बीकानेर : शिक्षा विभाग में स्कूलों में अधिशेष चल रहे शिक्षकों के रिक्त चल रहे पदों पर समायोजन को लेकर शिक्षा विभाग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जारी हुए पदस्थापन आदेशों को लेकर विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं. एक ओर जहां शिक्षक संगठनों ने प्रक्रिया को पारदर्शी नहीं होने का आरोप लगाते हुए विरोध किया है तो वहीं शिक्षकों ने भी रिक्त स्थान की बजाय स्थान पर अन्यत्र पदस्थापन करने पर अपनी आपत्ति जताई है.
सोमवार को शिक्षा विभाग में निदेशालय स्तर पर अलग-अलग जिलों से पदस्थापन प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतों के मिलने के बाद मंडल स्तर और जिला स्तर पर परिवेदना समिति के गठन करने को लेकर निदेशक सीताराम जाट आदेश जारी किए. इन आदेशों में जिला स्तर पर परिवेशनाओं के निस्तारण को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक और माध्यमिक के साथ ही अन्य अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है. वहीं, मंडल स्तर पर संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर प्राप्त परिवेदनाओं के निस्तारण के निर्देश दिए हैं. जोधपुर के जिला शिक्षा अधिकारी को प्रक्रिया में गड़बड़ी के चलते एपीओ कर दिया गया है. हालांकि, आदेशों में केवल APO करने का जिक्र है, लेकिन माना जा रहा है कि यह कार्रवाई इसी वजह से की गई है.
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चार दिन में देनी होगी परिवेदना : निदेशक की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक परियोजना समिति को 9 दिसंबर से 12 दिसंबर तक प्रभावित शिक्षक ईमेल के जरिए अपनी परियोजना दे सकेंगे. 13 दिसंबर को परियोजना समिति को इन परियोजनाओं का निस्तारण करते हुए शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट भेजनी होगी.
शिक्षक संगठनों ने किया विरोध : प्रक्रिया के बाद जारी पदस्थापन आदेश के बाद शिक्षक संगठनों ने पदस्थापन प्रक्रिया में गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया. साथ ही सोमवार को बीकानेर में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संयुक्त निदेशक से मिलकर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग की. गौरतलब है कि पहली बार बिना काउंसलिंग के शिक्षा विभाग में पदस्थापन की प्रक्रिया को पूरा किया और इसको लेकर शुरू से ही विरोध के स्वर देखे जा रहे थे.