जयपुर: जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज सभागार में समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) की ओर से दिव्यांगजनों को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए दिव्यांग सशक्तिकरण समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर हैदराबाद की कार्तिकेय ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री की प्रबंध निदेशक भगवती महेश बलदवा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हम लोग दिव्यांगों को मजबूत बनाने के कदम में सहभागिता निभा रहे हैं. यदि सरकार हमें राजस्थान में जमीन उपलब्ध करवाए, तो हम दिव्यांगजनों के लिए हेडक्वार्टर तैयार करेंगे. जहां दिव्यांगों को सभी तरह की सुविधाएं मिल सकेंगी.
उन्होंने कहा कि हम सब लोग यह ठान लें और अगर हम थोड़ी भी दिव्यांगजनों की सहायता करते हैं, तो उनको सशक्त बनाया जा सकता है. सक्षम संस्था दिव्यांगजनों के लिए बेहतर कार्य कर रही है और भगवान ने हमें इस काबिल बनाया है कि हम दिव्यांगजनों की सेवा कर रहे हैं. कार्यक्रम में सक्षम के राष्ट्रीय महासचिव उमेश अंधारे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम, विशिष्ट अतिथि सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, संयुक्त सचिव चिकित्सा शिक्षा गौरव बजाड़, जिला कलेक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी समेत कई दिव्यांगजन शामिल हुए.
मांगे पूरी करेंगे: कार्यक्रम में बोलते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि सक्षम संस्थान का कार्य किसी परिचय का मोहताज नहीं है ना हम लोगों को यह बताने की आवश्यकता है कि सक्षम संस्थान क्या है. यह संस्था दिव्यांग लोगों को लेकर बेहतर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को लेकर जो भी मदद सरकार की ओर से होगी, उसे पूरा किया जाएगा. कार्यक्रम में सक्षम संस्था की ओर से एक विज्ञापन भी मंत्री अविनाश गहलोत को सौंपा गया. जिसमें कुछ मांगें संस्थान की ओर से रखी गई. जिसमें दिव्यांगों के लिए पेंशन और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई.
केंद्र सरकार कार्य कर रही: मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजनों को एक विशेष पहचान दी है. उन्होंने कहा कि पहले दिव्यांगजनों की सात प्रकार की श्रेणियां हुआ करती थीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने इस श्रेणी को बढ़ाकर 21 कर दिया. इसके अलावा पेंशन और अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं. वहीं भारतीय पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि खेलों के क्षेत्र में दिव्यांग खिलाड़ियों ने एक अलग पहचान बनायी है. इसका एक उदाहरण पेरिस पैरालंपिक खेल है.