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अभी हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के बीच चल रही है सुनवाई, तभी धार की भोजशाला पर जैन समाज ने भी ठोका दावा - JAIN CLAIM ON DHAR BHOJSHALA

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 11:45 AM IST

धार की भोजनशाला में एएसआई की खुदाई में कुछ मूर्तियां भी निकली हैं. जिस पर अब जैन समाज ने अपना दावा ठोक दिया है. जैन समाज ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपना दावा पेश किया है और इस पर सुनवाई की मांग की है. फिलहाल हाईकोर्ट में हिन्दू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के बीच सुनवाई चल रही है.

JAIN CLAIM ON DHAR BHOJANSHALA
धार की भोजनशाला पर जैन समाज ने भी ठोका दावा, हाईकोर्ट में दायर की याचिका (ETV Bharat)

इंदौर। धार की भोजशाला में एएसआई द्वारा पिछले डेढ़ महीने किए गए सर्वे में जैन समाज से जुड़ी मूर्तियां भी निकली हैं. इन मूर्तियों के आधार पर जैन समाज ने इस भोजशाला पर अपना दावा पेश किया है. जैन समाज ने हाइकोर्ट में दायर याचिका में भोनशाला की जगह पर जैन गुरुकुल होने की बात कही है और खुदाई में मिली मूर्तियों को जैन धर्म की मूर्तियां बताया है. इंदौर हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार ली है. अब 4 जुलाई को इस पर में सुनवाई होगी.

हाइकोर्ट में दायर की याचिका

हाइकोर्ट के आदेश पर धार की भोजशाला पर डेढ़ महीने तक भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) का सर्वे हुआ. खुदाई कर भोजशाला की पुरानी बनावट, निर्माण शैली और धार्मिक चिन्हों की जानकारी जुटाई गई. अब जैन समाज ने इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें दावा किया गया है कि खुदाई में जैन समाज से जुड़ी मूर्तियां मिली हैं. मूर्तियां जैन देवी-देवता और तीर्थकर की हैं. दायर याचिका में सुनवाई के दौरान जैन समाज से दो प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की गई है. इसके अलावा खुदाई में मिली मूर्तियों को जैन समाज को सौंप देने की मांग उठाई है.

जैन समाज ने मुर्तियों के आधार पर ठोका दावा

जैन समाज की तरफ से याचिका अधिवक्ता पीके शुक्ला और आशुतोष शुक्ला ने दायर की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि, ''भोजशाला में जैन समाज से संबंधित अंबिका देवी की मुर्ती मिली है. वहीं एक शिलालेख के जरिए जैन गुरुकुल होने के प्रमाण भी मिले हैं. कई देशी-विदेशी वरिष्ठ लेखकों ने अपनी पुस्तकों में सनातन और जैन समाज की देवी-देवताओं की मूर्तियों की आकृति के बारे में बताया है. जिसमें कहा गया है कि, कई बार हिंदू और जैन समाज के देवी-देवताओं की मूर्तियां एक जैसी होती है, उनमें अंतर कर पाना आसान नहीं होता है. इससे यह कहा जा सकता है कि जिस मूर्ति को सरस्वती देवी की मूर्ति बताया जा रहा है वह जैन समाज की देवी की भी मूर्ति हो सकती है.''

हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के बीच चल रही है सुनवाई

इंदौर हाईकोर्ट ने जैन समाज की तरफ से भोजशाला पर दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए स्वीकार कर लिया है. सुनवाई की तारिख 4 जुलाई तय की गई है. इससे पहले 2 जुलाई को एएसआई, सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगा. बता दें कि, अभी इंदौर हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हो रही है.

इंदौर। धार की भोजशाला में एएसआई द्वारा पिछले डेढ़ महीने किए गए सर्वे में जैन समाज से जुड़ी मूर्तियां भी निकली हैं. इन मूर्तियों के आधार पर जैन समाज ने इस भोजशाला पर अपना दावा पेश किया है. जैन समाज ने हाइकोर्ट में दायर याचिका में भोनशाला की जगह पर जैन गुरुकुल होने की बात कही है और खुदाई में मिली मूर्तियों को जैन धर्म की मूर्तियां बताया है. इंदौर हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार ली है. अब 4 जुलाई को इस पर में सुनवाई होगी.

हाइकोर्ट में दायर की याचिका

हाइकोर्ट के आदेश पर धार की भोजशाला पर डेढ़ महीने तक भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) का सर्वे हुआ. खुदाई कर भोजशाला की पुरानी बनावट, निर्माण शैली और धार्मिक चिन्हों की जानकारी जुटाई गई. अब जैन समाज ने इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें दावा किया गया है कि खुदाई में जैन समाज से जुड़ी मूर्तियां मिली हैं. मूर्तियां जैन देवी-देवता और तीर्थकर की हैं. दायर याचिका में सुनवाई के दौरान जैन समाज से दो प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की गई है. इसके अलावा खुदाई में मिली मूर्तियों को जैन समाज को सौंप देने की मांग उठाई है.

जैन समाज ने मुर्तियों के आधार पर ठोका दावा

जैन समाज की तरफ से याचिका अधिवक्ता पीके शुक्ला और आशुतोष शुक्ला ने दायर की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि, ''भोजशाला में जैन समाज से संबंधित अंबिका देवी की मुर्ती मिली है. वहीं एक शिलालेख के जरिए जैन गुरुकुल होने के प्रमाण भी मिले हैं. कई देशी-विदेशी वरिष्ठ लेखकों ने अपनी पुस्तकों में सनातन और जैन समाज की देवी-देवताओं की मूर्तियों की आकृति के बारे में बताया है. जिसमें कहा गया है कि, कई बार हिंदू और जैन समाज के देवी-देवताओं की मूर्तियां एक जैसी होती है, उनमें अंतर कर पाना आसान नहीं होता है. इससे यह कहा जा सकता है कि जिस मूर्ति को सरस्वती देवी की मूर्ति बताया जा रहा है वह जैन समाज की देवी की भी मूर्ति हो सकती है.''

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हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के बीच चल रही है सुनवाई

इंदौर हाईकोर्ट ने जैन समाज की तरफ से भोजशाला पर दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए स्वीकार कर लिया है. सुनवाई की तारिख 4 जुलाई तय की गई है. इससे पहले 2 जुलाई को एएसआई, सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगा. बता दें कि, अभी इंदौर हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हो रही है.

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