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शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को एक समझने की न करें भूल, दोनों का है क्या है महत्व - MAHASHIVRATRI 2025

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर होता है. महाशिवरात्रि के दिन कैसे शिवजी और माता पार्वती का पूजन करते हैं. ज्योतिषाचार्य से जानिए विस्तार से.

SHIVARATRI MAHASHIVRATRI DIFFERENCE
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 6:07 PM IST

Mahashivratri 2025: महादेव को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते हैं. पूजा पाठ करते हैं, व्रत रखते हैं. महादेव का जब कोई विशेष दिन होता है, तो उस दिन भोले के भक्त उनकी पूजा और आराधना करते हैं. शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित हैं. इस दिन लोग विशेष तौर पर पूजा-पाठ करते हैं. कई लोग शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को एक ही समझते हैं, लेकिन इसमें भी फर्क होता है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य से जानते हैं शिवरात्रि और महाशिवरात्री कब होती है और इसमें क्या अंतर होता है.

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में विशेष अंतर होता है. शिवरात्रि हर महीने पड़ती है, जिसे मासिक शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. यह महीने के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी और चतुर्दशी को पड़ती है. इस दिन शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. कई लोग व्रत भी रखते हैं. शिव-पार्वती को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते हैं.

महाशिवरात्रि में करें 4 प्रहर की पूजा (ETV Bharat)

वहीं, महाशिवरात्रि साल में एक बार पड़ती है. यह फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है. महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही भव्य तरीके से मनाया जाता है. इस दिन शिवभक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं. वे शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं और भगवान की आराधना करते हैं.

महाशिवरात्रि में करें 4 प्रहर की पूजा

पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, "महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के भक्त शिव और पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन विवाह उत्सव मनाया जाता है. शिव-पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किए जाते हैं. भक्त उपवास करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन शाम 6 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक 4 प्रहर की पूजा की जाती है. रात भर जागरण किया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन हर शिवालय, हर शिव मंदिर में माता पार्वती और शिवजी की विशेष पूजा अर्चना होती है.

महाशिवरात्रि को करें ये काम

महाशिवरात्रि के दिन पूजा विधि को लेकर पंडित सुशील शास्त्री ने बताया कि "महाशिवरात्री के दिन सुबह उठें और व्रत करने का संकल्प करें फिर स्नान करें और शिवजी की मिट्टी की मूर्ति बनाकर दिन में पूजन करें. रात्रि कालीन 4 प्रहर की पूजा करें और विशेषकर बेलपत्र, धतूरा, मदार, बेल, चना, गेहूं की बाली, आम के बौर को शिवजी की प्रतिमा या शिवलिंग पर अर्पित करें. इससे भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं." बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है.

Mahashivratri 2025: महादेव को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते हैं. पूजा पाठ करते हैं, व्रत रखते हैं. महादेव का जब कोई विशेष दिन होता है, तो उस दिन भोले के भक्त उनकी पूजा और आराधना करते हैं. शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित हैं. इस दिन लोग विशेष तौर पर पूजा-पाठ करते हैं. कई लोग शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को एक ही समझते हैं, लेकिन इसमें भी फर्क होता है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य से जानते हैं शिवरात्रि और महाशिवरात्री कब होती है और इसमें क्या अंतर होता है.

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर

ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में विशेष अंतर होता है. शिवरात्रि हर महीने पड़ती है, जिसे मासिक शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. यह महीने के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी और चतुर्दशी को पड़ती है. इस दिन शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. कई लोग व्रत भी रखते हैं. शिव-पार्वती को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते हैं.

महाशिवरात्रि में करें 4 प्रहर की पूजा (ETV Bharat)

वहीं, महाशिवरात्रि साल में एक बार पड़ती है. यह फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है. महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही भव्य तरीके से मनाया जाता है. इस दिन शिवभक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं. वे शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं और भगवान की आराधना करते हैं.

महाशिवरात्रि में करें 4 प्रहर की पूजा

पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, "महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के भक्त शिव और पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन विवाह उत्सव मनाया जाता है. शिव-पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किए जाते हैं. भक्त उपवास करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन शाम 6 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक 4 प्रहर की पूजा की जाती है. रात भर जागरण किया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन हर शिवालय, हर शिव मंदिर में माता पार्वती और शिवजी की विशेष पूजा अर्चना होती है.

महाशिवरात्रि को करें ये काम

महाशिवरात्रि के दिन पूजा विधि को लेकर पंडित सुशील शास्त्री ने बताया कि "महाशिवरात्री के दिन सुबह उठें और व्रत करने का संकल्प करें फिर स्नान करें और शिवजी की मिट्टी की मूर्ति बनाकर दिन में पूजन करें. रात्रि कालीन 4 प्रहर की पूजा करें और विशेषकर बेलपत्र, धतूरा, मदार, बेल, चना, गेहूं की बाली, आम के बौर को शिवजी की प्रतिमा या शिवलिंग पर अर्पित करें. इससे भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं." बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है.

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