देहरादून: उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाओं की स्तिथि किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि डॉक्टर्स पहाड़ चढ़ना नहीं चाहते हैं और वो अपने मन माफिक जगहों पर तैनाती चाहते हैं, जिसको देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग नई नीति तैयार कर रहा है. जिसके जरिए डॉक्टर्स को उनकी इच्छा के अनुसार तैनाती दी जाएगी. साथ ही अगर उनके इच्छा के अनुसार तैनाती नहीं मिल पाती हैं, तो उनको ये जानकारी रहेगी कि कितने समय बाद उनको किस क्षेत्र में तैनाती दी जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जब भी डॉक्टर्स का तबादला किया जाता है, तो उनको काफी दिक्कतें होती हैं. ऐसे में डॉक्टर्स की समस्याओं को देखते हुए एक नई नीति लाने जा रहे हैं. जिसमें ये प्रावधान रहेगा कि डॉक्टर्स को उनकी इच्छा के अनुसार तैनाती दी जाए. उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर्स को पहले साल उनकी इच्छा के अनुसार तैनाती नहीं मिलती है, तो उनको ये पता रहेगा कि अगले कुछ साल में उनको कहा तैनाती दी जाएगी. ऐसे में अगर तबादले की स्पष्टता रहेगी तो डॉक्टर्स पहाड़ में भी जाएंगे और अच्छा काम भी करेंगे.
धन सिंह रावत ने कहा कि डीजी हेल्थ की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई है, जिसके तहत अगर डॉक्टर्स का तबादला किया जाता है या फिर नई जगह पर ज्वाइनिंग दी जाती हैं, तो उस नई जगह पर डॉक्टर्स के लिए आवास के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं होगी, ताकि वो तत्काल ज्वाइन कर मरीजों को देख सकें. उन्होंने कहा कि अगर ये व्यवस्था प्रदेश भर में जल्द ही लागू कर दी गई, तो इससे डॉक्टर्स की वे, सभी समस्याें दूर होंगी, जो तबादले के दौरान होती हैं.
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