जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि दिल्ली रोड पर स्थित कान्हा होटल पर कार्रवाई से 72 घंटे पहले नोटिस दिए बिना उसकी बिल्डिंग पर कोई कार्रवाई नहीं करे. जस्टिस अशोक जैन की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश कान्हा होटल्स की ओर से दायर याचिका में पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि इस मामले में नियमित कोर्ट की ओर से विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. ऐसे में यह उचित नहीं है कि अवकाशकालीन कोर्ट प्रकरण के किसी पहलू पर विचार करे. अदालत ने कहा कि समाचार पत्र मे प्रकाशित समाचार के आधार पर होटल की बिल्डिंग को तोड़ने की आशंका मात्र पर यह प्रार्थना पत्र दायर किया गया है.
केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक कूकस के पास पांच सितारा होटल का निर्माण कर उसे ताज होटल्स को लीज पर दे दिया. याचिकाकर्ता ने जेडीए से वर्ष 2011 में नक्शे पास कराए थे, लेकिन तय अवधि में निर्माण आरंभ नहीं किया गया. होटल नाहरगढ वन्य जीव अभ्यारण्य से सिर्फ 95 मीटर दूर है. जबकि इससे एक किमी में इस तरह की गतिविधि नहीं हो सकती. ऐसे निर्माण के लिए पर्यावरण स्वीकृति लेनी होती है, लेकिन याचिकाकर्ता ने स्वीकृति नहीं ली.
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याचिकाकर्ता ने गत वर्ष राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड के स्वीकृति लेने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया जिसे बोर्ड ने गत 22 फरवरी को खारिज कर दिया. इसके बाद गत दिनों ईको सेन्सेटिव जोन की मॉनिटरिंग कमेटी ने इसे तोड़ने के लिए जेडीए को लिखा. एएसजी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने ऐसा आदेश पेश नहीं, जिससे साबित हो की जेडीए होटल तोड़ने जा रहा है और जेडीए का पक्षकार भी नहीं बनाया गया है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने होटल पर कार्रवाई से 72 घंटे पूर्व नोटिस देने को कहा है.