गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में नदियां उफान पर है. बढ़ते के जलस्तर को देखकर प्रशासन एक्टिव हो गई है. जिलाधिकारी मकसूद आलम ने शनिवार की देर रात बैकुण्ठपुर प्रखंड के तटबंधों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टंडसपुर छरकी और डुमरिया घाट के सभी संवेदनशील संम्भावित कटाव स्थलों और जल स्तर का निरीक्षण किया गया. डीएम ने अलर्ट जारी करते हुए निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने का निर्देश दिया है.
बढ़ते जलस्तर को देख डीएम का अलर्ट: डीएम ने कहा की गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क और अलर्ट है. दरअसल नेपाल के तराई इलाको में हो रही भारी बारिश के कारण बाल्मिकीनगर बैराज से तीन लाख अट्ठाईस हजार क्यूसेक पानी पार हो रहा है, जिससे नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. जबकि शाम तक पंच लाख बहत्तर हजार क्यूसेक पानी पहुंचे की संभावना है. जिससे बांध पर दबाव पड़ सकता है.
जिला प्रशासन हुई एक्टिव: गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी मकसूद आलम द्वारा अपर समाहर्ता आपदा सादुल हसन, अनुमंडल पदाधिकारी गोपालगंज डॉ. प्रदीप कुमार और अन्य के साथ बैकुण्ठपुर प्रखंड के विभिन्न गांव और तटबंध का निरीक्षण किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि गंडक नदी के बढ़ते जल स्तर को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. बांध की सुरक्षा को लेकर युद्धस्तर पर कार्य चलाया जा रहा है.
"सभी निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर चले जाने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी द्वारा माइकिंग कराई जा रही है."- मकसूद आलम, जिलाधिकारी
बढ़ाई गई बांधों की चौकसी: कार्यपालक अभियंन्ता बाढ़ नियंत्रण द्वारा जिला पदाधिकारी को बताया गया कि अभी जल स्तर और बहाव का दबाव तीन लाख क्यूसेक स्तर पर है. प्राप्त सूचना अनुसार पांच लाख बहत्तर हजार क्यूसेक डिस्चार्ज जो कल शाम तक गुजरने की संम्भावना है, उसे लेकर तैयारी युद्ध स्तर पर है. जगह-जगह बांधों की चौकसी बढ़ा दी गयी है.
बालू भरे बोरो का स्टॉक: संभावित बाढ़ से बचाव की तैयारियों पर कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमोद कुमार ने बताया कि जगह-जगह पर्याप्त मात्रा में लगभग पच्चास हजार ईसी बैग स्टॉक किए गए हैं. 5000 बालू भरे बोरे पहले से स्टॉक में है. वहीं टंडसपुर सल्लेपुर में 60000 बालू भरे बोरे का भंडारण किया जा रहा है, जिसमें युद्धस्तर पर 100 से अधिक मजदूर लगातार कार्य में लगे हुए हैं.
पिछले साल भी बाढ़ से हुई थी परेशानी: दरअसल नेपाल के तराई इलाको में हो रही लगातार बारिश के कारण वाल्मीकि नगर बराज से पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर बढ़े जाता है. हालांकि अभी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है लेकिन वाल्मीकि नगर बैराज से अत्यधिक पानी छोड़े जाने पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाने के कारण फसलों का नुकसान, घरों में पानी घुसना, पशुपालन में परेशानी, संक्रामक रोगों का प्रसार, और जनजीवन पर भारी प्रभाव पड़ सकता है. बता दें कि पिछले साल 2021 में, जब अधिक पानी छोड़ा गया था, तब बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई थी. कई लोगों को अपने घरों से निकलकर आश्रय स्थलों में जाना पड़ा था.
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