बक्सर: बिहार के बक्सर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक गधे की मौत के बाद 5 ज्ञात और करीब 50 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. मामला बक्सर जिले के केसठ प्रखंड के रामपुर गांव का है. यह मुकदमा बिजली विभाग ने दर्ज कराया है और यह पूरा मामला बीते 11 सितंबर का है. 19 सितंबर को रामपुर गांव के लोगों ने आपस मे बैठक कर निर्णय लिया कि या तो बिजली विभाग एफआईआर वापस ले ले नहीं तो फिर वे सभी लोग भी केस लड़ने के लिए भी तैयार हैं.
एक गधे की मौत और 55 लोगों पर FIR: बता दें कि रामपुर गांव के ददन रजक नाम के शख्स के पास 4 गधे थे. ददन इनका उपयोग ईंट भट्ठे में ईंट आदि सामान ढोने के लिए करता है. ददन रजक ने बताया कि 11 सितंबर की शाम को मैं अपने चार गधों के साथ घर वापस जा रहा था. गांव के बीचों बीच एक पोल है, जहां बारिश के चलते पानी जमा हो गया था. पोल के पास पहुंचे तो मेरे गधों से पोल टच कर गया. किसी तरह से तीन गधों को बचाया गया, जबकि एक गधे की मौत हो गई.
"गधे के मरने के बाद गांव वालों ने केसठ पॉवर ग्रिड में प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन शांतिपूर्ण था. मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर बातचीत की और हमारा समझौता हुआ."- ददन रजक, पीड़ित
ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन और हंगामा: इसके बाद आक्रोशित ग्रामीण चकौड़ा पावर ग्रिड जाकर मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए और मुआवजे की मांग करने लगे. अधिकारियों को बुलाने की मांग पर रात के 9 बजे तक हंगामा होता रहा. आरोप है कि इस दौरान करीब ढाई घंटे तक पावर सप्लाई पूरे प्रखंड की बाधित रही. जानकारी मिलने के बाद डुमरांव अनुमंडल के बिजली विभाग के एसडीओ राकेश कुमार दुबे चकौड़ा पावर ग्रिड पहुंचे. स्थानीय लोगों से उन्होंने बातचीत की, जिसके बाद पावर सप्लाई तो शुरू हो गया, लेकिन किंतु विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ.
बिजली विभाग का तर्क: विद्युत विभाग के सहायक अभियंता ने ग्रामीणों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी. इस पूरे प्रकरण में बिजली विभाग ने पांच नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर वासुदेवा ओपी थाने में दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया है कि रामपुर गांव के लोगों के चलते करीब ढाई घंटे बिजली बाधित रही. जिससे साउथ बिहार बिजली कंपनी को 1,46,429 का घाटा हुआ है. एफआईआर में रामपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि विकास चंद्र पांडेय और सरपंच विष्णु देव पासवान के अलावा बीडीसी मंजू कुमारी और आलमगीर के अलावा आफताब को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
"ग्रामीणों पर आरोप है कि पावर सप्लाई को बंद करने के लिए मशीन बंद कर दिया गया था. ग्रामीणों ने कानून हाथ में लिया था, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. सरकारी काम में बाधा डाला गया और इसके कारण लोगों को भी परेशानी हुई है. ग्रामीणों की तरफ से एक सनहा दिया गया था, जबकि विद्युत विभाग के अधिकारी की तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अब जांच चल रही है जो नियमानुकूल होगा ,किया जाएगा."- शुभम आर्य, एसपी, बक्सर
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