नई दिल्ली: दिव्यांग किसी भी मायने में कमजोर नहीं होते. वह मेहनत और लगन से हर मुकाम हासिल कर सकते हैं. "आगे बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश करती रहना चाहिए, तभी अच्छा मुकाम हासिल होगा. आपके प्रयास और काम करने की लगन से हर चीज संभव हो जाएगी." ऐसा कहना है पश्चिमी बंगाल के रहने वाले शुभाशीष कोले का. वह एक दिव्यांग हैं और खुद को कभी कमजोर नहीं समझते. शुभाशीष ने दिल्ली के इंडिया गेट पर आयोजित दिव्य कला मेले में दूसरी बार हिस्सा लिया है.
एक हाथ से बनाते हैं मिट्टी के बर्तन: शुभाशीष कोले अपने एक हाथ से मिट्टी से बनी कलाकृतियों पर आकर्षित रंग भरते हैं. वह जन्म से दिव्यांग हैं, लेकिन उन्होंने कभी खुद को सामान्य लोगों से कमजोर नहीं समझा. बचपन से उनको रंगों के साथ खेलना पसंद था. धीरे धीरे पेंटिंग उनका पैशन बन गया. उन्होंने अपने इस हुनर को रुचि के साथ आगे बढ़ाया. आज माहिर आर्टिस्ट बन गए. उन्होंने कला के क्षेत्र में किसी तरह की शिक्षा ग्रहण नहीं की है.
चित्रकारी के क्षेत्र में आगे बढ़ने में शुभाशीष के परिवार का पूरा समर्थन और साथ रहा. इसमें उनकी बहन और पापा का विशेष योगदान रहा. शुभाशीष ने बताया कि उनके पिता भी चित्रकार हैं. वही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है. उनको देखते देखते वो बेहतरीन आर्टिस्ट बन गए. जिन कलाकृतियों पर वह रंग भरते हैं, वो उनकी बड़ी बहन द्वारा बनाई जाती हैं. इसके बाद शुभाशीष उन पर आकर्षक रंग भरते हैं. उनका पसंदीदा रंग लाल है. क्योंकि लाल रंग खुशहाली और सकारात्मकता का प्रतीक है. शुभाशीष ने पहली बार इंडिया गेट पर आयोजित दिव्य कला मेले में भाग लिया. उनको यहां आकर काफी खुशी हुई है. वहीं दिल्ली के लोग उनकी कला को खूब सराह रहे हैं.
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काम करने की लगन से हर चीज संभव: शुभाशीष काफी मेहनती हैं. उन्होंने कभी खुद को कमज़ोर और किसी से कम नहीं समझा. उनका मानना है कि वह पूरी तरह से फिट हैं. यही बात उनके डॉक्टर भी कहते हैं. उनको कोई बीमारी भी नहीं है. अपने जैसे दूसरों को संदेश देते हुए शुभाशीष ने बताया कि कभी भी खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए. अपने आप को आगे बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश करती रहना चाहिए, तभी मुकाम हासिल होगा. आपके प्रयास और काम करने की लगन से हर चीज संभव हो जाएगी.
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले दिव्यांगों को मिला मौका: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPWD) द्वारा राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम (NDFDC) के माध्यम से 22वां दिव्य कला मेले का आयोजन इंडिया गेट पर किया गया है. NDFDC के CMD नवीन शाह ने 'ETV भारत' को बताया कि राजधानी दिल्ली में आयोजित दिव्य कला मेला एक अद्भुत मेला है. अगर देशभर की बात करें तो यह 22वां मेला है. वहीं राजधानी में इसको दूसरी बार आयोजित किया गया है. 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया था, तब पहली बार इस मेले का आयोजन किया गया था.
मेले की खासियत क्या है: इस मेले की खासियत यह है कि यहां घरेलू इस्तेमाल में आने वाली चीजों के अलावा कपड़े खिलौने मिलते हैं. मेले में देशभर के दिव्यांगों ने हिस्सा लिया है. प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल नारे को देखते हुए यहां पर दिव्यांगों ने अपनी प्रतिभाओं को उजागर किया है. मेले में मौजूद जितने भी दिव्यांग हैं वह ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं. अगर आप युवा हैं और आपको सेल्फी लेने का शौक है तो मेले में कई सेल्फी पॉइंट्स बनाए गए हैं जहां आप आकर के अपनी सेल्फी ले सकते हैं.
मेले में रोजाना शाम में हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम: CMD नवीन शाह ने आगे बताया कि मेले में हर शाम दिव्यांगों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाएगी, जो देखने में बेहद आकर्षक और मनमोहक है. इस मेले में आकर आपको अनुभव होगा कि प्रधानमंत्री ने शारीरिक रूप से अक्षमों को दिव्यांग नाम क्यों दिया? जिस तरीके से वह व्हीलचेयर पर बैठकर या अन्य तरीकों से अपनी प्रस्तुति देते हैं, वह अतुल्य हैं. यही वजह है कि 2022 में आयोजित हुए मेले ने दिल्ली वालों का दिल जीत लिया था और बेहद ही अच्छा रिस्पांस देखने के लिए मिला था. वहीं वह इस बार भी यही उम्मीद कर रहे हैं कि दिल्ली वालों को यह मेला भी बेहद आकर्षित और मनमोहक लगेगा. अपनी बातों में आगे उन्होंने दिल्ली वासियों से अनुरोध किया है कि वह मेले में आएं और देशभर से आए दिव्यांगों के हुनर को देखें और उनको प्रोत्साहित करें.
एग्जीबिशन लगाने वालों की चयन प्रक्रिया: इस मेले में हिस्सा लेने वाले लोगों का चयन भी विशेष तौर पर किया जाता है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के पास देश भर के दिव्यांगों की एक सूची होती है, जो कि उद्यमी है या फिर किसी न किसी अनूठी कला से जुड़े हुए हैं. उसी सूची के आधार पर इनका चयन किया जाता है. इसमें ध्यान रखा जाता है कि जो लोग बीते 22 सालों में दिव्या कला मेले में पांच बार हिस्सा ले चुके हैं, उन्हें ना बुलाया जाए बल्कि नए लोगों को आने का मौका मिले.
गौरतलब है कि यह विशेष आयोजन देशभर के दिव्यांग शिल्पकारों, उद्यमियों और कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा, रचनात्मकता और उद्यमशीलता को प्रदर्शित करेगा. 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 100 दिव्यांग उद्यमी और शिल्पकारों इस 11 दिवसीय मेले में हिस्सा लिया है. यह मेला प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा.
आयोजन की मुख्य विशेषताएं आगंतुक यहां विविध प्रकार के उत्पाद देख और खरीद सकेंगे, जैसे:
- हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम
- पर्यावरण अनुकूल स्टेशनरी और लाइफस्टाइल उत्पाद
- होम डेकोर
- पैकेज्ड फूड और जैविक उत्पाद
- खिलौने, गिफ्ट, गहने और व्यक्तिगत एक्सेसरीज
- क्लच बैग और अन्य अनोखी वस्तुएं
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