ETV Bharat / state

पुलिस बेड़े को मजबूत बना रहा ड्रोन, बजरी माफिया पर नकेल कसने के लिए मददगार बनेगी 'तीसरी आंख' - Drone Help in nabbing Gravel Mafia

राजस्थान पुलिस ने बजरी माफिया पर नकेल कसने, ट्रॉफिक कंट्रोल करने और आपदा के समय कम फोर्स के साथ कार्रवाई के लिए ड्रोन की मदद लेना शुरू किया है. इसे लेकर एक ड्रोन शो का आयोजन जयपुर में किया गया.

RAJASTHAN POLICE DRON SHOW
जयपुर में ड्रोन शो का आयोजन (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 14, 2024, 8:30 PM IST

ड्रोन बनेगा पुलिस का 'हथियार', ये हो रही तैयारी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: कानून-व्यवस्था की स्थिति हो, ट्रैफिक मैनेजमेंट हो या किसी आपदा में तुरंत मदद पहुंचाना हो, ड्रोन तकनीक राजस्थान पुलिस के बेड़े को मजबूती दे रहा है. अब धौलपुर और टोंक में बजरी माफिया पर लगाम कसने के लिए भी पुलिस ड्रोन की मदद ले रही है. दरअसल, स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राजधानी के घाटगेट स्थित पुलिस दूरसंचार लाइन में 'ड्रोन शो: सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन' का प्रदर्शन किया गया. इसमें बताया गया कि ट्रैफिक मैनेजमेंट, कानून-व्यवस्था, किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने में ड्रोन तकनीक कैसे पुलिस की मददगार बन रही है.

बीकानेर में ट्रैफिक मैनेजमेंट में ड्रोन का उपयोग: पुलिस दूरसंचार एवं तकनीकी सेवाओं के निदेशक दौलतराम अटल ने बताया कि पुलिस में हम बेहतर तकनीक का उपयोग किस क्षेत्र में कर सकते हैं. उसी के तहत ड्रोन को भी इसमें शामिल किया गया है. देहरादून पुलिस की तर्ज पर बीकानेर पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है. धौलपुर पुलिस बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. अब टोंक में भी बजरी माफिया पर नकेल कसने के लिए ड्रोन का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है.

पढ़ें: गुलाबी नगरी में साकार हुआ अयोध्या सा नजारा, ड्रोन ने आसमान में उकेरे राम, 1.11 लाख दीपकों से हुई आरती

अपहृत को छुड़ाने के लिए ली गई ड्रोन की मदद: पुलिस दूरसंचार और तकनीकी सेवा के एसपी डॉ हेमराज मीना ने बताया हमने आज के शो में यह बताने का प्रयास किया है कि ड्रोन किस तरह हर क्षेत्र में पुलिस के लिए सहयोगी साबित हो रहा है. चंबल से लेकर दूसरे शहरों तक बजरी माफिया जो बजरी लेकर जाते हैं. ड्रोन से सर्वे करके उन्हें कैसे पकड़ सकते हैं. बीकानेर पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. नर्सिंग छात्र के अपहरण के मामले में टोंक पुलिस ने जंगल में ड्रोन की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. कानून व्यवस्था हो या वीआईपी विजिट. यह मशीन पुलिस के लिए बेहतर उपयोगी साबित हो रही है.

पढ़ें: साइबर क्राइम की चुनौती से निपटने के लिए जयपुर में जुटेंगे 1600 साइबर एक्सपर्ट, ड्रोन शो होगा आकर्षण का केंद्र

हर थाने तक ड्रोन मुहैया करवाने का लक्ष्य: उन्होंने बताया कि इसका कैसे अधिकतम उपयोग करके कम फोर्स के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके. इसे लेकर हमने जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया है. आज पुलिस के पास 52 ड्रोन हैं. आने वाले समय में हर वृत्ताधिकारी कार्यालय और हर थाने तक ड्रोन मुहैया करवाने की योजना है. कांस्टेबल को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. मेलों में भीड़ मैनेजमेंट, कानून-व्यवस्था और वीआईपी विजिट में हम कोशिश कर रहे हैं कि कम से कम फोर्स के साथ ज्यादा लोगों की सेवा कैसे हो और त्वरित कार्रवाई कैसे ड्रोन की मदस से की जा सकती है.

पढ़ें: अवैध खनन के खिलाफ कल से जांच अभियान, अवैध खनन की होगी ड्रोन वीडियोग्राफी

धरना-प्रदर्शन, संदिग्ध वाहन पर भी नजर: ड्रोन सेवा प्रदाता कंपनी के प्रतिनिधि लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) फ्लेरेंस विचम ने कहा, हम राजस्थान पुलिस के साथ पांच साल से जुड़े हैं. हमने राजस्थान पुलिस को करीब 50 ड्रोन मुहैया करवाए हैं. हम पुलिस के लिहाज से पूरे प्रदेश में ड्रोन तकनीक को उपयोगी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. कानून-व्यवस्था हो या ट्रैफिक मैनेजमेंट या कोई ओर मसला. ड्रोन हर क्षेत्र में पुलिस के लिए उपयोगी साबित हो रहा है. धरना प्रदर्शन पर नजर रखना हो या संदिग्ध लोगों और वाहन पर नजर रखना हो. ड्रोन पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है.

