जौनपुरः बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी और बसपा उम्मीदवार श्रीकला सिंह रेड्डी ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. श्रीकला ने कहा कि मेरे पति के ऊपर एक-47 से हमला हुआ था, उसे मामले में वह इकलौती गवाह है. उनके पति के जान को खतरा है. उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. श्रीकला ने कहा कि कहा कि जब आज हाई कोर्ट से फैसला आने वाला था तो इतनी जल्दी उनके पति को क्यों सेंट्रल जेल बरेली जेल में शिफ्ट किया गया. जबकि जेल शिफ्ट के कुछ घंटा बड़ी उनको बेल मिल गई. इसके साथ ही श्रीकला ने अपने सिंदूर और मंगलसूत्र सुरक्षा की मांग पीएम मोदी और सीएम योगी से की.
ये धर्म युद्ध है, बहू के सिंदूर को बचाने का समय है
बसपा प्रत्याशी श्रीकला सिंह ने कहा कि 'ये धर्म युद्ध है, एक बहू के सिन्दूर को बचाने का समय है. उन्होंने अभय सिंह का हगैर नाम लिए कहा कि मेरे पति के ऊपर जिन लोगों ने जानलेवा हमला किया था वो लोग भी बदले घटनाक्रम में आज सत्ता के पाले में हैं. ये सब देखकर मुझे डर है कि ये लोग मेरे पति की हत्या का प्रयास कर सकते हैं या उनको किसी और फर्जी मुकदमो में फंसाने का कुचक्र कर सकते हैं. मेरे पति का गुनाह सिर्फ इतना है कि वो निर्भीक हैं. आपकी लड़ाई में उन्हें कभी समझौते नहीं किये. उन्होने बिना रुके, बिना थके जौनपुर के लोगों की सेवा की है. जब आपकी आवाज को सदन तक पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया तो उनके ऊपर फर्जी मुकादमे कायम कराये गए. भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को कोई और रूप दिया गया. अभी जब उच्च न्यायालय ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था तो भी ये लोग बौखलाहट में उनका जेल ट्रांसफर कर दिया. इन लोगो के अंदर उच्च न्यायालय के फैसले का भी इंतजार करने का या उसका सम्मान करने का साहस नहीं है'.
चुनाव लड़ने की इच्छा रखना गुनाह है क्या?
श्रीकला ने कहा कि 'आज मैं देश के प्रधान मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि विपक्ष की सरकार बनने पर आप मंगलसूत्र छीन जाने की बात करते हैं, आज आपकी सरकार में ही मेरे मंगल सूत्र पर संकट है, क्या आपका ध्यान उस पर नहीं जाएगा? क्या यहां जनता की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के बाद चुनाव लड़ने की इच्छा रखना गुनाह है? आज मैं पुरुषार्थ और जज्बे की धरती जौनपुर के परिवार जन से पूछना चाहती हूं कि क्या आप अपने बेटे की अन्याय के विरूद्ध इस लड़ाई में उनका साथ नहीं देंगे?
बढ़ते जनाधार से विपक्ष में बौखलाहट
वहीं, धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने की अटकलों पर श्रीकला ने कहा कि अभी तक कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिल पाई है. रही बात प्रत्याशी बदलने की वह काम बसपा सुप्रीमो बहन मायावती का है, उनका जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा. श्रीकला ने कहा कि 'मेरे पति को बैक पेन था, जो इतनी दूर का सफर नहीं कर सकते थे. आखिर क्यों अचानक मेरे पति को बरेली जेल शिफ्ट किया, यह बात समझ से नहीं आ रही है. विपक्षी हमारे पति के बढ़ते जनाधार को देखते हुए डर गए हैं. जिससे उनको गैर जनता जनपद शिफ्ट कराया गया है. जौनपुर की जनता की जौनपुर की जनता के लिए हमारे पति पिछले 25 सालों से सेवा कर रहे हैं. उनको जौनपुर की जनता पर पूरा भरोसा है और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त है.
धन्नजय सिंह को जौनपुर जेल से एंबुलेंस में ले जाया गया आखिर क्यों
शनिवार सुबह अचानक धनंजय के जेल बदलने की खबर सामने आई. सुबह 7 बजे प्रशासन उन्हें जौनपुर से हाई सिक्योरिटी वाली बरेली जेल ले गया. एंबुलेंस में बैठे धनंजय सिंह का एक वीडियो सामने आया. इसमें कुछ लोग उनसे पूछ रहे हैं कि उन्हें कुछ कहना है? वह कोई जवाब नहीं देते. लेकिन जब उनकी पत्नी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पति को पिछले दो-तीन दिन से जिसको गैर जनपद जेल स्थानांतरण को लेकर तैयार नहीं थे.
एसटीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण-फिरौती मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 6 मार्च 2024 को पूर्व सांसद धनंजय को 7 साल कैद की सजा सुनाई थी. तब से वह लगभग 45 दिनों से जौनपुर जेल में बंद थे. बसपा ने धनंजय की पत्नी श्रीकला को जौनपुर से टिकट दिया है. भाजपा ने यहां से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है. कृपाशंकर सिंह 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. जौनपुर में 29 अप्रैल से 6 मई तक नामांकन होना है. वहीं, धनंजय सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन सजा बरकार है.
इसे भी पढ़ें-पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हाईकोर्ट से मिली बेल: सजा पर रोक नहीं, इस बार नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव