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बीयर अटैक के बाद डॉक्टर फोन पर करता रहा इलाज, मौत के बाद परिजनों में आक्रोश - beer bite case

Doctor negligence गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर पर लापरवाही करने का आरोप लगा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक शख्स की मौत के बाद परिजनों ने इसका जिम्मेदार डॉक्टर को माना है. beer bite case

Doctor negligence in beer bite case
गौरेला पेंड्रा मरवाही डॉक्टर बना शैतान (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 11, 2024, 2:31 PM IST

Updated : Jul 11, 2024, 2:45 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : आपने अक्सर ये सुना होगा कि डॉक्टर भगवान का रुप होते हैं.वो घायल और बीमार लोगों को नई जिंदगी देते हैं.लेकिन हर बार डॉक्टर आपके सामने भगवान के रूप में आए ये जरुरी नहीं.क्योंकि गौरेला पेंड्रा मरवारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने शैतान वाला काम किया है. परिजनो का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से उनके घर के सदस्य की मौत हुई है.वहीं इस मामले में मौत के बाद जिम्मेदार डॉक्टर की लापरवाही पर मोटा कपड़ा डालने के काम में जुट चुके हैं.

क्या है मामला ?: ये पूरा मामला भालू के हमले और उसके बाद इलाज नहीं मिलने से मौत का है.मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत लिटयासरई गांव में लटकोनीखुर्द का रहने वाला बाबूलाल नाम का शख्स रिश्तेदारी में आया था. देर रात बाबूलाल को शौच लगी.इस दौरान बाबूलाल घर के पास स्थित तालाब के पास शौच के लिए गया.लेकिन इसी तालाब के पास झाड़ियों में भालू छिपा बैठा था.जिसने बाबूलाल को देखते ही हमला कर दिया. भालू के हमले के बाद बाबूलाल घायल हालत में जान बचाकर वापस अपने रिश्तेदार के यहां आया.जहां से उसे संजीवनी की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया.

बीयर अटैक के बाद डॉक्टर फोन पर करता रहा इलाज (ETV Bharat Chhattisgarh)

फोन पर इलाज,घायल की तड़पकर हो गई मौत : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जब बाबुलाल आया तो वहां पर एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था.जब डॉक्टर को फोन किया गया तो उन्होंने आने के बजाए फोन पर ही इलाज करना शुरु कर दिया.जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर का घर चंद कदम की दूरी पर था. इधर डॉक्टर के नहीं आने के बाद संजीवनी में मौजूद मेडिकल स्टाफ ने बाबूलाल के जख्मों पर टांके लगाएं और दर्द राहत इंजेक्शन दिया गया. रात डेढ़ बजे डॉक्टर के ना आने की सूचना जिला पंचायत सदस्य को दी गई.फिर भी डॉक्टर नहीं आया.आखिरकार गंभीर रूप से घायल बाबूलाल ने रात तीन बजे दम तोड़ दिया.

'' डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन किया गया.लेकिन वो नहीं आएं. डॉक्टर ने फोन पर संजीवनी के मेडिकल स्टाफ को बोलकर इलाज करवाया.रात तीन बजे मौत हो गई.सुबह डॉक्टर आए.''-बृहस्पति बाई,परिजन

वहीं इस पूरे मामले में जिम्मेदार अफसर डॉक्टर की किसी भी तरह की गलती से इनकार कर रहे हैं. बीएमओ के मुताबिक जिस मरीज का बीयर बाइट के कारण इलाज किया जा रहा था.उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ,जिससे उसकी मौत हो गई.

''डॉक्टर के नहीं आने की बात सही नहीं है.पहले टेलिफोनिक उपचार तत्काल दिया गया.इसके बाद डॉक्टर ने केस अटेंड किया.जिस बीयर बाइट के केस में उपचार के बाद अचानक सुबह 4 बजे करीब मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ.जिससे उसकी मौत हो गई.बीयर बाइट के कारण मौत नहीं हुई है.''-डॉ हर्षवर्धन मेहर, बीएमओ

डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं करने का आरोप : वहीं इस पूरे मामले में परिजनों और जिला पंचायत सदस्य ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. सभी का कहना है लगभग डेढ़ घंटे गंभीर मामला आने के बाद डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं थे.परिजनों के मुताबिक यदि डॉक्टर को केस अटेंड नहीं करना था तो इसे जिला अस्पताल रेफर कर देते.लेकिन डॉक्टर ने ऐसा नहीं किया.जिससे आज उनके बीच परिवार का सदस्य नहीं है.

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क्या है मामला ?: ये पूरा मामला भालू के हमले और उसके बाद इलाज नहीं मिलने से मौत का है.मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत लिटयासरई गांव में लटकोनीखुर्द का रहने वाला बाबूलाल नाम का शख्स रिश्तेदारी में आया था. देर रात बाबूलाल को शौच लगी.इस दौरान बाबूलाल घर के पास स्थित तालाब के पास शौच के लिए गया.लेकिन इसी तालाब के पास झाड़ियों में भालू छिपा बैठा था.जिसने बाबूलाल को देखते ही हमला कर दिया. भालू के हमले के बाद बाबूलाल घायल हालत में जान बचाकर वापस अपने रिश्तेदार के यहां आया.जहां से उसे संजीवनी की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया.

बीयर अटैक के बाद डॉक्टर फोन पर करता रहा इलाज (ETV Bharat Chhattisgarh)

फोन पर इलाज,घायल की तड़पकर हो गई मौत : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जब बाबुलाल आया तो वहां पर एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था.जब डॉक्टर को फोन किया गया तो उन्होंने आने के बजाए फोन पर ही इलाज करना शुरु कर दिया.जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर का घर चंद कदम की दूरी पर था. इधर डॉक्टर के नहीं आने के बाद संजीवनी में मौजूद मेडिकल स्टाफ ने बाबूलाल के जख्मों पर टांके लगाएं और दर्द राहत इंजेक्शन दिया गया. रात डेढ़ बजे डॉक्टर के ना आने की सूचना जिला पंचायत सदस्य को दी गई.फिर भी डॉक्टर नहीं आया.आखिरकार गंभीर रूप से घायल बाबूलाल ने रात तीन बजे दम तोड़ दिया.

'' डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन किया गया.लेकिन वो नहीं आएं. डॉक्टर ने फोन पर संजीवनी के मेडिकल स्टाफ को बोलकर इलाज करवाया.रात तीन बजे मौत हो गई.सुबह डॉक्टर आए.''-बृहस्पति बाई,परिजन

वहीं इस पूरे मामले में जिम्मेदार अफसर डॉक्टर की किसी भी तरह की गलती से इनकार कर रहे हैं. बीएमओ के मुताबिक जिस मरीज का बीयर बाइट के कारण इलाज किया जा रहा था.उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ,जिससे उसकी मौत हो गई.

''डॉक्टर के नहीं आने की बात सही नहीं है.पहले टेलिफोनिक उपचार तत्काल दिया गया.इसके बाद डॉक्टर ने केस अटेंड किया.जिस बीयर बाइट के केस में उपचार के बाद अचानक सुबह 4 बजे करीब मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ.जिससे उसकी मौत हो गई.बीयर बाइट के कारण मौत नहीं हुई है.''-डॉ हर्षवर्धन मेहर, बीएमओ

डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं करने का आरोप : वहीं इस पूरे मामले में परिजनों और जिला पंचायत सदस्य ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. सभी का कहना है लगभग डेढ़ घंटे गंभीर मामला आने के बाद डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं थे.परिजनों के मुताबिक यदि डॉक्टर को केस अटेंड नहीं करना था तो इसे जिला अस्पताल रेफर कर देते.लेकिन डॉक्टर ने ऐसा नहीं किया.जिससे आज उनके बीच परिवार का सदस्य नहीं है.

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Last Updated : Jul 11, 2024, 2:45 PM IST
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