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होमस्टे योजना को लेकर धामी की बड़ी पहल, 60 हजार रुपये प्रति कमरे का अनुदान देगी सरकार - Grant for Homestay Scheme

Grant for Homestay Scheme,Homestay Scheme in Uttarakhand, Dhami Government Homestay Scheme,Trekking Traction Centre Home Stay Scheme उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में होमस्टे योजना को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार ने नई पहल शुरू की है. इसके तहत धामी सरकार ट्रैकिंग रूट्स पर होमस्टे बनाने वालों को अनुदान देगी. टूरिस्ट न होने की स्थिति में भी सरकार होमस्टे संचालकों को रोजाना ₹60 प्रति कमरे के हिसाब से पेय करेगी.

GRANT FOR HOMESTAY SCHEME
होमस्टे योजना को लेकर धामी की बड़ी पहल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 9, 2024, 3:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन से जुड़े युवाओं को सरकार ने तोहफा दिया गया है. अब तक कई जगहों पर पर्यटकों को रोकने खाने-पीने के लिए काफी सोचना और विचार करना पड़ता था. इतना ही नहीं कम आमदनी की वजह से इस फील्ड में कई युवा आने से कतराते भी थे, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को अनुदान देकर एक बड़ा फायदा देने की कोशिश की है. अब ट्रैकिंग रूट्स पर जो भी स्थानीय युवा या ग्रामीण होमस्टे बनता है तो उसे सरकार रोजाना ₹60 प्रति कमरे के हिसाब से अनुदान देगी. इतना ही नहीं अगर होमस्टे को रिनोववेट करवाने के लिए भी सरकार ने 25000 रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है.

सरकार ने यह योजना उन लोगों के लिए शुरू की है जो लोग ट्रैकिंग रूट से 2 किलोमीटर के दायरे में होमस्टे चला रहे हैं उन लोगों को अगर सर्दी या गर्मी में पर्यटक नहीं भी मिलते हैं तो रोजाना उनके कमरे का ₹60 अनुदान सरकार देगी. इससे स्थानीय लोगों को तो फायदा होगा ही साथ ही साथ पर्यटकों को भी अच्छे और अधिक ऑप्शन ट्रैकिंग रूट पर आने वाले दिनों में मिल सकेंगे.

होमस्टे के लिए धामी सरकार देगी अनुदान: सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना में अगर कोई व्यक्ति होमस्टे बनाना भी चाहता है तो उसे ₹60000 प्रति कमरे का अनुदान दिया जाएगा. जिसमें कमरे के साथ-साथ शौचालय और अन्य सुविधा भी जुटानी होगी. जिनके पहले से कमरे हैं, उन्हें सरकार सुसज्जित करने के लिए 25,000 रुपये प्रदान करती है. यह वित्तीय सहायता न केवल होम स्टे योजना को प्रोत्साहित करती है, बल्कि पारंपरिक पहाड़ी शैली की इमारतों सहित स्थानीय स्थापत्य शैलियों को भी बढ़ावा देती है.

योजना की पात्रता के लिए मानदंड: इसके लिए विशिष्ट पात्रता मानदंड भी हैं. ट्रेकिंग केंद्रों के पास रहने वाले मूल ग्रामीणों को वरीयता दी जाती है. यह शर्त आगंतुकों के लिए समृद्ध अनुभव प्रदान करने में स्थानीय ज्ञान और आतिथ्य के महत्व को पुष्ट करती है. इसके अलावा, होम स्टे संचालकों के लिए अपने परिवारों के साथ परिसर में रहने की आवश्यकता एक स्वागत योग्य वातावरण को बढ़ावा देती है, जहां पर्यटक वास्तविक स्थानीय संस्कृति और गर्मजोशी का अनुभव कर सकते हैं. होम स्टे पंजीकरण के लिए अनिवार्यता इस पहल का एक और महत्वपूर्ण पहलू है. यह न केवल पर्यटकों के लिए सेवा और सुरक्षा के मानकों को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि सरकार को इस उभरते क्षेत्र के विकास की निगरानी और समर्थन करने की भी अनुमति देता है. होम स्टे को औपचारिक रूप देकर, सरकार यह सुनिश्चित कर सकती है कि पर्यटन का अनुभव उत्तराखंड के मूल्यों के अनुरूप हो. साथ ही इससे स्थानीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त हो.

