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दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हत्या के आरोपी को 27 साल बाद किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला - EOW arrested murder accused

EOW arrested murder accused: दिल्ली पुलिस ने हत्या के आरोपी को 27 साल बाद गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. आरोपी को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया, जहां वह वेश बदलकर रह रहा था. क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं..

EOW arrested murder accused
EOW arrested murder accused
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 1, 2024, 11:25 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हत्या के आरोपी को 27 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी 1997 में एक व्यक्ति की हत्या कर हो गया था, जिसके बाद कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. 77 वर्षीय आरोपी को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया. वह यूपी और उत्तराखंड के अलग-अलग इलाके के मंदिरों में साधु का वेश बनाकर रह रहा था.

आर्थिक अपराध शाखा सेल के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल से मिली जानकारी के अनुसार, यूपी के मैनपुरी की रहने वाली सुनीता, दिल्ली के तुगलकाबाद में रहती थी. 4 फरवरी, 1997 को उन्होंने शिकायत दर्ज कराई की उनके पति किशन लाल गायब है. शिकायत में उन्होंने बताया कि 3 फरवरी की शाम उन्हें उनका एक रिश्तेदार रामू बुला कर ले गया, जिसके बाद वे घर ही नहीं लौटे. इस बीच सुनीता जब अपने भाई के साथ रामू के घर पर गई, तो वहां ताला लगा हुआ था. इसपर जब घर में झांक कर देखा गया तो वहां खून बिखरा पड़ा था. उसने इस बात की जानकारी पुलिस को दी.

जब पुलिस ने मौके पर आकर दरवाजा तोड़ा, तो सुनीता के पति की लाश चारपाई पर पड़ी थी और रामू व उसके परिजन फरार हो चुके थे. इसपर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. कोर्ट में सुनवाई के बाद 15 मई, 1997 रामू और टिल्लू को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया. तब से पुलिस इन दोनों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी. हाल ही में उन्हें टिल्लू के बारे में कुछ खुफिया जानकारी मिली थी. एक मोबाइल नंबर से पता चला कि वह यूपी और उत्तराखंड इलाके के मंदिर के आसपास सक्रिय दिख रहा है.

इस बीच पुलिस को आरोपी के ऋषिकेश के आसपास होने की जानकारी मिली, जिसके बाद उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने गुस्से में किशन लाल की हत्या कर दी थी. उसने बताया कि उसकी पत्नी की मौत बेटी के जन्म के बाद 1994 में हो गई थी और वह अपनी बेटी के साथ दिल्ली में रहने वाली बहन के घर आ गया था. उसके जीजा एक नया घर खरीदने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनका किशन लाल के साथ कुछ जमीनी विवाद था.

यह भी पढ़ें-एटीएम से कार्ड रीडर डिवाइस निकाल कर लोगों को ठगने वाले एटीएम ठगों के गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

इसी विवाद को खत्म करने के लिए 3 अप्रैल, 1997 को आरोपी रामू ने किशन लाल को अपने घर बुलाया, लेकिन बातचीत के दौरान मामला सुलझने की बजाय और उलझ गया और किशन लाल ने रामू और उसके परिवार को उसके भयंकर परिणाम भुगतने की धमकी दी. इस बीच टिल्लू ने किशनलाल की हत्या कर दी और परिवार के साथ फरार हो गया. तब से वह यूपी और उत्तराखंड के इलाके में रह रहा था. हालांकि मामले में अभी रामू को लेकर कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद में 8 साल की लड़की से चचेरे भाई ने किया दुष्कर्म, ईंट से कुचलकर मार डाला

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हत्या के आरोपी को 27 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी 1997 में एक व्यक्ति की हत्या कर हो गया था, जिसके बाद कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. 77 वर्षीय आरोपी को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया. वह यूपी और उत्तराखंड के अलग-अलग इलाके के मंदिरों में साधु का वेश बनाकर रह रहा था.

आर्थिक अपराध शाखा सेल के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल से मिली जानकारी के अनुसार, यूपी के मैनपुरी की रहने वाली सुनीता, दिल्ली के तुगलकाबाद में रहती थी. 4 फरवरी, 1997 को उन्होंने शिकायत दर्ज कराई की उनके पति किशन लाल गायब है. शिकायत में उन्होंने बताया कि 3 फरवरी की शाम उन्हें उनका एक रिश्तेदार रामू बुला कर ले गया, जिसके बाद वे घर ही नहीं लौटे. इस बीच सुनीता जब अपने भाई के साथ रामू के घर पर गई, तो वहां ताला लगा हुआ था. इसपर जब घर में झांक कर देखा गया तो वहां खून बिखरा पड़ा था. उसने इस बात की जानकारी पुलिस को दी.

जब पुलिस ने मौके पर आकर दरवाजा तोड़ा, तो सुनीता के पति की लाश चारपाई पर पड़ी थी और रामू व उसके परिजन फरार हो चुके थे. इसपर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. कोर्ट में सुनवाई के बाद 15 मई, 1997 रामू और टिल्लू को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया. तब से पुलिस इन दोनों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी. हाल ही में उन्हें टिल्लू के बारे में कुछ खुफिया जानकारी मिली थी. एक मोबाइल नंबर से पता चला कि वह यूपी और उत्तराखंड इलाके के मंदिर के आसपास सक्रिय दिख रहा है.

इस बीच पुलिस को आरोपी के ऋषिकेश के आसपास होने की जानकारी मिली, जिसके बाद उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने गुस्से में किशन लाल की हत्या कर दी थी. उसने बताया कि उसकी पत्नी की मौत बेटी के जन्म के बाद 1994 में हो गई थी और वह अपनी बेटी के साथ दिल्ली में रहने वाली बहन के घर आ गया था. उसके जीजा एक नया घर खरीदने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनका किशन लाल के साथ कुछ जमीनी विवाद था.

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इसी विवाद को खत्म करने के लिए 3 अप्रैल, 1997 को आरोपी रामू ने किशन लाल को अपने घर बुलाया, लेकिन बातचीत के दौरान मामला सुलझने की बजाय और उलझ गया और किशन लाल ने रामू और उसके परिवार को उसके भयंकर परिणाम भुगतने की धमकी दी. इस बीच टिल्लू ने किशनलाल की हत्या कर दी और परिवार के साथ फरार हो गया. तब से वह यूपी और उत्तराखंड के इलाके में रह रहा था. हालांकि मामले में अभी रामू को लेकर कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

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