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हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में ईडी ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब, 12 फरवरी को होगी सुनवाई - हेमंत सोरेन ईडी केस

Hemant Soren ED case. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. इस मामले में 12 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई होने वाली है.

Hemant Soren ED case
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 9, 2024, 6:44 PM IST

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिवक्ता ने झारखंड हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. इसपर 12 फरवरी को सुनवाई होगी. हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ईडी ने गिरफ्तारी की क्या वजह बताई है. लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि जवाब में वहीं बातें होंगी, जिन्हें ईडी ने हेमंत सोरेन को रिमांड पर लेने के लिए पीएमएलए कोर्ट में पेश किया था. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को कस्टडी में ले लिया था, तब वह मुख्यमंत्री थे.

हालांकि, कस्टडी में लिए जाने से पहले ही उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी की आशंका जता दी थी. उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कोई भी पीड़क कार्रवाई ना हो. लेकिन 1 फरवरी को यह कहते हुए हाईकोर्ट से समय मांगा गया कि उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है और उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. यह कहते हुए याचिका वापस लेने के लिए याचिका दायर करने पर ईडी ने आपत्ति जताते हुए जवाब दाखिल करने का आग्रह किया था.

लेकिन 2 फरवरी को हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन शीर्ष अदालत ने पहले हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था. इसके बाद हस्तक्षेप याचिका दायर होने पर 5 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उसी दिन हाईकोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए 9 फरवरी तक का समय दिया था. तय तारीख के मुताबिक सेकेंड हाफ में ईडी की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है.

हेमंत सोरन की याचिका में क्या है

पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया है कि उनके खिलाफ ईडी के अधिकारी वैसी शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो पीएमएलए में है ही नहीं. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से उनको टारगेट किया गया है. यही नहीं भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने उनके पिता और परिवार के खिलाफ लोकपाल में शिकायत की है. इसपर सीबीआई द्वारा पेश तीन रिपोर्ट में उन संपत्तियों का जिक्र किया गया है, जो उनके परिवार की है ही नहीं.

फिलहाल, हेमंत सोरेन ईडी की रिमांड पर हैं. 31 जनवरी को हिरासत में लिए जाने के बाद 1 फरवरी को रिमांड के लिए उनको पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था. पहली बार ईडी को 2 फरवरी से 6 फरवरी तक यानी पांच दिन का रिमांड मिला था. लेकिन ईडी ने 6 फरवरी को पेश कर दोबारो पांच दिन के लिए रिमांड पर ले लिया है. अब उनकी पेशी 11 फरवरी को होगी. तब यह तथ्य सामने आएगा कि ईडी फिर रिमांड मांगेगी या हेमंत न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेज दिए जाएंगे. खास बात है कि रिमांड की दूसरी अवधि खत्म होने के अगले ही दिन उनके द्वारा गिरफ्तारी को दी गई चुनौती से जुड़ी हस्तक्षेप याचिका पर हाईकोर्ट में विस्तृत सुनवाई होनी है.

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिवक्ता ने झारखंड हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. इसपर 12 फरवरी को सुनवाई होगी. हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ईडी ने गिरफ्तारी की क्या वजह बताई है. लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि जवाब में वहीं बातें होंगी, जिन्हें ईडी ने हेमंत सोरेन को रिमांड पर लेने के लिए पीएमएलए कोर्ट में पेश किया था. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को कस्टडी में ले लिया था, तब वह मुख्यमंत्री थे.

हालांकि, कस्टडी में लिए जाने से पहले ही उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी की आशंका जता दी थी. उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कोई भी पीड़क कार्रवाई ना हो. लेकिन 1 फरवरी को यह कहते हुए हाईकोर्ट से समय मांगा गया कि उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है और उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. यह कहते हुए याचिका वापस लेने के लिए याचिका दायर करने पर ईडी ने आपत्ति जताते हुए जवाब दाखिल करने का आग्रह किया था.

लेकिन 2 फरवरी को हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन शीर्ष अदालत ने पहले हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था. इसके बाद हस्तक्षेप याचिका दायर होने पर 5 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उसी दिन हाईकोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए 9 फरवरी तक का समय दिया था. तय तारीख के मुताबिक सेकेंड हाफ में ईडी की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है.

हेमंत सोरन की याचिका में क्या है

पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया है कि उनके खिलाफ ईडी के अधिकारी वैसी शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो पीएमएलए में है ही नहीं. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से उनको टारगेट किया गया है. यही नहीं भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने उनके पिता और परिवार के खिलाफ लोकपाल में शिकायत की है. इसपर सीबीआई द्वारा पेश तीन रिपोर्ट में उन संपत्तियों का जिक्र किया गया है, जो उनके परिवार की है ही नहीं.

फिलहाल, हेमंत सोरेन ईडी की रिमांड पर हैं. 31 जनवरी को हिरासत में लिए जाने के बाद 1 फरवरी को रिमांड के लिए उनको पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था. पहली बार ईडी को 2 फरवरी से 6 फरवरी तक यानी पांच दिन का रिमांड मिला था. लेकिन ईडी ने 6 फरवरी को पेश कर दोबारो पांच दिन के लिए रिमांड पर ले लिया है. अब उनकी पेशी 11 फरवरी को होगी. तब यह तथ्य सामने आएगा कि ईडी फिर रिमांड मांगेगी या हेमंत न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेज दिए जाएंगे. खास बात है कि रिमांड की दूसरी अवधि खत्म होने के अगले ही दिन उनके द्वारा गिरफ्तारी को दी गई चुनौती से जुड़ी हस्तक्षेप याचिका पर हाईकोर्ट में विस्तृत सुनवाई होनी है.

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