कवर्धा: कवर्धा जिले में डायरिया अब विकराल रूप लेता जा रहा है.कवर्धा जिले की बात करें तो यहां एक के बाद एक कई गांवों में डायरिया के केस सामने आ रहे हैं.अब तक कुल 4 लोग डायरिया के कारण मौत के मुंह में समां चुके हैं. कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड अंतर्गत वनांचल ग्राम सोनवाही में डायरिया का मामला सामने आया है. जहां बीती रात दो लोगों की उल्टी-दस्त के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई. गांव के दस से अधिक महिला पुरुष, बच्चे इसकी चपेट में हैं. बताया जा रहा है कि कुंए का गंदा पानी पीने के बाद लोग बीमार हुए हैं. मामला सामने आने के बाद कलेक्टर जनमेजय मोहबे ने स्वास्थ्य अमले को मौके पर रवाना किया. जहां शिविर लगाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य का इलाज किया जा रहा है.
महिला की भी हो चुकी है मौत : आपको बता दें कि 20 दिन पहले भी इसी सोनवाही गांव में डायरिया के कारण एक महिला की मौत हो चुकी है. वहीं कुछ लोगों को समय पर इलाज मिल जाने के कारण उनकी जान बच गई थी. हालांकि कलेक्टर ने महिला की मौत का कारण डायरिया के कारण होने से इनकार किया था. बावजूद इसके प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जागरूक नहीं हुआ. प्रशासन की लापहरवाही का खामियाजा दो लोगों को जान देकर चुकानी पड़ी. वहीं अब 10 से अधिक लोग बीमारी से जूझ रहे हैं.
एक ही घर के कई लोग बीमार : ग्रामीणों की माने तो जिस घर की एक महिला और एक पुरुष की बुधवार रात मौत हुई है. उस घर के तीन महिला, एक पुरुष और एक 07 साल का बच्चा समेत आसपास के 10 से अधिक लोग भी उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं. जिनमें से 04 लोगों का इलाज उपस्वास्थ्य केंद्र झलमला और अन्य लोगों को बोड़ला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज किया जा रहा है.कलेक्टर जनमेजय मोहबे ने बताया की उल्टी-दस्त दस्त एक ही घर के दो लोग की मौत हुई है.
''मृतक के परिवार के अन्य सदस्यों में भी डायरिया पाया गया है. लेकिन गांव के अन्य लोग मलेरिया से प्रभावित हैं. गांव के में शिविर लगाकर सभी का स्वस्थ्य चेकअप किया जा रहा है. मृतक की मौत की सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही क्लिकर हो पाएगा.''- जनमेजय महोबे, कलेक्टर
किन गांवों में फैला है डायरिया : आपको बता दें कि पिछले दो महीने से जिले के दर्जनों गांवों को डायरिया ने अपने चपेट में ले चुका है.जिसमें पोंडी, बहरमुड़ा, कोयलारी, और दैहानठीह गांव शामिल हैं. दैहानठीह में बीते दिनों डायरिया से दो लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि प्रशासन ने किसी भी मौत को डायरिया से होना नहीं बता रहे. लेकिन मृतक सभी उल्टी-दस्त से प्रभावित थे, इससे साफ हो की लोग की डायरिया के चपेट में आने से ही मौत हुई है.
दरअसल जिला प्रशासन और पीएचई विभाग की लापहरवाही और ठेकेदार की मनमानी के चलते जिलेभर में जल जीवन मिशन फेल हो चुका हैं. गांव में आज भी लोगों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका है.इसलिए लोग गांव के गंदे कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं.अक्सर गांव के लोग बारिश के दौरान कुएं का पानी पीकर बीमार पड़ते हैं.