चमोली: बदरीनाथ विधानसभा उप चुनाव के लिए 210 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इस बार कुछ बूथ ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को पैदल ट्रैक करना पड़ेगा. ऐसा ही एक गांव है द्रोणागिरि, जो समुद्र तल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सबसे ऊंचाई पर स्थित पोलिंग बूथ भी है. द्रोणागिरि बूथ तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को गोपेश्वर मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर वाहन से सफर करने के बाद जुम्मा पहुंचना होगा. यहां से 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार करते हुए पोलिंग के लिए द्रोणागिरी गांव पहुंचना होगा.
द्रोणागिरि भोटिया जनजाति का गांव है. समुद्र तल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे इस गांव में करीब 115 परिवार रहते हैं. सर्दियों में द्रोणागिरि गांव में काफी बर्फबारी होती है कि यहां रुकना काफी मुश्किल भरा होता है. ऐसे में यहां के लोग अक्टूबर के दूसरे-तीसरे हफ्ते तक चमोली शहर के आसपास बसे अपने अन्य माइग्रेटड स्थानों पर आ जाते हैं. इसके बाद मई में जब बर्फ पिघल जाती है, तब एक बार फिर से द्रोणागिरि गांव आबाद होता है. तब गांव के लोग यहां वापस लौट आते हैं.
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली बार सीमांत नीती-माणा घाटी के 3838 माइग्रेट मतदाता अपने मूल गांव में ही मतदान करेंगे. इसी के मद्देनजर प्रशासन ने नीती-माणा घाटी में नौ पोलिंग बूथ बनाए हैं. जिसमें द्रोणागिरि, मलारी, कैलाशपुर, गमशाली, जेलम, कोषा, जुम्मा, नीती और माणा शामिल हैं. पोलिंग बूथ संख्या 64-द्रोणागिरि में 368 मतदाता हैं, जिसमें 191 पुरुष और 177 महिला मतदाता शामिल हैं. बदरीनाथ विधानसभा के लिए 10 जुलाई 2024 को मतदान होगा. ऐसे में अपने मूल गांव में मतदान को लेकर स्थानीय मतदाताओं में काफी उत्साह बना हुआ है.
पढ़ें-उत्तराखंड में विधानसभा उपचुनाव के वोटिंग के दिन रहेगा अवकाश, मतदान प्रतिशत बढ़ाना लक्ष्य