धार। भोजशाला में एएसआई का सर्वे एक माह से चल रहा है. शनिवार को भी सुबह करीब 8 बजे सर्वे टीम सुरक्षा इंतजाम के साथ भोजशाला पहुंची. वहीं, विगत दिनों मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान द्वारा मीडिया से बातचीत में कहा गया था कि भोजशाला में सर्वे में खुदाई के दौरान गौतम बुद्ध की मूर्ति निकली है, इस बयान को लेकर हिंदू पक्ष ने विरोध किया है. हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया "कुछ दिनों से लगातार मूर्ति निकालने की बात कही जा रही है. इस तरह ये कोर्ट आफ कंटेंप्ट है. भोजशाला सर्वे की गोपनीयता भंग करने का विषय है."
मुस्लिम पक्ष कर रहा कोर्ट की अवमानना
गोयल ने कहा सर्वे चल रहा है. इसकी रिपोर्ट एएसआई द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी. लेकिन लगातार मूर्ति विषय को लेकर मुस्लिम पक्ष द्वारा जानकारी सार्वजनिक करना न्यायालय की अवमानना है. यदि आप कोई सत्य भी जानकारी दे रहे हैं तो कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं और असत्य जानकारी दे रहे हैं तो यह समाज, प्रशासन को गुमराह करना है. भ्रामक जानकारी फैलाने को लेकर जिला प्रशासन को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने भी कहा कि 30वें दिन सर्वे का कार्य जारी है. अब तक जो साक्ष्य सामने आए हैं, निश्चित ही भोजशाला की गाथा को बताते हैं. साथ ही आक्रमणकारियों के कर्मों का परिणाम भी साक्ष्य के रूप में भोजशाला में दिखाई दे रहा है.
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हिंदू पक्ष का दावा- भोजशाला प्रथम दृष्टया मंदिर
गोपाल शर्मा ने कहा "भोजशाला प्रथम दृष्टिया मंदिर है, यह सबने देखा है, परंतु इसे मस्जिद में परिवर्तित करने का कार्य मध्यकाल से चल रहा है. हिंदू समाज ने भोजशाला की मुक्ति ओर गौरव की पुनर्स्थापना को लेकर सतत संघर्ष किया है. हमारे पूर्वजों ने 1952 में महाराजा भोज उत्सव समिति का पुनर्गठन कर राजा भोज, मां वाग्देवी और भोजशाला को जन-जन तक पहुंचने को लेकर प्रयत्न किया गया. निश्चित ही हम सफल हुए हैं और हिंदू समाज भोजशाला के विषय में जानने को लेकर आतुर है." हाई कोर्ट में जो पिटीशन दायर हुई थी उसका परिणाम है कि भोजशाला का सत्य सामने आने वाला है.