ड्रोन बनेगा पुलिस का 'हथियार', ये हो रही तैयारी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: कानून-व्यवस्था की स्थिति हो, ट्रैफिक मैनेजमेंट हो या किसी आपदा में तुरंत मदद पहुंचाना हो, ड्रोन तकनीक राजस्थान पुलिस के बेड़े को मजबूती दे रहा है. अब धौलपुर और टोंक में बजरी माफिया पर लगाम कसने के लिए भी पुलिस ड्रोन की मदद ले रही है. दरअसल, स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राजधानी के घाटगेट स्थित पुलिस दूरसंचार लाइन में 'ड्रोन शो: सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन' का प्रदर्शन किया गया. इसमें बताया गया कि ट्रैफिक मैनेजमेंट, कानून-व्यवस्था, किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने में ड्रोन तकनीक कैसे पुलिस की मददगार बन रही है.

बीकानेर में ट्रैफिक मैनेजमेंट में ड्रोन का उपयोग: पुलिस दूरसंचार एवं तकनीकी सेवाओं के निदेशक दौलतराम अटल ने बताया कि पुलिस में हम बेहतर तकनीक का उपयोग किस क्षेत्र में कर सकते हैं. उसी के तहत ड्रोन को भी इसमें शामिल किया गया है. देहरादून पुलिस की तर्ज पर बीकानेर पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है. धौलपुर पुलिस बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. अब टोंक में भी बजरी माफिया पर नकेल कसने के लिए ड्रोन का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है.

पढ़ें: गुलाबी नगरी में साकार हुआ अयोध्या सा नजारा, ड्रोन ने आसमान में उकेरे राम, 1.11 लाख दीपकों से हुई आरती

अपहृत को छुड़ाने के लिए ली गई ड्रोन की मदद: पुलिस दूरसंचार और तकनीकी सेवा के एसपी डॉ हेमराज मीना ने बताया हमने आज के शो में यह बताने का प्रयास किया है कि ड्रोन किस तरह हर क्षेत्र में पुलिस के लिए सहयोगी साबित हो रहा है. चंबल से लेकर दूसरे शहरों तक बजरी माफिया जो बजरी लेकर जाते हैं. ड्रोन से सर्वे करके उन्हें कैसे पकड़ सकते हैं. बीकानेर पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. नर्सिंग छात्र के अपहरण के मामले में टोंक पुलिस ने जंगल में ड्रोन की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. कानून व्यवस्था हो या वीआईपी विजिट. यह मशीन पुलिस के लिए बेहतर उपयोगी साबित हो रही है.

पढ़ें: साइबर क्राइम की चुनौती से निपटने के लिए जयपुर में जुटेंगे 1600 साइबर एक्सपर्ट, ड्रोन शो होगा आकर्षण का केंद्र

हर थाने तक ड्रोन मुहैया करवाने का लक्ष्य: उन्होंने बताया कि इसका कैसे अधिकतम उपयोग करके कम फोर्स के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके. इसे लेकर हमने जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया है. आज पुलिस के पास 52 ड्रोन हैं. आने वाले समय में हर वृत्ताधिकारी कार्यालय और हर थाने तक ड्रोन मुहैया करवाने की योजना है. कांस्टेबल को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. मेलों में भीड़ मैनेजमेंट, कानून-व्यवस्था और वीआईपी विजिट में हम कोशिश कर रहे हैं कि कम से कम फोर्स के साथ ज्यादा लोगों की सेवा कैसे हो और त्वरित कार्रवाई कैसे ड्रोन की मदस से की जा सकती है.

पढ़ें: अवैध खनन के खिलाफ कल से जांच अभियान, अवैध खनन की होगी ड्रोन वीडियोग्राफी

धरना-प्रदर्शन, संदिग्ध वाहन पर भी नजर: ड्रोन सेवा प्रदाता कंपनी के प्रतिनिधि लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) फ्लेरेंस विचम ने कहा, हम राजस्थान पुलिस के साथ पांच साल से जुड़े हैं. हमने राजस्थान पुलिस को करीब 50 ड्रोन मुहैया करवाए हैं. हम पुलिस के लिहाज से पूरे प्रदेश में ड्रोन तकनीक को उपयोगी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. कानून-व्यवस्था हो या ट्रैफिक मैनेजमेंट या कोई ओर मसला. ड्रोन हर क्षेत्र में पुलिस के लिए उपयोगी साबित हो रहा है. धरना प्रदर्शन पर नजर रखना हो या संदिग्ध लोगों और वाहन पर नजर रखना हो. ड्रोन पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.