ग्वालियर. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने लोकसभा चुनाव लड़ने और खासकर सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के खिलाफ चुनाव लड़ने की अटकलों पर जवाब देते हुए कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, ' ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों की कमी नहीं है. रहा सवाल लोकसभा चुनाव (Loksabha election 2024) लड़ने का तो मैं राज्यसभा सांसद हूं और मेरे पास अभी सवा दो साल का कार्यकाल बाकी है, इसलिए फिलहाल लोकसभा चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है.'
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगे हैं दिग्विजय
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की कमान संभाल रखी है. यही वजह है कि वे प्रदेशभर में कांग्रेस की तैयारियों को देखने के लिए हर जिले में पहुंच रहे हैं. इस समय दिग्विजय सिंह ग्वालियर चंबल-अंचल के प्रवास पर हैं. बुधवार को पूर्व सीएम ग्वालियर में रहे और इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी चर्चा करते हुए कई अहम मुद्दों पर जवाब दिए.
सीजेआई का जताया आभार, फिर ईवीएम पर प्रहार
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सामने आई गड़बड़ी और फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर दिग्विजय सिंह ने CJI जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह का आभार जताया. उन्होंने कहा, 'ये तो गनीमत है कि यह बैलेट पेपर की गड़बड़ी थी इसलिए पकड़ी भी गई, यही अगर EVM की चोरी होती तो पता ही नहीं चलता. वहीं BJP द्वारा हर बार कांग्रेस के EVM को मुद्दा बनाने के बयान पर भी दिग्विजय सिंह ने कहा, ' जब EVM मैं कोई वोट डालता है तो बटन दबाने के बाद वह कहां गया, उस वोट की गिनती हुई या नहीं हुई, कम से कम इस बात का तो भरोसा नहीं है. आज विश्व के सभी लोकतांत्रिक देशों में बैलेट पेपर के द्वारा मतदान प्रक्रिया पूर्ण की जाती है. जहां पहले EVM मशीनों का उपयोग होता था वहां भी अब दोबारा बैलेट पेपर पर ही चुनाव होने लगे हैं. क्योंकि ये मशीनें भरोसे लायक नहीं हैं'
पोस्टल बैलट में कांग्रेस को मिले थे 70 फीसदी वोट : दिग्विजय
उन्होंने पोस्टल बैलेट को लेकर आगे कहा, 'बात अगर मध्य प्रदेश की करें तो विधानसभा चुनाव के दौरान 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाता, दिव्यांग मतदाता और शासकीय कर्मचारियों को बैलेट पेपर मतदान का मौका दिया गया था. इसमें से लगभग 70 फीसदी वोट कांग्रेस के हक में आए लेकिन प्रदेश में EVM की वजह से कांग्रेस चुनाव हार गई. ऐसे में इसकी विश्वसनीयता पर कैसे भरोसा किया जाए? अगर भारतीय जनता पार्टी को VVPAT मशीन से इतना ही लगाव है तो उनकी मांग है कि वोट देने के बाद जब स्लिप मशीन के अंदर गिरती है उसे मतदाता के हाथ में दें, जिसे देखने के बाद खुद मतदाता उसे डिस्पोज कर देगा.
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किसानों को नहीं मोदी की गारंटी पर भरोसा दिग्विजय
पूर्व CM ने देश में चल रहे किसान आंदोलन की दूसरी लहर पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, ' जब देश में पिछली बार किसान आंदोलन हुआ तो सरकार ने सभी तीन कानूनों को वापस लेने के साथ ही अन्य मांगों पर समझौता किया था, जिसमें फसलों के MSP को कानूनी रूप देने का वादा था. साथ ही उस दौरान मुकदमे जो किसानों पर दायर किए गए थे उन्हें वापस लेने की भी बात थी. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. ऐसे में किसान आंदोलन इस बात का सबूत है कि किसानों को मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं है.