देहरादून: गैरसैंण में बजट सत्र न कराए जाने वाले विधायकों के नामों का खुलासा हो गया है. इन सभी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर बजट सत्र गैरसैंण की बजाय देहरादून में कराने की मांग की थी. इन विधायकों में अधिकांश विधायक बीजेपी से जुड़े हुए हैं. देहरादून में मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद ने इसका खुलासा आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के आधार पर किया है.
संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले विधायकों में आदेश चौहान विधायक रानीपुर, दुर्गेश लाल विधायक पुरोला, सहदेव सिंह पुंडीर सहसपुर, प्रमोद नैनवाल रानीखेत विधानसभा, भूपाल राम टम्टा थराली विधानसभा, अरविंद पांडे गदरपुर, कांग्रेसी विधायक तिलक रोड बेहड़ किच्छा विधानसभा, विधायक गोपाल सिंह राणा नानकमत्ता विधानसभा, बिशन सिंह चुफाल डीडीहाट विधानसभा, प्रदीप बत्रा रुड़की, कैंट विधानसभा क्षेत्र की विधायक सविता कपूर, लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र से विधायक दिलीप रावत, काशीपुर विधानसभा के विधायक त्रिलोक सिंह चीमा शामिल हैं.
इनके साथ ही डोईवाला विधानसभा से विधायक बृजभूषण गैरोला, पौड़ी विधायक राजकुमार, रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा, खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार, लाल कुआं से विधायक डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट, भीमताल विधानसभा से राम सिंह केड़ा, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, गंगोलीहाट के विधायक फकीर राम, राजपुर विधायक खजान दास, हल्द्वानी के कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश, रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट भी शामिल हैं.
विधानसभा सत्र को गैरसैंण में नहीं कराये जाने के पक्ष में सरकार को लेटर लिखने वाले विधायकों के नाम सामने आए हैं. देहरादून में मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद ने इसका खुलासा किया है. रविंद्र सिंह आनंद ने 26 फरवरी को 2024 को देहरादून में हुए विधानसभा सत्र (जो गैरसैंण में प्रस्तावित था) को गैरसैंण में नहीं कराए जाने के पक्ष में लिखित पत्र को सार्वजनिक करते हुए 24 विधायकों के नाम का खुलासा किया. उन्होंने विधायकों के नाम को लेकर विधानसभा कार्यालय में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. उसके बाद उन्होंने अपील करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय सचिवालय में आरटीआई के तहत नाम को सार्वजनिक किए जाने को लेकर एक पत्र प्रेषित किया.
इसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय सचिवालय द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई, जिनमें केवल 24 विधायकों के नाम का ही खुलासा किया गया है. उन्होंने बताया कि चिट्ठी लिखकर गैरसैंण में सत्र न कराए जाने के पक्षधर विधायकों में से तीन कांग्रेस, एक निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर 14 विधायकों के नामों का अभी भी खुलासा नहीं किया जा रहा है.