक सरकार ने चयन आयोग का गठन नहीं किया है. यही कारण है कि आयोग के तहत निकलने वाली भर्तियां अभी तक लंबित हैं.
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