हमीरपुर: शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा सीनियर सेकेंडरी स्कूल हमीरपुर में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया था. टीचर ट्रांसफर होने के बाद भी स्कूल से जाने के लिए तैयार नहीं था, जबकि दूसरा टीचर ट्रांसफर लेकर स्कूल में अपनी ज्वाइनिंग दे चुका था.
दरअसल हमीरपुर में स्थित मृदुल शर्मा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कॉमर्स के टीचर का ट्रांसफर हो चुका था, लेकिन उसकी रिलिविंग से पहले ही नाहलियां सीनियर सेकेंडरी स्कूल से ट्रांसफर होकर आए लेक्चरर ने ज्वाइनिंग दे दी. अब ट्रांसफर होकर आए टीचर की मजबूरी ये थी कि वो अभी तक कोई भी क्लास नहीं ले पाया क्योंकि जब तक पहले वाला टीचर रिलीव नहीं होता तब तक नया टीचर क्लास नहीं ले सकता.
क्या कहता है नियम
- पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के ओएसडी रहे डॉ. मामराज पुंडीर ने बताया कि इस मामले में गलती हुई है. दूसरे नियम के मुताबिक प्रिंसिपल नए टीचर को ज्वाइनिंग देने से पहले पुराने टीचर को रिलिव करता है, ताकि नया टीचर ज्वाइनिंग कर सके.
- ट्रांसफर से संबंधित मामला कोर्ट में जाने पर प्रिंसिपल उच्च अधिकारियों को सूचित करेगा.
- स्कूल में ज्वाइनिंग देने के बाद 3 साल से पहले किसी कर्मचारी का तबादला नहीं किया जाएगा, लेकिन 'इन कॉडोनेशन ऑफ शॉर्ट स्टे' के तहत सीएम के पास ये अधिकार है कि वो किसी का भी तबादला 3 साल पहले जैसे 6 महीने, 1 साल के भीतर भी कर सकते हैं. सीएम ये फैसला मानवीय आधार या अन्य कारणों से ले सकते हैं.
- अभी विभागीय आदेशों के मुताबिक मिड सेशन में टीचर के तबादलों पर रोक लगाई है, लेकिन यहां भी सीएम के पास किसी भी सरकारी कर्मचारी की ट्रांसफर करने का विशेषाधिकार है.
टीचर ट्रांसफर के लिए नहीं है हिमाचल में कोई पॉलिसी
- हरियाणा में टीचर ट्रांसफर पॉलिसी की तरह हिमाचल में भी तबादला नीति बनाने की कोशिशें लंबे समय से होती आ रही हैं, लेकिन विरोधाभासों के चलते टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है. पूर्व में वीरभद्र सरकार के समय कौल सिंह कमेटी ने इस विषय में कुछ सिफारिशें की थी, लेकिन वो सिरे नहीं चढ़ पाईं.
- जयराम सरकार के समय में भी शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ट्रांसफर पॉलिसी तैयार की थी, लेकिन उस दौरान भी बात नहीं बन पाई थी.
वहीं, हमीरपुर स्थित कैप्टन मृदुल शर्मा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दोनों ही टीचर जिला हमीरपुर के थे. वहीं, इस मामले में शिक्षा उपनिदेशक अनिल कौशल ने बताया था कि 'ब्वॉय स्कूल में मौजूदा समय में प्रिंसिपल स्कूल में मौजूद नहीं थे और ऐसे में स्कूल का चार्ज सीनियर मोस्ट लेक्चरर के पास होना चाहिए था, जिसका पालन नहीं किया गया. ऐसे में शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय की ओर से इस मामले में प्रिंसिपल को शो कॉज नोटिस भेजा जाएगा.' जिला के शिक्षा विभाग में यह मामला काफी चर्चा में रहा. सूत्रों के मुताबिक "संबंधित टीचर का साल 2006 के बाद जिला हमीरपुर के बाहर कहीं भी तबादला नहीं हुआ था."