नई दिल्ली: राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के बाद, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाचार्यों एवं प्रमुखों को सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि यदि स्कूल भवनों में कोई बेसमेंट है, तो उसका उपयोग केवल मास्टर प्लान के प्रावधानों और स्वीकृत योजना के अनुसार अनुमत गतिविधियों के लिए ही किया जाएगा.
साथ ही बेसमेंट तक पहुंच को उचित रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए और स्कूल निकासी योजना में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए. इसके अलावा उपकरणों सहित बिजली की तारों और फिटिंग्स की जांच की जानी चाहिए और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए. दिल्ली में कोचिंग संस्थानों की अनियमितताओं और अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए बुधवार को दिल्ली सरकार ने कानून बनाने की बात कही है. इस बाबत बुधवार की दिल्ली सचिवालय में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यूपीएससी अभ्यर्थियों के साथ चर्चा की गई और उनके सुझाव लिए गए.
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बैठक में छात्रों ने कोचिंग इंस्टिट्यूट के इंफ्रास्ट्रक्चर और बढ़ी हुई फीस के अलावा स्टूडेंट्स किराए के घरों में मनमाना किराया देने के बावजूद कई बार बुनियादी सुविधाएं न मिलने तक का मुद्दा उठाया. साथ ही बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी के सील होने के कारण पढ़ाई में आ रही बाधाओं का मुद्दा भी उठाया था. तब सभी मंत्रियों और मेयर ने छात्रों को जल्द से जल्द उनके शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म समस्याओं का समाधान निकालने का आश्वासन दिया.
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