पढ़ें- उत्तराखंड में होमस्टे बुक करना हुआ आसान, इस पोर्टल में जाकर कराएं बुकिंग, एक क्लिक में मिलेगी जानकारी - Uttarakhand Homestay Booking Site

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन से जुड़े युवाओं को सरकार ने तोहफा दिया गया है. अब तक कई जगहों पर पर्यटकों को रोकने खाने-पीने के लिए काफी सोचना और विचार करना पड़ता था. इतना ही नहीं कम आमदनी की वजह से इस फील्ड में कई युवा आने से कतराते भी थे, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को अनुदान देकर एक बड़ा फायदा देने की कोशिश की है. अब ट्रैकिंग रूट्स पर जो भी स्थानीय युवा या ग्रामीण होमस्टे बनता है तो उसे सरकार रोजाना ₹60 प्रति कमरे के हिसाब से अनुदान देगी. इतना ही नहीं अगर होमस्टे को रिनोववेट करवाने के लिए भी सरकार ने 25000 रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है.

सरकार ने यह योजना उन लोगों के लिए शुरू की है जो लोग ट्रैकिंग रूट से 2 किलोमीटर के दायरे में होमस्टे चला रहे हैं उन लोगों को अगर सर्दी या गर्मी में पर्यटक नहीं भी मिलते हैं तो रोजाना उनके कमरे का ₹60 अनुदान सरकार देगी. इससे स्थानीय लोगों को तो फायदा होगा ही साथ ही साथ पर्यटकों को भी अच्छे और अधिक ऑप्शन ट्रैकिंग रूट पर आने वाले दिनों में मिल सकेंगे.

होमस्टे के लिए धामी सरकार देगी अनुदान: सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना में अगर कोई व्यक्ति होमस्टे बनाना भी चाहता है तो उसे ₹60000 प्रति कमरे का अनुदान दिया जाएगा. जिसमें कमरे के साथ-साथ शौचालय और अन्य सुविधा भी जुटानी होगी. जिनके पहले से कमरे हैं, उन्हें सरकार सुसज्जित करने के लिए 25,000 रुपये प्रदान करती है. यह वित्तीय सहायता न केवल होम स्टे योजना को प्रोत्साहित करती है, बल्कि पारंपरिक पहाड़ी शैली की इमारतों सहित स्थानीय स्थापत्य शैलियों को भी बढ़ावा देती है.

योजना की पात्रता के लिए मानदंड: इसके लिए विशिष्ट पात्रता मानदंड भी हैं. ट्रेकिंग केंद्रों के पास रहने वाले मूल ग्रामीणों को वरीयता दी जाती है. यह शर्त आगंतुकों के लिए समृद्ध अनुभव प्रदान करने में स्थानीय ज्ञान और आतिथ्य के महत्व को पुष्ट करती है. इसके अलावा, होम स्टे संचालकों के लिए अपने परिवारों के साथ परिसर में रहने की आवश्यकता एक स्वागत योग्य वातावरण को बढ़ावा देती है, जहां पर्यटक वास्तविक स्थानीय संस्कृति और गर्मजोशी का अनुभव कर सकते हैं. होम स्टे पंजीकरण के लिए अनिवार्यता इस पहल का एक और महत्वपूर्ण पहलू है. यह न केवल पर्यटकों के लिए सेवा और सुरक्षा के मानकों को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि सरकार को इस उभरते क्षेत्र के विकास की निगरानी और समर्थन करने की भी अनुमति देता है. होम स्टे को औपचारिक रूप देकर, सरकार यह सुनिश्चित कर सकती है कि पर्यटन का अनुभव उत्तराखंड के मूल्यों के अनुरूप हो. साथ ही इससे स्थानीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त हो.

पढ़ें- उत्तराखंड में होमस्टे बुक करना हुआ आसान, इस पोर्टल में जाकर कराएं बुकिंग, एक क्लिक में मिलेगी जानकारी - Uttarakhand Homestay Booking Site

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