पलामू: कुख्यात डॉन सुजीत सिन्हा फेसबुक के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गुर्गों से जुड़ रहा है. गिरोह के द्वारा गुर्गों को लालच दिया जा रहा है. सुजीत सिन्हा फिलहाल जेल में बंद है, एक लंबे अरसे के बाद झारखंड के कई इलाकों में गिरोह सक्रिय हुआ है. रांची एवं पलामू के कई इलाकों में सुजीत सिन्हा गिरोह से जुड़ी घटनाएं निकल कर सामने आई हैं.
पलामू में कई स्टोन माइंस कारोबारी से रंगदारी की मांग की गई थी. पलामू पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए यूपी के प्रयागराज के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया था. दोनों गुर्गों ने पलामू पुलिस को कई जानकारिया दी हैं. दोनों ने पलामू पुलिस को बताया है कि फेसबुक के माध्यम से सुजीत सिन्हा गिरोह के संपर्क में आए थे. जिसके बाद उन्हें पैसे का लालच दिया गया और स्थानीय स्तर पर हथियार उपलब्ध करवाए गए थे.
कई फेसबुक प्रोफाइल पर शुरू की गई है निगरानी
फेसबुक से गुर्गों को जोड़ने की जानकारी के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. एक दर्जन से अधिक फेसबुक प्रोफाइल पर निगरानी शुरू की गई है. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि जनकारी मिलने के बाद निगरानी शुरू की गई है. पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है और कई फेक फेसबुक आईडी की जानकारी पुलिस को मिली है. पुलिस को कुछ नाम भी मिले हैं जो बाहरी गुर्गों को स्थानीय स्तर पर मदद कर रहे हैं.
कभी सुजीत सिन्हा और अमन साव थे एक, पहले भी सोशल मीडिया से जोड़ा
कभी कुख्यात डॉन सुजीत सिन्हा और अमन साव एकजुट थे. कुछ वर्ष पहले अमन साव सुजीत सिन्हा गिरोह से अलग हुआ था. रेलवे की थर्ड लाइन परियोजना पर सुजीत सिन्हा और अमन साव ने हमला किया था. इन हमलों की जांच के बाद पुलिस को पता चला कि सुजीत सिन्हा और अमन साव अलग-अलग हो गए हैं. दोनों ने अपने अपने गुर्गों से हमला करवाया था. अमन साव ने हमले के लिए स्थानीय गुर्गों का इस्तेमाल किया था जबकि सुजीत सिन्हा ने बाहरी गुर्गों का इस्तेमाल किया था.
ये भी पढ़ें:
ओरमांझी गोलीबारी मामलाः सुजीत सिन्हा गिरोह की संलिप्तता आई सामने, एफआईआर दर्ज
रांची के ओरमांझी में सरेशाम फायरिंग, दो युवकों को अपराधियों ने मारी गोली
पलामू में रंगदारी के रूप में मुफ्त की शराब, मना करने पर सेल्समैन को पीट-पीटकर पहुंचा दिया अस्पताल