देहरादून: विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते वैसे तो उत्तराखंड में हमेशा ही आपदा जैसे हालत बने रहते है, लेकिन मॉनसून सीजन में हालात और खराब हो जाते है. हर साल मॉनसूनी बारिश उत्तराखंड में कहर बनकर बरसती है. अब जल्द ही उत्तराखंड में मॉनसून दस्तक देने वाला है. ऐसे में सरकार ने मॉनसूनी बारिश से निपटने की अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली है. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार आपदा विभाग में हेलीकॉप्टर तैनात करने की तैयारी कर रही है, जिसका इस्तेमाल राहत और बचाव कार्य में किया जा सके.
उत्तराखंड में मॉनसून हर साल अपने साथ तबाही लेकर आता है. मॉनसूनी बारिश के कारण अक्सर उत्तराखंड में जान-माल का काफी नुकसान होता है. कई बार तो स्थितियां ऐसी हो जाती है कि बाढ़ में सड़क तक बह जाती है और गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय तक से कट जाता है. ऐसी हालत में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में रेस्क्यू करना भी मुश्किल हो जाता है. हालांकि इस बार ऐसा न हो इसके लिए आपदा विभाग ने सटीक प्लान तैयार किया है.
आपदा प्रबंधन विभाग का प्लान: इस बार आपदा प्रबंधन विभाग का प्लान है कि मॉनसून सीजन में सामान्य हेलीकॉप्टर के साथ ही एयर एंबुलेंस का भी इस्तेमाल रेस्क्यू के दौरान किया जाए, ताकी घायल और गंभीर मरीजों का तत्काल हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके. इसके साथ ही तमाम अन्य पहलुओं पर भी आपदा विभाग ने तैयारिया शुरू कर दी है.
मॉनसून में आपदा विभाग को हेलीकॉप्टर की जरूरत: इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव सी रविशंकर ने बताया कि हर साल मॉनसून सीजन में आपदा प्रबंधन विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग के जरिए हेलीकॉप्टर हायर करता है, जिसका सारा भुगतान आपदा विभाग की तरफ से किया जाता हैं.
सचिव सी रविशंकर ने बताया कि शासन स्तर पर प्रयास यही रहता है कि कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र एक-एक हेलीकॉप्टर रखा जाए, लेकिन मॉनसून सीजन के दौरान हेलीकॉप्टर मिला काफी मुश्किल रहता है. जिसके चलते इस साल अगले एक साल के लिए हेलीकॉप्टर हायर करने के लिए टेंडर किया जा रहा है. ऐसे में ये प्रक्रिया सफल हो जाती है तो एक साल के लिए एक ऑपरेटर अपनी सेवाएं देगा.
एयर एंबुलेंस का भी होगा इस्तेमाल: सचिव सी रविशंकर ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के बीच करार कराकर एयर एंबुलेंस यानी हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मैनेजमेंट सिस्टम की सुविधा शुरू होने को तैयार है. आचार संहिता खत्म होने के बाद इस सुविधा को शुरू कर दिया जाएगा.
सचिव सी रविशंकर की माने आपदा के दौरान किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी में इस सुविधा का इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि आपदा के दौरान सामान्य राहत बचाव के लिए एक हेलीकॉप्टर रहेगा, इसके अतरिक्त जरूरत पड़ने पर एयर एंबुलेंस का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके अलावा स्टेट हेलीकॉप्टर भी है, जरुरत पड़ने पर उसका भी इस्तेमाल किया जाता है. कुल मिलाकर कहा जाए तो इस बार के मॉनसून सीजन में आपदा प्रबंधन विभाग के पास प्रर्याप्त संसाधन रहेगे.
इस साल मॉनसून सीजन में एक ही हेलीकॉप्टर: मॉनसून सीजन में आने वाली आपदों के लिए हर साल दो हेलीकॉप्टर तैनात किए जाते है. एक हेलीकॉप्टर कुमाऊं और दूसरा गढ़वाल में तैनात किया जाता है, लेकिन इस साल एक ही हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है. ऐसे क्यों किया गया. इस बारे में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव सी रविशंकर ने कहा कि इस साल एयर एंबुलेंस की सुविधा शुरू हो रही है. ऐसे में अगर आपदा के दौरान मेडिकल इमरजेंसी होती है तो इसका इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि, सामान्य राहत बचाव के लिए एक हेलीकॉप्टर हायर किया जा रहा है, उसका भी इस्तेमाल किया जाएगा.
वहीं, मॉनसून सीजन की तैयारियों को लेकर किए गए सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वे इस मसले पर अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके है. बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मॉनसून सीजन आने से पहले प्रदेश के सभी नदी-नालों की सफाई करा दी जाए. वहीं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही पर्याप्त व्यवस्था की जाए. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में सभी कामों को पहले से ही पूरा कर लिया जाए.
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