श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में इन दिनों व्यवस्थाएं पटरी से उतर चुकी हैं. यहां पिछले डेढ़ महीने से डायलिसिस मशीनें ठप पड़ी हुई हैं. जिसके कारण मरीजों के साथ ही तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही उन्हें मजबूरन देहरादून और ऋषिकेश की दौड़ लगानी पड़ रही है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि विगत दो माह से डायलिसिस यूनिट सूचारू न होने से चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और टिहरी से आने वाले मरीजों को भारी दामों में ऋषिकेश और देहरादून जाकर डायलिसिस करवाना पड़ रहा है. बेस चिकित्सालय प्रबंधन लगातार गुमराह करने का कोशिश कर रहा है. लोगों ने बताया बेस चिकित्सालय में हर प्रकार की मशीनी सुविधाएं होने के बावजूद चिकित्सालय खराब होने का बहना बनाकर और आनाकानी कर मरीजों को बैरंग लौटा रहा है.
चौरास से अपने पति का डायलिसिस कराने पहुंची संतोषी बर्थवाल और पिता का इलाज करवा रही निधि ने कहा विगत दो महीने से बेस चिकित्सायल में डायलिसिस यूनिट सूचारू न होने से उन्हें देहरादून के चक्कर काटने पड़ रहें हैं. सरकार लगातार बेहतर स्वस्थ सुविधाएं देने का वायदा कर रहीं है, लेकिन अभी भी पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाएं लचर हैं. जिसके कारण ग्रामीण पहाड़ से पलायन करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा यदि जल्द से बेस चिकित्सायल में डायलिसिस यूनिट सुचारू नहीं होती है तो वह क्षेत्र की जनता के साथ आंदोलन के लिए बाध्य होंगी.
मामले पर मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य चंद्रमोहन सिंह रावत ने कहा बेस चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट में स्थापित आरओ प्लांट व डायलिसिस मशीनों का संयुक्त रूप से निरीक्षण कर समस्या का समाधान जल्द करवाया जायेगा. डायलिसिस यूनिट ठीक न होने तक मरीजों को दूसरी जगह भेजा जा रहा है. मरीजों को ले जाने व वापस लागने की निशुल्क व्यवस्था की जायेगी.