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दुर्ग में गैस पाइप लाइन को लेकर मचा बवाल, किसानों ने लगाए गंभीर आरोप - दुर्ग जिला मुख्यालय

Durg Kisan Protest दुर्ग में गैस पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल दिया है. किसानों का आरोप है कि कंपनी किसानों के अनुमति बिना जबरदस्ती उनके खेतों पर गड्ढा खोदकर पाइप लाइन बिछा रही है. किसानों ने दुर्ग कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी है.

GAIL India Limited
दुर्ग में किसानों ने किया प्रदर्शन
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 6, 2024, 4:54 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 5:09 PM IST

गैस पाइप लाइन के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

दुर्ग: बुधवार को जिले के 16 गांवों से किसान दुर्ग जिला मुख्यालय पहुंचे हुए हैं. किसानों ने गैस पाइप लाइन बिछाने वाले कंपनी के विरोध में रैली और धरना प्रदर्शन किया है. उनका आरोप है कि गेल इंडिया कंपनी किसानों के अनुमति बिना जबरदस्ती उनके खेतों में गड्ढा खोदकर पाइप लाइन बिछा रही है.

किसानों ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप: दुर्ग जिले के 21 गांवों से होकर गेल इंडिया कंपनी की मुंबई नागपुर झारसुगुड़ा गैस पाइप लाइन गुजर रही है. इनमें से 16 गांवों के नाराज किसानों ने कंपनी खिलाफ दुर्ग जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया है. किसानों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने रवेली और बोड़ेगांव के आसपास बिना अनुमति लिए उनके खेतों में लगी फसल को गाड़ी से रौंदा और वहां पाइप लाइन के लिए खुदाई शुरू कर दिया है. किसानों ने कलेक्टर और संभागायुक्त को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

हम लोग पाइपलाइन के लिए जमीन नहीं देना चाहते. कंपनी ने करंट अधिकारी के बजाय रिटायर्ड अधिकारी को लेकर आए और हमें गुमराह कर पाइपलाइन बिछा दिया है. हम लोग चाहते हैं कि खेतों से पाइप लाइन हटाया जाए. वहीं से हमारी आजीविका चलती है, बच्चों को भोजन मिलता है. गलत तरीके से काम हुआ है, जिसके खिलाफ आवाज उठाने आए हैं. - कोमल देशमुख, प्रदर्शनकारी

गेल इंडिया कंपनी पर कार्रवाई की मांग: किसानों ने संभाग आयुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाने की मांग की है. उनकी मांग है कि जिला कलेक्टर, तीनों एसडीएम, गेल इंडिया के अधिकारी और 21 गांव के किसानों को इस बैठक में बुलाया जाए. उन्होंने जिला फ्रशासन और गेल इंडिया के बीच बातचीत में किसानों को शामिल करने की मांग रखी है. किसानों ने जिला प्रशासन को मांग जल्द पूरी नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतवानी भी दी है.

गेल इंडिया पाइपलाइन अधिनियम 1962 के तमाम प्रावधानों और नियमों का उल्लंघन कर किसानों के खेतों में मनमाने तरीके से पाइपलाइन बिछा रहा है. न जिला प्रशासन हमारी बात सुन रहा है, न गेल इंडिया सुनने को तैयार है. कई किसानों का आरोप है कि धारा 10 के तहत लिखित मुआवजा का नोटिस नहीं दिया जा रहा है. हर गांव के केवल 4-5 किसानों के खाते में पैसा डालकर बाकी किसानों को गुमराह कर उनके खेतों में गैस पाइपलाइन बिछा दिया है. न नोटिस मिला न मुआवजा मिला है. - संदीप पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता

किसानों को मुआवजा दिलाने दिया भरोसा: दुर्ग सांसद विजय बघेल ने इस मामले में कहा है कि प्रभावित किसानों को उनका मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, "जिन किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है, जिला प्रशासन को जल्द राशि देने पर चर्चा किया जाएगा."

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अंतर्गत 21 गांवों से होकर मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा गैस पाइप लाइन गुजर रही है. इसके तहत गेल इंडिया कंपनी दुर्ग और धमधा ब्लॉक के 850 से अधिक किसानों की जमीन पर गैस पाइप लाइन बिछा रही है. किसानों के लगाए गए आरोपों के बाद यह पूरा प्रोजेक्ट विवादों में घर गया है.

