जयपुर: आखिरकार प्रदेश की नई खेल नीति का ड्राफ्ट सरकार ने तैयार कर लिया है. इस ड्राफ्ट में काफी कुछ नए खिलाड़ियों और खेल के लिए किया गया है. पिछले कुछ सालों से राजस्थान में लगातार खेल नीति का ड्राफ्ट तैयार करने की मांग की जा रही थी. इस खेल नीति में खेलों को लेकर तीन श्रेणी तय की गई है. हालांकि इन तीनों श्रेणियां में क्रिकेट और पोलो को शामिल नहीं किया गया है. सरकार की इस खेल नीति के ड्राफ्ट में खिलाड़ियों के पेंशन की बात भी की गई है.
इन श्रेणी में बांटे गए खेल:
- पहली श्रेणी में मुख्य रूप से 9 खेलों को प्रमुखता दी गई है जिसमें एथलेटिक्स, आर्चरी, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, साइकलिंग, शूटिंग, ताइक्वांडो और वॉलीबॉल को शामिल किया गया है.
- जबकि दूसरी श्रेणी में छह खेलों को शामिल किया गया है जिसमें फेंसिंग, जूडो, वेटलिफ्टिंग, हैंडबॉल, पावर लिफ्टिंग और रेसलिंग को शामिल किया गया है.
- तीसरी श्रेणी में 22 खेलों को शामिल किया गया है जिसमें शतरंज, फुटबॉल, जिमनास्टिक, कबड्डी, खो-खो, नेटबॉल, रग्बी, सेपक टकराव, स्क्वैश, टेबल टेनिस, वुशु, इक्वेस्ट्रियन, गोल्फ, हॉकी, कयकिंग एंड कैननोइंग, लॉन बॉल्स, रोइंग, सेलिंग, सॉफ्ट टेनिस, स्विमिंग, ट्रायथलॉन और याकिन जैसे खेलों को शामिल किया गया है.
खेल से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर होगा डेवलप:
इस खेल नीति के ड्राफ्ट में खेलों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने की बात कही गई है. इसके लिए अलग-अलग श्रेणी तैयार की गई है.
- खिलाड़ियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ-साथ हाई परफार्मेंस सेंटर जयपुर में बनाया जाएगा.
- डिवीजन लेवल पर स्टैंडर्ड स्टेडियम बनाने की स्कीम लाई जाएगी.
- डिस्ट्रिक्ट लेवल पर खेल मैदानों को अपग्रेड और डेवलप किया जाएगा.
- तहसील और सब डिविजनल स्तर पर इनडोर और आउटडोर स्पोर्ट्स फैसिलिटी डेवलप की जाएगी.
- ग्राम पंचायत स्तर पर बेसिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा.
- स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को डेवलप किया जाएगा.
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फिट राजस्थान: इस खेल नीति ड्राफ्ट में 'फिट राजस्थान' को लेकर भी बात कही गई है. इसके तहत कम्युनिटी लेवल इंगेजमेंट प्रोग्राम्स चलाए जाएंगे, जिसमें रूरल कम्युनिटी इंगेजमेंट, अर्बन कम्युनिटी इंगेजमेंट, स्कूल और कॉलेज लेवल पर इंगेजमेंट प्रोग्राम्स चलाए जाएंगे. ताकि हर स्तर पर लोगों को फिट रखा जा सके और अधिक से अधिक लोगों को खेलों से जोड़ा जा सके. इसके तहत विभिन्न खेलों का भी आयोजन किया जाएगा. जिसमें नेशनल लेवल और मल्टी स्पोर्ट्स खेल शामिल होंगे. इसके अलावा गांव और शहरों के अलावा छोटे कस्बों में टैलेंट आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम भी चलाए जाएंगे.
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एथलीट डेवलपमेंट प्रोग्राम: सरकार का मानना है कि एथलीट डेवलपमेंट प्रोग्राम सबसे मुख्य कार्यक्रम है जिसके द्वारा स्पोर्ट्स डेवलपमेंट को लेकर एक इकोसिस्टम तैयार किया जा सकता है. इसके तहत स्कूल लेवल पर स्पोर्ट्स अकेडमी तैयार की जाएगी. जहां बेसिक खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और खेल इक्विपमेंट्स मुहैया करवाए जाएंगे. इसके साथ ही रेगुलर ट्रेंनिंग सेंटर प्रोग्राम भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर चलाए जाएंगे.
इसके साथ ही विभिन्न योजनाएं भी बनाई जाएंगी. इनमें ये योजनाएं होंगी:
- कैपेसिटी बिल्डिंग का कोचेज
- कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफ टेक्निकल ऑफिशल्स
- इंगेजमेंट का एक्सपर्ट कोचेज
- कैपेसिटी बिल्डिंग का एडमिनिस्ट्रेटर
खेलों का होगा डिजिटलाइजेशन:
- एथलीट डाटा मैनेजमेंट सिस्टम डेवलप किया जाएगा.
- एथलीट परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम.
- एकेडमी मैनेजमेंट सिस्टम को किया जाएगा शामिल.
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग जाएगा किया.
- इसके अलावा जियो टैगिंग के माध्यम से खेलों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर नजर रखी जाएगी.
स्पोर्ट्स पेंशन प्रोग्राम, मेडिकल इंश्योरेंस: सरकार की इस खेल नीति से जुड़े ड्राफ्ट में पहली बार स्पोर्ट्स पेंशन प्रोग्राम की बात कही गई है. जिसके तहत एथलीट, पैरा एथलीट और कोचेज के लिए 20000 रुपए पेंशन के रूप में दिए जाएंगे. इसके तहत जिन खिलाड़ियों ने ओलंपिक गेम्स, पैरा ओलंपिक गेम्स, एशियन गेम्स, पैरा एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, पैरा कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता हो, उन्हें पेंशन दी जाएगी. इसके अलावा अर्जुन और द्रोणाचार्य अवार्ड प्राप्त करने वाले कोच को इसमें शामिल किया गया है. इसके साथ ही खिलाड़ियों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा भी दी जाएगी. जिसके तहत इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ियों को 10 लाख और नेशनल लेवल के खिलाड़ियों को 5 लाख का इंश्योरेंस कवरेज दिया जाएगा.