लखनऊ : प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लगेगी. मशीन व बंकर के लिए सरकार ने 60 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर दिया है. संस्थान प्रशासन ने मशीन स्थापित करने की तैयारी तेज कर दी है. 13 सितंबर को संस्थान के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एडवांस न्यूरो साइंसेज सेंटर का शुभारंभ कराने की तैयारी है.
संस्थान के छह मंजिला भवन में एडवांस न्यूरो साइंसेज सेंटर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि सेंटर में प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन लगेगी. शासन ने मशीन के लिए 55 करोड़ व बंकर के लिए पांच करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है. ऐसे में ब्रेन ट्यूमर, हेड इंजरी समेत अन्य बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा.
न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह ने बताया कि गामा नाइफ बिना चीरा-टांका लगाए ब्रेन में ऐसे छोटे ट्यूमर पर सटीक वार कर सकती है, जहां पर ऑपरेशन संभव नहीं है. इसमें गामा किरणों की डोज दी जाती है. इससे रक्तवाहिकाओं को नुकसान नहीं होता है. यह इलाज रेडिएशन आंकोलॉजी व न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर मिलकर करते हैं. इसमें मरीज की फ्रेमिंग व इमेजिंग कर रेडिएशन दिया जाता है. कम समय में अधिक से अधिक मरीजों का इलाज हो सकेगा.
निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि न्यूरो साइंस सेंटर 200 बेड का होगा. इसमें न्यूरोलॉजी-न्यूरो सर्जरी के सेंटर में 100-100 बेड होंगे. इनमें 60 बेड आईसीयू-वेंटिलेटर के होंगे. यहां सिर की बीमारी व चोट का संपूर्ण इलाज एक छत के नीचे मिलेगा. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं होगा.
गामा नाइफ तकनीक ट्यूमर के विकास को रोकने या मस्तिष्क के अंदर घावों की मरम्मत में कारगर है. यह 192 कोबाल्ट-60 विकिरण स्रोत का उपयोग करती है. कैंसरग्रस्त ट्यूमर के लिए विकिरण ट्यूमर कोशिकाओं के डीएनए को बदल देता है. इसके बाद ट्यूमर अगले कुछ समय में सिकुड़ने लगता है. इसमें कोई चीरा नहीं लगाना पड़ता है. प्रक्रिया दो से पांच दिनों में हो जाती है. रिकवरी की अवधि बहुत तेज होती है.
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