वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने एक इंटर्नशिप प्रोग्राम लॉन्च किया है. यह इंटर्नशिप प्रोग्राम विश्वविद्यालय ने अपने 80 साल पुराने लाइब्रेरियन डॉ. एसआर रंगनाथन के नाम से शुरू किया है. रंगनाथन ने कोलन वर्गीकरण का खोजकर लाइब्रेरी को साइंस का रूप दिया था. कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के अनुसार कार्यक्रम का उद्देश्य लाइब्रेरी प्रोफेशनल को व्यावहारिक शिक्षा के साथ ट्रेनिंग भी देना है. उन्हें आकर्षक वेतन देकर मनोबल बढ़ाना है. 20 मेधावियों को इसके लिए चुना जाएगा. 20 हजार रुपये प्रति महीना मानदेय भी दिया जाएगा.
डॉ. एसआर रंगनाथन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सबसे सफल लाइब्रेरियन थे. 1945-1947 तक उन्होंने ही काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी में एक लाख किताबों को कोलन वर्गीकरण के तहत व्यवस्थित और क्रमबद्ध किया था. उन्होंने लाइब्रेरी को साइंस के तौर पर सोचना सिखाया था. विश्वविद्यालय अब उनके नाम पर इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है. इसके लिए देशभर के अलग-अलग स्टूडेंट्स को मौका दिया जाएगा, जिसमें से 20 मेधावियों को मौका मिलेगा.
लाइब्रेरी प्रोफेशनल का बढ़ाया जाएगा मनोबल : कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य लाइब्रेरी प्रोफेशनल को व्यावहारिक शिक्षा के साथ ट्रेनिंग देना है. उन्हें आकर्षक वेतन देकर मनोबल बढ़ाना है. स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को बराबर मौका मिलेगा. इसकी मदद से थ्योरी और प्रैक्टिस की खाई को खत्म किया जा सकेगा. इंटर्न की स्किल में सुधार कर बीएचयू में लाइब्रेरी साइंस की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी की जाएगी. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की उत्कृष्टता के संस्थान पहल के तहत इसे शुरू किया गया है.
20 मेधावियों को 20 हजार का स्टाइपेंड : उन्होंने बताया कि देश के टॉप-100 विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी साइंस के 20 मेधावी स्नातकों और परास्नातकों को इंटर्नशिप दी जाएगी. इन्हें 20 हजार रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा. यह कार्यक्रम इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के तहत शुरू किया गया है. भारत के सिर्फ एनआईआरएफ रैंकिग वाले टॉप-100 विश्वविद्यालय के छात्रों को आवेदन का मौका मिलेगा. विजुअल आर्ट, संस्कृत, पत्रकारिता और एमसीए किसी भी स्ट्रीम के छात्र इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे.
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