भिलाई स्टील प्लांट प्लेट मिल में पहली बार बदली जा रही गैस पाइपलाइन
बिना अनुमति खेतों में बिछाई जा रही प्राकृतिक गैस पाइपलाइन, कलेक्ट्रेट में सौंपा ज्ञापन
राजनांदगांव में गैस पाइपलाइन के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल

गैस पाइप लाइन के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

दुर्ग: बुधवार को जिले के 16 गांवों से किसान दुर्ग जिला मुख्यालय पहुंचे हुए हैं. किसानों ने गैस पाइप लाइन बिछाने वाले कंपनी के विरोध में रैली और धरना प्रदर्शन किया है. उनका आरोप है कि गेल इंडिया कंपनी किसानों के अनुमति बिना जबरदस्ती उनके खेतों में गड्ढा खोदकर पाइप लाइन बिछा रही है.

किसानों ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप: दुर्ग जिले के 21 गांवों से होकर गेल इंडिया कंपनी की मुंबई नागपुर झारसुगुड़ा गैस पाइप लाइन गुजर रही है. इनमें से 16 गांवों के नाराज किसानों ने कंपनी खिलाफ दुर्ग जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया है. किसानों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने रवेली और बोड़ेगांव के आसपास बिना अनुमति लिए उनके खेतों में लगी फसल को गाड़ी से रौंदा और वहां पाइप लाइन के लिए खुदाई शुरू कर दिया है. किसानों ने कलेक्टर और संभागायुक्त को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

हम लोग पाइपलाइन के लिए जमीन नहीं देना चाहते. कंपनी ने करंट अधिकारी के बजाय रिटायर्ड अधिकारी को लेकर आए और हमें गुमराह कर पाइपलाइन बिछा दिया है. हम लोग चाहते हैं कि खेतों से पाइप लाइन हटाया जाए. वहीं से हमारी आजीविका चलती है, बच्चों को भोजन मिलता है. गलत तरीके से काम हुआ है, जिसके खिलाफ आवाज उठाने आए हैं. - कोमल देशमुख, प्रदर्शनकारी

गेल इंडिया कंपनी पर कार्रवाई की मांग: किसानों ने संभाग आयुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाने की मांग की है. उनकी मांग है कि जिला कलेक्टर, तीनों एसडीएम, गेल इंडिया के अधिकारी और 21 गांव के किसानों को इस बैठक में बुलाया जाए. उन्होंने जिला फ्रशासन और गेल इंडिया के बीच बातचीत में किसानों को शामिल करने की मांग रखी है. किसानों ने जिला प्रशासन को मांग जल्द पूरी नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतवानी भी दी है.

गेल इंडिया पाइपलाइन अधिनियम 1962 के तमाम प्रावधानों और नियमों का उल्लंघन कर किसानों के खेतों में मनमाने तरीके से पाइपलाइन बिछा रहा है. न जिला प्रशासन हमारी बात सुन रहा है, न गेल इंडिया सुनने को तैयार है. कई किसानों का आरोप है कि धारा 10 के तहत लिखित मुआवजा का नोटिस नहीं दिया जा रहा है. हर गांव के केवल 4-5 किसानों के खाते में पैसा डालकर बाकी किसानों को गुमराह कर उनके खेतों में गैस पाइपलाइन बिछा दिया है. न नोटिस मिला न मुआवजा मिला है. - संदीप पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता

किसानों को मुआवजा दिलाने दिया भरोसा: दुर्ग सांसद विजय बघेल ने इस मामले में कहा है कि प्रभावित किसानों को उनका मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, "जिन किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है, जिला प्रशासन को जल्द राशि देने पर चर्चा किया जाएगा."

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अंतर्गत 21 गांवों से होकर मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा गैस पाइप लाइन गुजर रही है. इसके तहत गेल इंडिया कंपनी दुर्ग और धमधा ब्लॉक के 850 से अधिक किसानों की जमीन पर गैस पाइप लाइन बिछा रही है. किसानों के लगाए गए आरोपों के बाद यह पूरा प्रोजेक्ट विवादों में घर गया है.

भिलाई स्टील प्लांट प्लेट मिल में पहली बार बदली जा रही गैस पाइपलाइन
बिना अनुमति खेतों में बिछाई जा रही प्राकृतिक गैस पाइपलाइन, कलेक्ट्रेट में सौंपा ज्ञापन
राजनांदगांव में गैस पाइपलाइन के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल
Last Updated : Mar 6, 2024, 5:09 PM IST
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