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खुशखबरी: उत्तराखंड में चीनी मिलों में मृतक आश्रितों को मिलेगी नौकरी, धामी कैबिनेट ने रोक हटाई - Uttarakhand Sugar Mill

Uttarakhand Sugar Mill धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड में मृतक चीनी मिल श्रमिकों के आश्रितों को नौकरी देने पर लगी रोक को हटा दिया है. इसके साथ ही 68 आश्रितों को नौकरी दी जाएगी. जबकि सीजनल मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने का प्रस्ताव अगली कैबिनेट में लाया जाएगा.

Uttarakhand Sugar Mill
उत्तराखंड में चीनी मिलों के मृतक आश्रितों को मिलेगी नौकरी (FILE PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 17, 2024, 5:31 PM IST

उत्तराखंड में चीनी मिलों के मृतक आश्रितों को मिलेगी नौकरी (VIIDEO- ETV Bharat)

देहरादूनः उत्तराखंड की सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को धामी मंत्रिमंडल ने हटा दिया है. शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान गन्ना विभाग के प्रस्ताव पर धामी मंत्रिमंडल ने सहमति जताते हुए मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब चीनी मिलों में मृतक आश्रितों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है.

बता दें कि साल 2018 में तात्कालीन गन्ना और वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. साथ ही मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगाने से संबंधित शासनादेश 12 जून 2018 को जारी किया गया था. उस दौरान सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मीलों के नुकसान में चलने के चलते मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. हालांकि, अन्य विभागों में मृतक आश्रितों को नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है. जिसके चलते गन्ना मिलों के मृतक आश्रित लगातार सेवायोजन की मांग कर रहे थे. लेकिन गन्ना मिलों की स्थिति ठीक न होने के चलते मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक को हटाया नहीं जा सका था.

68 कार्मिकों के आश्रितों को नौकरी तय: ऐसे में अब गन्ना मिलें नुकसान से उबरीं तो गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने का निर्णय लिया. जिससे संबंधित प्रस्ताव को 17 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में रखा गया. जिस पर चर्चा होने के साथ ही साल 2018 के दौरान मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को 'राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 68 स्थायी कार्मिकों के आश्रितों को उनकी पात्रता, योग्यता और रिक्तियों के आधार पर संबंधित चीनी मिल में मृतक आश्रित के रूप में नियमानुसार सेवायोजित किया जाए' की सीमा तक हटाये जाने का निर्णय लिया है. गौर है कि उत्तराखंड में 2 सहकारी, 2 सरकारी और 3 प्राइवेट चीनी मिलें हैं.

123 सीजनल कर्मचारी आश्रितों को मिलेगी नौकरी: वहीं, गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि साल 2018 में चीनी मीलों के मृतक आश्रितों को नौकरी दिए जाने पर रोक लगा दिया गया था. क्योंकि उस दौरान चीनी मिलें काफी घाटे में चल रही थी. जिसके बाद से ही मृतक आश्रितों की ओर से सेवायोजित किए जाने की मांग की जा रही थी. क्योंकि हर विभाग में मृतक आश्रितों के सेवायोजित का प्रावधान है. जिसके चलते उन्होंने सीएम धामी से मुलाकात कर इस संबंध में बात की थी. जिसके बाद मंत्रिमंडल की बैठक के बाद परमानेंट कर्मचारी रहे मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. साथ ही कहा कि 123 सीजनल कर्मचारी ऐसे भी हैं जिनके निधन के बाद उनके आश्रितों को भी सेवायोजित किया जाना है. जिससे संबंधित प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक के सम्मुख रखा जाएगा.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जल्द होंगे परमानेंट, कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

उत्तराखंड में चीनी मिलों के मृतक आश्रितों को मिलेगी नौकरी (VIIDEO- ETV Bharat)

देहरादूनः उत्तराखंड की सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को धामी मंत्रिमंडल ने हटा दिया है. शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान गन्ना विभाग के प्रस्ताव पर धामी मंत्रिमंडल ने सहमति जताते हुए मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब चीनी मिलों में मृतक आश्रितों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है.

बता दें कि साल 2018 में तात्कालीन गन्ना और वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. साथ ही मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगाने से संबंधित शासनादेश 12 जून 2018 को जारी किया गया था. उस दौरान सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मीलों के नुकसान में चलने के चलते मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. हालांकि, अन्य विभागों में मृतक आश्रितों को नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है. जिसके चलते गन्ना मिलों के मृतक आश्रित लगातार सेवायोजन की मांग कर रहे थे. लेकिन गन्ना मिलों की स्थिति ठीक न होने के चलते मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक को हटाया नहीं जा सका था.

68 कार्मिकों के आश्रितों को नौकरी तय: ऐसे में अब गन्ना मिलें नुकसान से उबरीं तो गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने का निर्णय लिया. जिससे संबंधित प्रस्ताव को 17 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में रखा गया. जिस पर चर्चा होने के साथ ही साल 2018 के दौरान मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को 'राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 68 स्थायी कार्मिकों के आश्रितों को उनकी पात्रता, योग्यता और रिक्तियों के आधार पर संबंधित चीनी मिल में मृतक आश्रित के रूप में नियमानुसार सेवायोजित किया जाए' की सीमा तक हटाये जाने का निर्णय लिया है. गौर है कि उत्तराखंड में 2 सहकारी, 2 सरकारी और 3 प्राइवेट चीनी मिलें हैं.

123 सीजनल कर्मचारी आश्रितों को मिलेगी नौकरी: वहीं, गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि साल 2018 में चीनी मीलों के मृतक आश्रितों को नौकरी दिए जाने पर रोक लगा दिया गया था. क्योंकि उस दौरान चीनी मिलें काफी घाटे में चल रही थी. जिसके बाद से ही मृतक आश्रितों की ओर से सेवायोजित किए जाने की मांग की जा रही थी. क्योंकि हर विभाग में मृतक आश्रितों के सेवायोजित का प्रावधान है. जिसके चलते उन्होंने सीएम धामी से मुलाकात कर इस संबंध में बात की थी. जिसके बाद मंत्रिमंडल की बैठक के बाद परमानेंट कर्मचारी रहे मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. साथ ही कहा कि 123 सीजनल कर्मचारी ऐसे भी हैं जिनके निधन के बाद उनके आश्रितों को भी सेवायोजित किया जाना है. जिससे संबंधित प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक के सम्मुख रखा जाएगा.

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