नई दिल्ली: दिल्ली में हर तरह के प्रदूषण को फैलने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयास करती रहती है. इसके लिए सरकार प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज, कंपनियों, विभागों, एजेंसियों, निकायों और एस्टीबलेस्मेंट से भारी भरकम जुर्माना भी वूसलती है. पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार ने 96 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूल किया है. जबकि इसके बड़े हिस्से को प्रदूषण रोकने के लिए खर्च करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने वूसली गई इस जुर्माना राशि का करीब 18 फीसदी हिस्सा ही खर्च किया है.
डीपीसीसी ने पिछले 10 सालों में 9602.32 लाख रुपये जुर्माने के रूप में वसूले
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 सालों में डीपीसीसी ने 9602.32 लाख रुपये प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई करते हुए जुर्माने के रूप में वसूल किया है. साल 2014-15 से लेकर 2023-24 के वित्तीय वर्ष में डीपीसी ने यह राशि जुर्माना राशि अलग-अलग प्रतिष्ठानों, विभागों व अन्य पर कार्रवाई करके वसूली है.
इसके साथ ही वायु प्रदूषण के दूसरे कारक बनी कंस्ट्रक्शन कंपनियों, प्रतिष्ठानों, विभागों, निकायों व एजेंसियों पर भी भारी भरकम जुर्माना लगाया गया था. सरकार ने अलग-अलग वित्तीय वर्षों में हजारों करोड़ रुपए जुर्माना राशि के रूप में वसूल किया है. हालांकि, इस राशि का कुछ हिस्सा प्रदूषण को रोकने के लिए समय-समय पर चलाए गए अलग-अलग अभियानों पर किया गया. लेकिन विभाग की ओर से इस राशि के बड़े हिस्से को खर्च करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं रही है.
डीपीसीसी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 सालों के दौरान तीन वित्तीय वर्षों में सरकार को प्रदूषण फैलाने को लगाए जुर्माने के रूप में भारी भरकम राशि वसूल हुई है. 2019-20 के वित्तीय वर्ष में 1984.97 लाख रुपए वसूल हुए. जबकि 2022-23 में यह जुर्माना राशि 1914.74 लाख रुपए वसूल हुई. वहीं, 2016-17 के वित्तीय वर्ष में डीपीसीसी को 1674.65 लाख रुपए जुर्माना राशि वसूल हुई थी.
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पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा जुर्माना राशि के रूप में 2019-20 के वित्तीय वर्ष में 1984. 97 लाख रुपए वसूल हुए थे. जबकि सरकार ने इस राशि में से सिर्फ 139.89 लाख रुपए ही अलग-अलग तरह के कैंपेन पर खर्च किए हैं. इसी तरह से 2016-17 में 129.76 लाख रुपए, जबकि 2022-23 में वसूल हुई 1914.74 लाख रुपए की राशि में सिर्फ 145.23 लाख रुपए ही प्रदूषण रोकथाम में उठाए जाने वाले कदमों और कैंपेन पर खर्च किए हैं.
बात अगर बाकी और सालों की करें तो 2015-16 में सरकार को 358.75 लाख रुपए, 2017-18 में 342.26 लाख रुपए, 2018-19 में 560.66 लाख रुपए, 2020-21 में 917. 26 लाख रुपए और 2023-24 में जून 2023 तक 164.26 लाख रुपए जुर्माना राशि के रूप में वसूल किए गए थे. विभाग का कहना है कि 2014-15 के वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार को किसी प्रकार का कोई जुर्माना राशि वसूल नहीं हो पाई.
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों और तमाम तरह के कैंपेन आदि पर वसूल जुर्माना राशि के मुकाबले सिर्फ 17.93 फ़ीसदी राशि ही खर्च की है. बात अगर हर साल खर्च किए जाने वाली राशि की करें तो 2015-16 में वसूल राशि में से सिर्फ 71. 24 लाख रुपए, 2016-17 में 129.76 लाख रुपये, 2017-18 में 255. 27 लाख रुपए, 2018-19 में 134.96 लाख रुपये, 2019-20 में 139.89 लाख रुपए, 2020-21 में 290.49 लाख रुपए, 2021-22 में 123.55 लाख रुपए, 2022-23 में 145.23 लाख रुपए और 2023-24 में जून 2023 तक 432.5 लाख रुपए खर्च किए गए हैं.
बता दें, दिल्ली सरकार की ओर से पिछले कई सालों से दिल्ली में एंटी डस्ट कैंपेन भी चलाया जाता रहा है. 15 जून से शुरू यह कैंपेन इस बार 30 जून तक चलेगा. इसके लिए सरकार ने 85 मैकेनिक रोड स्वीपिंग मशीनों और 276 वॉटर स्प्रिंकलर की भी डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए करने का ऐलान किया है. वहीं, सरकार की ओर से 580 पेट्रोलिंग टीम भी गठित की हैं, जोकि इस पूरे कैंपेन की मॉनिटरिंग करेंगी. सरकार ने चिन्हित हॉटस्पॉट के लिए भी एक्शन प्लान बनाया है जिसका कार्यान्वयन किया जाएगा.
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