आगराः देश में तेजी से डायबिटीज जैसी बीमारी बच्चों को चपेट में ले रही है जो बेहद चिंता का विषय है. आगरा की बात करें तो एसएन मेडिकल कॉलेज में टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों की स्क्रीनिंग और उपचार की बेहतर सुविधा है. एक रुपये के पर्चे पर टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों को बेहतर काउंसलिंग, परामर्श के साथ ही 2000 रुपये कीमत का इंसुलिन फ्री मिलता है. इसकी वजह से सप्ताह में एक दिन लगने वाली ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ रही है. 11 माह में 225 से अधिक बच्चे एसएनएमसी के टाइप-1 डायबिटीज सेंटर फॉर एक्सीलेंस से जुड़े हैं. अब ओपीडी अपग्रेड की गई. अब सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को ओपीडी लगेगी.
![diabetes symptoms what are 10 warning signs how to identify type 1 diabetes risk teste detail in hindi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-08-2024/up-agr-03-agra-health-update-photo-7203925_05082024093536_0508f_1722830736_501.jpg)
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अब इलाज संग खेल और फिजियोथेरेपी भी
टाइप-1 डायबिटीज सेंटर फॉर एक्सीलेंस के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि टाइप वन डायबिटीज ऐसी बीमारी है जो बच्चों में होती है. इस बीमारी में इंसुलिन नहीं बनती है. डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को इंसुलिन लेनी होती है जो जिंदगी भर उन्हें लेना होता है. हमारी ओपीडी में आने वाले बच्चों के साथ ही परिजनों की काउंसलिंग की जाती है. परिजन को बच्चों की डाइट के साथ ही डेली रुटीन के बारे में बताया जाता है. हर बच्चे को फ्री में इंसुलिन दिया जाता है. अब टाइप वन डायबिटीज के मरीजों की ओपीडी को एक एनजीओ की मदद से अपग्रेड करके टाइप-1 डायबिटीज सेंटर फॉर एक्सीलेंस सेंटर बनाया है. जहां पर अब फ्री इंसुलिन के साथ ही खेलकूद कक्ष, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा, एचबीए1सी स्क्रीनिंग और मधुमेह न्यूरोपैथी के लिए फिजियोथेरेपी की सेवाएं भी मिलेंगी.
जल्द ही सप्ताह में दो दिन चलेगी ओपीडी
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता ने बताया कि, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस डायबिटीज टाइप 1 क्लीनिक में बच्चों का डायग्नोसिस, इलाज की समुचित व्यवस्था है. सेंटर में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत हर मरीज को इंसुलिन फ्री दिया जा रहा है. अब इस ओपीडी को अपग्रेड करके बच्चों के लिए रीक्रिएशन रूम भी बनाया है. उस रेक्रिएशन रूम में लूडो समेत गेम्स की व्यवस्था है. क्योंकि, यहां आने वाले बच्चे बीमार जरूर हैं. मगर, उन्हें बीमारी के बारे में पता नहीं हैं. इसलिए, उनके दिमाग में बीमारी घर नहीं करने देनी है. ये सब इसके लिए ही किया गया है. जल्द ही ये ओपीडी दो दिन की हो जाएगी. मंगलवार और शुक्रवार को भी ओपीडी लगेगी.
ये है लक्षण
- अधिक प्यास लगना.
- बार-बार पेशाब आना
- अचानक वजन कम होना.
- भूख कम लगाना.
- थकान और कमजोरी.
- चिड़चिड़ापन होना.
टाइप-1 डायबिटीज के प्रमुख कारण
- जेनेटिक: जिन बच्चों के माता-पिता या भाई-बहन को टाइप -1 डायबिटीज है. इनमें जोखिम अधिक होता है.
- ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया: शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही पैंक्रियास की बीटा कोशिकाओं पर हमला कर देती है.
- पर्यावरणीय कारक: कुछ वायरस का संक्रमण इस बीमारी के विकास में भूमिका निभा सकता है. बच्चों में शुरुआती जीवन में होने वाले वायरल संक्रमण इस बीमारी का जोखिम बढ़ा सकते हैं.
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