रांची: एक तरफ कार्यालय में सन्नाटा, वहीं दूसरी ओर सड़क पर आंदोलन कुछ ऐसा ही नजारा सोमवार को देखने को मिला. दरअसल, अपनी नौ सूत्री मांगों के समर्थन में झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ से जुड़े तमाम कर्मचारियों के अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाने से सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसर गया.
कार्यालयों में कामकाज प्रभावित
कर्मचारियों की हड़ताल पर चले जाने के करण समाहरणालय से लेकर अनुमंडल और प्रखंड कार्यालय में पहले दिन से ही कामकाज प्रभावित होने लगा है. एक तरफ कर्मचारी अपनी मांगों को मनवाने के लिए राजभवन के समक्ष आंदोलन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आवश्यक कार्यों से दूर-दराज से सरकारी दफ्तर पहुंचने वाले आम लोग निराश होकर कार्यालय से वापस लौट रहे हैं.
अनुसचिवीय कर्मचारियों की मांगों की होती रही है अनदेखीः जसीम अख्तर
राजभवन के समक्ष अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के मुख्य संरक्षक जसीम अख्तर कहते हैं कि सरकार को इससे पहले कई बार अल्टीमेटम दिया गया. चरणबद्ध तरीके से हम लोगों के द्वारा कई बार आंदोलन भी किए गए इसके बावजूद सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी. इस कारण आज हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए विवश हो चुके हैं. जाहिर तौर पर हड़ताल की वजह से समाहरणालय से लेकर अनुमंडल और प्रखंड कार्यालय में कामकाज ठप हो गया है.
मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की घोषणा
हड़ताल पर गए झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ ने मांगे माने जाने तक हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है. आंदोलनकारी की प्रमुख मांगों में निम्न वर्गीय लिपिक का ग्रेड पे 2400 रुपये करने, प्रशासी अधिकारी का 5400 ग्रेड पे करने की मांग, उच्च वर्गीय का 4600 ग्रेड पे और कार्यालय अधीक्षक का 4800 ग्रेड पे करने की मांग है. इसके अलावा कर्मियों के पद सृजन, प्रोन्नति और एसीपी की अवधि 10 से घटाकर 8 साल करने की मांग शामिल है.
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