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खौफ के साए में नौनिहाल! जर्जर भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर - Government School

Bad condition of upgraded primary school building. झारखंड के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. समय-समय पर ऐसी तस्वीरें भी सामने आती हैं, जिसे देखकर लगता है कि ऐसी हालत नौनिहाल आखिर गुणवत्तापरक शिक्षा कैसे हासिल कर पाएंगे. कुछ ऐसा ही हाल है सिमडेगा के एक उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय का.

Dilapidated condition of upgraded primary school building in Simdega
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 13, 2024, 4:57 PM IST

सिमडेगा: एक ओर जहां स्कूली शिक्षा और सुविधा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और घोषणाएं की जाती हैं. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये हैं. वहीं दूसरी ओर सिमडेगा जिला का एक ऐसा उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय जहां आज भी बच्चे जर्जर भवन के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. स्थिति ऐसी विकट है कि भवन की छत टूटकर नीचे फर्श पर गिर रही है. इसके बावजूद छोटे-छोटे बच्चे इसी छत के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं.

सिमडेगा के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय की जर्जर हालत (ETV Bharat)

ये मामला बानो प्रखंड के बिंतुका पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय सिकरोम पहान टोली का है. इस विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. इस विद्यालय की बात करें तो कक्षा केजी से 5 तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं, जिनकी संख्या को करीब 40 है. जर्जर भवन के कारण शिक्षक संग बच्चों को हमेशा डर बना रहता है कि कब उनके ऊपर छत का टुकड़ा आकर गिर जाएगा.

इसी डर के कारण बारिश के दिन बच्चों को बरामदे में पढ़ाया जाता है ताकि किसी को कोई नुकसान ना हो. इन सब कारणों से बच्चों का पठन-पाठन काफी हद तक प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा इस विद्यालय में पेयजल की भी विकट समस्या है. रसोई के ऊपर पानी सप्लाई के लिए लगाया गया टंकी का कनेक्शन अधूरा ही करके छोड़ दिया गया. जिस कारण आज तक बाहर से पानी लाकर उपयोग किया जाता है.

स्कूल भवन की हालत को लेकर शिक्षक जेमन मड़की ने बताया कि उनके द्वारा कई बार इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी को जानकारी दी गई है लेकिन इस पर कोई पहल नहीं की गई है. विद्यालय के शिक्षक ने जिला प्रशासन से विद्यालय भवन की मरम्मती की गुहार लगाई है. जिससे बारिश के दिनों में दुर्घटना की संभावना को देखते हुए जल्द से जल्द इसके मरम्मती हो सके.

इस बाबत बिंतुका पंचायत की मुखिया प्रीति बुढ़ ने कहा कि उन्होंने भी कई बार प्रखंड प्रशासन और शिक्षा विभाग को इसकी लिखित जानकारी देते हुए विद्यालय के मरम्मती की मांग कर चुकी हैं. लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. जो बच्चे ठीक से बोल तक नहीं पाते हैं उनकी सुरक्षा को लेकर वे काफी चिंतित हैं.

सिमडेगा उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने इस मामले पर संज्ञान लिया है. डीसी ने कहा कि सिकरोम पहान टोली उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भवन की स्थिति की जांच कराकर जल्द ही उसकी मरम्मती कराई जाएगी. जिससे यहां बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

इसे भी पढ़ें- ऐसे पढ़ेंगे तो कैसे बढ़ेंगे नौनिहाल, जहां एक कमरे में होता है तीन-तीन कक्षा का संचालन!

इसे भी पढ़ें- हाल-ए-स्कूलः डर के साये में भविष्य गढ़ते नौनिहाल!

इसे भी पढ़ें- देखिए, राजधानी में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती तस्वीर, जानिए सरकारी स्कूल के कैसे हैं हालात

सिमडेगा: एक ओर जहां स्कूली शिक्षा और सुविधा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और घोषणाएं की जाती हैं. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये हैं. वहीं दूसरी ओर सिमडेगा जिला का एक ऐसा उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय जहां आज भी बच्चे जर्जर भवन के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. स्थिति ऐसी विकट है कि भवन की छत टूटकर नीचे फर्श पर गिर रही है. इसके बावजूद छोटे-छोटे बच्चे इसी छत के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं.

सिमडेगा के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय की जर्जर हालत (ETV Bharat)

ये मामला बानो प्रखंड के बिंतुका पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय सिकरोम पहान टोली का है. इस विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. इस विद्यालय की बात करें तो कक्षा केजी से 5 तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं, जिनकी संख्या को करीब 40 है. जर्जर भवन के कारण शिक्षक संग बच्चों को हमेशा डर बना रहता है कि कब उनके ऊपर छत का टुकड़ा आकर गिर जाएगा.

इसी डर के कारण बारिश के दिन बच्चों को बरामदे में पढ़ाया जाता है ताकि किसी को कोई नुकसान ना हो. इन सब कारणों से बच्चों का पठन-पाठन काफी हद तक प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा इस विद्यालय में पेयजल की भी विकट समस्या है. रसोई के ऊपर पानी सप्लाई के लिए लगाया गया टंकी का कनेक्शन अधूरा ही करके छोड़ दिया गया. जिस कारण आज तक बाहर से पानी लाकर उपयोग किया जाता है.

स्कूल भवन की हालत को लेकर शिक्षक जेमन मड़की ने बताया कि उनके द्वारा कई बार इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी को जानकारी दी गई है लेकिन इस पर कोई पहल नहीं की गई है. विद्यालय के शिक्षक ने जिला प्रशासन से विद्यालय भवन की मरम्मती की गुहार लगाई है. जिससे बारिश के दिनों में दुर्घटना की संभावना को देखते हुए जल्द से जल्द इसके मरम्मती हो सके.

इस बाबत बिंतुका पंचायत की मुखिया प्रीति बुढ़ ने कहा कि उन्होंने भी कई बार प्रखंड प्रशासन और शिक्षा विभाग को इसकी लिखित जानकारी देते हुए विद्यालय के मरम्मती की मांग कर चुकी हैं. लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. जो बच्चे ठीक से बोल तक नहीं पाते हैं उनकी सुरक्षा को लेकर वे काफी चिंतित हैं.

सिमडेगा उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने इस मामले पर संज्ञान लिया है. डीसी ने कहा कि सिकरोम पहान टोली उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भवन की स्थिति की जांच कराकर जल्द ही उसकी मरम्मती कराई जाएगी. जिससे यहां बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

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