रांची: जमीन घोटाले मामले में कारोबारी शेखर कुशवाहा को ईडी की टीम ने बुधवार को गिरफ्तार किया. इसके बाद गुरुवार को उसे पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां ईडी की टीम ने कोर्ट से शेखर कुशवाहा के लिए रिमांड की मांग की लेकिन कोर्ट की तरफ से शुक्रवार का समय दे दिया गया.
गुरुवार को ईडी की टीम ने शेखर कुशवाहा के लिए कोर्ट से सात दिन का रिमांड अवधि मांगी थी. जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए 3 दिन के रिमांड अवधि की अनुमति दे दी है. शेखर कुशवाहा के वकील अभिषेक कृष्णा गुप्ता ने बताया कि कोर्ट की तरफ से फिलहाल तीन दिन का रिमांड अवधि दी है. जिसका उनके तरफ से अपने दलील के माध्यम से विरोध भी किया गया. शेखर कुशवाहा पर जो भी आरोप लगाए गए हैं उसके सबूत नहीं है. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट की तरफ से उनके मुवक्किल के लिए रियायत दी जाएगी.
बता दें कि जमीन घोटाले मामले में शेखर कुशवाहा के कई ठिकानों पर ईडी की टीम पहले भी दो बार छापेमारी कर चुकी है. ईडी की तरफ से कई बार शेखर कुशवाहा को समन भी जारी किया गया है लेकिन वह समन जारी होने के बाद भी ईडी की टीम को जवाब देने नहीं पहुंचे. जिसके बाद ईडी की टीम ने शेखर कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया. शेखर कुशवाहा पर आरोप है कि उन्होंने गाड़ी मौजा में करीब पांच एकड़ जमीन के कागजात के साथ छेड़छाड़ कर उसे गलत तरीके से बेचा. वहीं सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर जमीन के मूल प्रवृत्ति में छेड़छाड़ करने का भी आरोप शेखर कुशवाहा पर ईडी ने लगाया है.
मालूम हो कि ईडी की टीम ने पहले भी इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बड़गाईं अंचल के उपनिरीक्षक भानु प्रताप को गिरफ्तार किया है. शेखर कुशवाहा बड़गाईं अंचल में पूर्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप के काफी करीबी माने जाते हैं. भानु प्रताप बड़गाईं आंचल में कई एकड़ जमीन को गलत तरीके से बिकवाने का आरोप है. जिस वजह से ईडी ने पहले ही भानु प्रताप को गिरफ्तार कर लिया था, वह पिछले कई महीनो से रांची के होटवार जेल में बंद है.
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