रायपुर : रायपुर में 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर प्रदेशभर के दिव्यांग अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर स्वाभिमान पैदल मार्च निकालकर विरोध करने वाले थे. लेकिन मंगलवार की सुबह से लेकर देर रात तक पुलिस ने उन्हें रैली निकालने से रोक दिया. इसके बाद दिव्यांगजनों ने खुले आसमान के नीचे सड़क पर रात बिताई. दिव्यांगजन अब टिकरापारा के एक मंदिर में आश्रय लेकर रहने को मजबूर हैं. दिव्यांगजनों के प्रतिनिधिमंडल को समाज कल्याण विभाग के संचालक भुवनेश यादव से मुलाकात कराई गई. लेकिन दिव्यांगजनों का साफ कहना है कि आश्वासन से हमारा पेट नहीं भरने वाला है. जब तक हमारी मांग पूरा होने का आदेश नहीं मिलेगा तब तक राजधानी से नहीं जाएंगे.
पुलिस पर बंदी बनाने का आरोप : छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर ने बताया कि दिव्यांगजनों को मंगलवार को दिन भर पुलिस प्रशासन ने साहू समाज के भवन में बंदी बनाकर रखा गया था. रात में 10 बजे भोजन करने के बाद गेट का दरवाजा खोलने के बाद दिव्यांगजन सड़कों पर निकलने लगे. इसके बाद पुलिस ने भवन से ठीक 100 मीटर की दूरी पर इन्हें रोक दिया. इस दौरान दिव्यांगजन और पुलिस के बीच झूमाझटकी जैसी स्थिति भी निर्मित हुई थी.
सड़क में की गई थी बेरीकेडिंग : पूरी सड़क में पुलिस ने बेरीकेडिंग की थी. जिससे दिव्यांगजन आगे ना बढ़ सके. खुले आसमान के नीचे दिव्यांगजनों को सड़क पर रात गुजारनी पड़ी. बुधवार सुबह समाज कल्याण विभाग के संचालक भुवनेश यादव से दिव्यांगजन के प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात कराई गई और उन्हें आश्वासन मिला कि 6 सूत्रीय मांगों पर विचार किया जा रहा है और उसे आगे भेज दिया गया है.
छह सूत्रीय मांग में से कम से कम 4 सूत्रीय मांग पूरा होने का आदेश जारी करेंगे तभी हम रायपुर से अपने घर को लौटेंगे, नहीं तो जितनी भी रात सड़क पर सोना पड़े या रुकना पड़े हम रहेंगे- बोहित राम चंद्राकर, प्रदेशाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ
वहीं राजनांदगांव जिले के दिव्यांग सेवा संघ के जिला अध्यक्ष हेमन साहू ने बताया कि मंगलवार को दिनभर साहू समाज भवन में गेट का दरवाजा बंद करके रखा गया था. लेकिन देर रात को दिव्यांग स्वाभिमान पैदल मार्च निकालने की तैयारी में थे. लेकिन रास्ते में ही पुलिस ने रोक दिया . 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के दिन सरकार ने उन्हें टिकरापारा के साहू समाज की भवन में कैद करके रखा. टिकरापारा के जिस भवन में दिव्यांगजन ठहरे हुए थे. वहां के पदाधिकारी ने शादी होने की बात कहकर रात को निकाल दिया.
भवन के मालिक ने कहा कि आप लोग यहां से निकल जाइए. जिसके बाद देर रात से लेकर बुधवार की सुबह तक एक मंदिर में आश्रय लेकर दिव्यांगजन अपनी दिनचर्या गुजार रहे हैं. रात को खुले आसमान के नीचे सड़क पर रात बिताना पड़ा और मच्छर का सामना करने के साथ ही सोने के लिए भी बिस्तर नहीं थे. सड़कों पर लेटकर रात बिताए हैं - हेमन साहू, जिलाध्यक्ष दिव्यांग सेवा संघ
क्या है दिव्यांगजनों की छह सूत्रीय मांग
01 - सभी जगह पर काम करने वाले फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दिव्यांग जनों का राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराकर फर्जी दिव्यांग शासकीय कर्मियों को बर्खास्त किया जाए.
02- दिव्यांग जनों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए मासिक पेंशन दिया जाए .बीपीएल की बाध्यता को खत्म किया जाए.
03- 18 वर्ष से अधिक के अविवाहित दिव्यांग युवती और महिला को महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जाए.
04 - दिव्यांगजन विशेष भर्ती अभियान चलाकर अति शीघ्र शासकीय पद निकलते हुए विज्ञापन जारी किया जाए.
05 - शासकीय दिव्यांग कर्मियों को पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.
06- बेरोजगार दिव्यांगों को बिना गारंटर लोन दिलाया जाए. कोरोना के पूर्व दिए गए सभी लोन माफ किया जाए.