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केदारघाटी की राखी चौहान सेना में बनीं लेफ्टिनेंट, खुशी से पिता के आंखों से छलके आंसू - Rudraprayag Rakhi Chauhan

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Rudraprayag Rakhi Chauhan Medical Lieutenant आर्थिक तंगी को झेलते हुए पिता ने किसी तरह से बेटी से नर्सिंग का कोर्स करवाया. आज जब बेटी सेना में लेफ्टिनेंट बनीं तो पिता के आंखों से आंसू निकल आए. जानिए किस तरह से केदारघाटी के एक छोटे से गांव से निकलकर राखी चौहान सैन्य अधिकारी बनीं.

Rakhi Chauhan Became Lieutenant
सेना में लेफ्टिनेंट बनीं राखी चौहान (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के गुप्तकाशी के देवर गांव की राखी चौहान का भारतीय सेना के मेडिकल विंग में लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ है. यह चयन शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत हुआ है. राखी के सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर परिवार और गांव में खुशी की लहर है. हर कोई राखी और उसके परिवार को बधाई देने पहुंच रहा है.

घंटों तक पढ़ाई करती थीं राखी चौहान: बता दें कि राखी चौहान की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज गुप्तकाशी में हुई. इसके बाद उच्च शिक्षा मानव भारती कॉलेज देहरादून से संपन्न हुई. बेहद सामान्य परिवार में जन्मी राखी ने सुभारती मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स पूरा किया. कुछ बनने की चाहत और जज्बा लेकर राखी घंटों तक पढ़ाई करती थी. आखिरकार राखी अपने सपनों को रंग देने में कामयाब हो गई.

Rakhi Chauhan
राखी चौहान (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

बेटी के लेफ्टिनेंट बनने पर पिता की छलक गई आंखें: राखी के पिता दिलीप सिंह चौहान होटल व्यवसाय में हैं तो उसके दोनों भाई प्राइवेट व्यवसाय कर अपने परिवार को पाल रहे हैं. अपनी बेटी को इस मुकाम पर पहुंचने की खबर से दिलीप सिंह की आंखें खुशी से छलक उठी. उन्होंने बताया कि राखी बचपन से ही शांत और मधुर स्वभाव की थी.

आर्थिक तंगी को झेलते हुए परिवार ने बेटी से करवाया नर्सिंग का कोर्स: वहीं, कुछ बनने की ललक और इच्छा के कारण उन्होंने आर्थिक तंगी को झेलते हुए अपनी बेटी को नर्सिंग का कोर्स करवाया. उसके बाद राखी यहीं नहीं रुकी, बल्कि उसने तो मन में ठान लिया था कि उसे सैन्य अधिकारी बनकर देश की सेवा करनी है, इसी जज्बा के चलते राखी ने भारतीय सेना के ऑल इंडिया मेडिकल विंग में 52वीं रैंक हासिल किया और लेफ्टिनेंट बन गईं. राखी के लेफ्टिनेंट बनने पर पूरे घाटी में खुशी की लहर है.

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रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के गुप्तकाशी के देवर गांव की राखी चौहान का भारतीय सेना के मेडिकल विंग में लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ है. यह चयन शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत हुआ है. राखी के सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर परिवार और गांव में खुशी की लहर है. हर कोई राखी और उसके परिवार को बधाई देने पहुंच रहा है.

घंटों तक पढ़ाई करती थीं राखी चौहान: बता दें कि राखी चौहान की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज गुप्तकाशी में हुई. इसके बाद उच्च शिक्षा मानव भारती कॉलेज देहरादून से संपन्न हुई. बेहद सामान्य परिवार में जन्मी राखी ने सुभारती मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स पूरा किया. कुछ बनने की चाहत और जज्बा लेकर राखी घंटों तक पढ़ाई करती थी. आखिरकार राखी अपने सपनों को रंग देने में कामयाब हो गई.

Rakhi Chauhan
राखी चौहान (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

बेटी के लेफ्टिनेंट बनने पर पिता की छलक गई आंखें: राखी के पिता दिलीप सिंह चौहान होटल व्यवसाय में हैं तो उसके दोनों भाई प्राइवेट व्यवसाय कर अपने परिवार को पाल रहे हैं. अपनी बेटी को इस मुकाम पर पहुंचने की खबर से दिलीप सिंह की आंखें खुशी से छलक उठी. उन्होंने बताया कि राखी बचपन से ही शांत और मधुर स्वभाव की थी.

आर्थिक तंगी को झेलते हुए परिवार ने बेटी से करवाया नर्सिंग का कोर्स: वहीं, कुछ बनने की ललक और इच्छा के कारण उन्होंने आर्थिक तंगी को झेलते हुए अपनी बेटी को नर्सिंग का कोर्स करवाया. उसके बाद राखी यहीं नहीं रुकी, बल्कि उसने तो मन में ठान लिया था कि उसे सैन्य अधिकारी बनकर देश की सेवा करनी है, इसी जज्बा के चलते राखी ने भारतीय सेना के ऑल इंडिया मेडिकल विंग में 52वीं रैंक हासिल किया और लेफ्टिनेंट बन गईं. राखी के लेफ्टिनेंट बनने पर पूरे घाटी में खुशी की लहर है.

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