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छत्तीसगढ़ के पावर सेंटर में 7 मई को मतदान, चुनावी मैदान में 25 उम्मीदवार - LOK SABHA ELECTION 2024

LOK SABHA ELECTION 2024 दुर्ग लोकसभा चुनाव में मतदान से पहले जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है.इस लोकसभा सीट पर 25 अभ्यर्थी चुनाव लड़ रहे हैं.Durg Lok Sabha Candidates

LOK SABHA ELECTION 2024
छत्तीसगढ़ के पावर सेंटर दुर्ग में 7 मई को मतदान
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 23, 2024, 10:53 PM IST

छत्तीसगढ़ के पावर सेंटर दुर्ग में 7 मई को मतदान

दुर्ग : लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार हो चुका है. नामांकन की समाप्ति की तारीख के बाद अब नामांकन भरने वाले अभ्यर्थियों की स्कूटनी हो चुकी है. स्कूटनी के बाद दुर्ग लोकसभा में 25 अभ्यर्थी चुनावी मैदान में है. जिसमें कांग्रेस, बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी जैसे राष्ट्रीय दलों सहित 22 निर्दलीय अभ्यर्थी चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोकेंगे.इस सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.

लोकसभा में 9 विधानसभा सीटें : दुर्ग लोकसभा के अंतर्गत दुर्ग जिले की 06 विधानसभा और बेमेतरा की 03 विधानसभा सीटें भी आती है. इस तरह दुर्ग लोकसभा में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं. दोनों जिले दुर्ग और बेमेतरा में जिला प्रशासन ने चुनावी तैयारी भी पूरी कर ली है. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में 20 लाख से अधिक मतदाता हैं.2223 मतदान केंद्र बनाया गया है.

''दुर्ग लोकसभा के लिए तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है. 25 अभ्यर्थियों में 03 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनका क्रिमिनल रिकॉर्ड भी हैं. सभी अभ्यर्थियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा करनी है. 7 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने 50 से अधिक राजपत्रित अधिकारियों की टीम बनाई है. जो पूरी तरह से निष्पक्ष चुनाव कराने का कार्य करेगी.'' ऋचा प्रकाश चौधरी,जिला निर्वाचन अधिकारी


दुर्ग लोकसभा सीट का सियासी इतिहास: दुर्ग को छत्तीसगढ़ की राजनीति का प्रमुख केंद्र माना जाता है. देश की आजादी से लेकर 70 के दशक तक इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन 1977 के चुनाव में यहां से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 1980 में कांग्रेस ने वापसी की और 1984 में भी जीत दोहराई. फिर 1989 में यहां जनता दल ने कांग्रेस को हराकर जीत हासिल किया. लेकिन वीपी सिंह की सरकार गिरने के बाद 1991 में कांग्रेस ने फिर एक बार यहां से जीत दर्ज की. 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद यह सीट बीजेपी का गढ़ बन गया. 1996 से लेकर 2009 तक लगातार पांच लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां जीत दर्ज की. लेकिन 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी को यहां कांग्रेस ने हरा दिया. हांलाकि, 2019 में बीजेपी ने वापसी की और विजय बघेल सांसद बने.

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दुर्ग : लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार हो चुका है. नामांकन की समाप्ति की तारीख के बाद अब नामांकन भरने वाले अभ्यर्थियों की स्कूटनी हो चुकी है. स्कूटनी के बाद दुर्ग लोकसभा में 25 अभ्यर्थी चुनावी मैदान में है. जिसमें कांग्रेस, बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी जैसे राष्ट्रीय दलों सहित 22 निर्दलीय अभ्यर्थी चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोकेंगे.इस सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.

लोकसभा में 9 विधानसभा सीटें : दुर्ग लोकसभा के अंतर्गत दुर्ग जिले की 06 विधानसभा और बेमेतरा की 03 विधानसभा सीटें भी आती है. इस तरह दुर्ग लोकसभा में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं. दोनों जिले दुर्ग और बेमेतरा में जिला प्रशासन ने चुनावी तैयारी भी पूरी कर ली है. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में 20 लाख से अधिक मतदाता हैं.2223 मतदान केंद्र बनाया गया है.

''दुर्ग लोकसभा के लिए तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है. 25 अभ्यर्थियों में 03 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनका क्रिमिनल रिकॉर्ड भी हैं. सभी अभ्यर्थियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा करनी है. 7 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने 50 से अधिक राजपत्रित अधिकारियों की टीम बनाई है. जो पूरी तरह से निष्पक्ष चुनाव कराने का कार्य करेगी.'' ऋचा प्रकाश चौधरी,जिला निर्वाचन अधिकारी


दुर्ग लोकसभा सीट का सियासी इतिहास: दुर्ग को छत्तीसगढ़ की राजनीति का प्रमुख केंद्र माना जाता है. देश की आजादी से लेकर 70 के दशक तक इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन 1977 के चुनाव में यहां से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 1980 में कांग्रेस ने वापसी की और 1984 में भी जीत दोहराई. फिर 1989 में यहां जनता दल ने कांग्रेस को हराकर जीत हासिल किया. लेकिन वीपी सिंह की सरकार गिरने के बाद 1991 में कांग्रेस ने फिर एक बार यहां से जीत दर्ज की. 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद यह सीट बीजेपी का गढ़ बन गया. 1996 से लेकर 2009 तक लगातार पांच लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां जीत दर्ज की. लेकिन 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी को यहां कांग्रेस ने हरा दिया. हांलाकि, 2019 में बीजेपी ने वापसी की और विजय बघेल सांसद बने.

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