धनबाद: भाजपा सांसद ढुलू महतो ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्षेत्रीय विकास और जनहित से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए. उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की पहुंच बढ़ाने के उपायों पर सवाल उठाया. जिस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि उधम पोर्टल पर 54.78 लाख से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हैं. जिनका संचालन आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया जा रहा है.
सांसद ने आदिवासी अधिकारों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विकास पर भी सरकार से संवाद किया. सरकार ने बताया कि झारखंड समेत देशभर में आदिवासी समुदायों के लिए वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए "अबुआ वीर दिशोम अभियान" और "धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कृष्ट अभियान" जैसी पहल शुरू की गई है. इसके तहत शिक्षा के लिए 715 आवासीय विद्यालय और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 616 मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्थापना की गई है.
सांसद ने कहा कि धनबाद के लोगों के विकास और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए मैं हमेशा प्रतिबद्ध हूं. संसद में उठाए गए मेरे सवालों और मिले जवाबों से धनबाद क्षेत्र के विकास को नई दिशा मिलेगी.
इस्पात मंत्रालय की बैठक में शामिल हुए सांसद
धनबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद ढुलू महतो इस्पात मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में भी शामिल हुए. बैठक में भारतीय इस्पात क्षेत्र में हरित इस्पात संक्रमण की रणनीति और इसके पर्यावरणीय लाभों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने की.
इस चर्चा का फोकस भारत के इस्पात उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की योजना पर था. ढुलू महतो ने कहा कि भारतीय इस्पात क्षेत्र के हरित परिवर्तन का उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण है, बल्कि इससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हमारे उद्योग भी मजबूत होंगे. इस दिशा में धनबाद जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को लाभ होगा, जिससे रोजगार और पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित होगा.
बैठक में ग्रीन स्टील प्रौद्योगिकी, पुनर्नवीनीकरण सामग्री के उपयोग और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की गई. सांसद ढुलू महतो ने इस्पात उद्योग में रोजगार सृजन और सतत विकास के पहलुओं पर जोर दिया. इस बैठक को उन्होंने धनबाद क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया. उन्होंने कहा कि ग्रीन स्टील भारतीय इस्पात उद्योग के भविष्य को आकार देगा. इस पहल का लाभ धनबाद और झारखंड को दीर्घकालिक रूप से मिलेगा.
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