देहरादून: फर्जी रजिस्ट्री घोटाला मामले में पांच राज्यों में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई जारी है. प्रवर्तन निदेशालय सभी जगह सर्च ऑपरेशन चला रही है. सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम और पंजाब के लुधियाना समेत कई लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. उत्तराखंड की बात करें तो देहरादून और ऋषिकेश में भी अलग-अलग लोकेशन पर छापेमारी चल है.
बताया जा रहा है कि फर्जी रजिस्ट्री मामले में शामिल भूमाफिया रजिस्ट्री कार्यालय में कार्यरत सरकारी कर्मचारी-अधिकारी, सरकारी वकील समेत कुछ बिल्डर के लोकेशन पर चल छापेमारी चल रही है. बता दें कि जुलाई 2022 में फर्जी रजिस्ट्री मामले में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. उसके बाद लगातार 18 मुकदमे दर्ज हुए. जिसमें 20 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा चुका है.
वहीं, आज देहरादून में फर्जी रजिस्ट्री में शामिल भूमाफिया, रजिस्ट्री कार्यालय में कार्यरत सरकारी कर्मचारी-अधिकारी, सरकारी वकील समेत कुछ बिल्डर के लोकेशन पर ईडी की छापेमारी चल रही है. सूत्रों की मानें तो आज सुबह करीब 6 बजे देहरादून में 25 गाड़ियों में ईडी की टीम आई थी और अलग-अलग लोकेशन पर जाकर छापेमारी कर रही है.
आरोपी वकील इमरान और कमल विरमानी पर भी छापेमारी: कुछ टीम ऋषिकेश भी पहुंची है. देहरादून के अलग-अलग जगह राजपुर रोड, डालनवाला, आकाशदीप कॉलोनी समेत कई लोकेशन पर छापेमारी चल रही है. साथ ही फर्जी रजिस्ट्री मामले में मुख्य दो आरोपी वकील इमरान और कमल विरमानी के घरों पर भी छापेमारी चल रही है. कमल विरमानी को 27 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया गया था.
एक लोकेशन पर 15 लोगों की टीम कर रही छापेमारी: जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम एक लोकेशन पर करीब 15 लोगों की टीम पहुंची है. सुबह करीब 6 बजे से ईडी की छापेमारी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, ईडी छापेमारी के दौरान दस्तावेज, कागजात और कई महत्वपूर्ण जानकारी जुटा रही है. साथ ही बताया जा रहा है कि यह छापेमारी देर रात तक चलने की उम्मीद है.
देहरादून पुलिस ने दी ये जानकारी: फर्जी रजिस्ट्री घोटाले के संबंध में दून पुलिस ने कुल 13 अभियोग पंजीकृत किए हैं. पूरे घोटाले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई. फर्जी रजिस्ट्री घोटाले के आरोपियों की ओर से मनीलॉन्ड्रिंग की संभावनाओं और घोटाले के मद्देनजर ईडी को विस्तृत रिपोर्ट जनवरी 2024 में दी गई थी.
आज जानकारी मिली है कि ईडी की ओर से फर्जी रजिस्ट्री घोटाले के आरोपियों और अन्य के संबंध में दबिश दी जा रही है. आज ईडी की कार्रवाई से जुड़ी जानकारी ईडी कार्यालय से ही प्रदान की जा सकती है. इस संबंध में पुलिस के पास अभी कोई अधिकृत जानकारी नहीं है.
ऐसे हुआ था खुलासा? गौर हो कि बीती 15 जुलाई 2023 को देहरादून सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव ने एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोपियों की मिलीभगत से षड्यंत्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम और द्वितीय में अलग-अलग भूमि विक्रय दस्तावेज से छेड़छाड़ करने की बात गई थी. शिकायत के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया. जिसके बाद एसआईटी टीम का गठन किया गया.
एसआईटी टीम ने रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी निकाली, फिर रिंग रोड से संबंधित 30 से ज्यादा रजिस्ट्रियों की जानकारी जुटाई. साथ ही कई लोगों से पूछताछ की. पूछताछ और जांच के दौरान कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के नाम सामने आए. जिनसे पूछताछ करने पर फर्जीवाड़े में शामिल कई लोगों के नाम आए. इसके बाद टीम ने कई संदिग्ध लोगों के बैंक अकाउंट खंगाले. जिसमें करोड़ों रुपए के लेन-देन की बात सामने आई.
इसके अलावा उनके पास कई ऐसे दस्तावेज मिले, जो रजिस्ट्रार कार्यालय से फर्जीवाड़े के जरिए हालिस किए गए थे. जिसके बाद एसआईटी ने संतोष अग्रवाल, दीप चंद अग्रवाल, मक्खन सिंह, डालचंद, वकील इमरान अहमद, अजय क्षेत्री, रोहताश सिंह, विकास पांडे, कुंवर पाल उर्फ केपी, कमल विरमानी और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया. इनकी गिरफ्तारी के बाद तो परत दर परत फर्जीवाड़ा का खुलासा होता गया.
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