ETV Bharat / state

अयोध्या में सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन को पहुंच सकेंगे भक्त, 23.38 करोड़ से भ्रमण पथ का हो रहा निर्माण - braman path in ayodhya

अयोध्या में सरयू नदी से राम मंदिर जाने के लिए योगी सरकार (braman path in ayodhya) भ्रमण पथ का निर्माण करा रही है. इसके बनने के बाद रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे.

अयोध्या में राम मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 1:35 PM IST

अयोध्या : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सरकार की ओर से भव्य श्रीराम मंदिर तक पहुंचने के लिए भ्रमण पथ का निर्माण कराया जा रहा है. जिसका एक चौथाई कार्य पूरा कर लिया गया है. काशी में गंगा और विश्वनाथ धाम के तर्ज पर सरयू नदी से राम मंदिर को जोड़ने के लिए इस भ्रमण पथ का निर्माण कराया जा रहा है. रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे. इस योजना पर लगभग 23.38 करोड़ रुपया खर्च हो रहा है.


भ्रमण पथ सरयू नदी के घाटों से होते हुए राजघाट तक, राजघाट से भगवान श्रीराम के मंदिर तक बनाया जा रहा है. इस पथ में हेरिटेज टाइल्स, पत्थरों की परत के साथ मार्ग की दीवारों पर भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंगों को पेंटिंग के माध्यम से उकेरा जा रहा है. सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार का यह कार्य यूपी प्रॉजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है.



पर्यटन विभाग की योजना है कि श्रद्धालु और पर्यटक सरयू नदी में स्नान करने के बाद कई मार्गों से मंदिर तक पहुंच सकें. इससे भीड़ का दबाव भी एक मार्ग पर कम हो जाएगा. अभी तक की योजना में राम पथ होते हुए भक्ति और जन्मभूमि पथ के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक जा रहे हैं, लेकिन भ्रमण पथ बन जाने के बाद सरयू नदी में स्नान करने के बाद सीधे राम जन्मभूमि परिसर तक जाया जा सकेगा. जानकारी के मुताबिक, इसके बीच में कुछ मीटर पंचकोसी परिक्रमा मार्ग भी पड़ता है.



हेरिटेज टाइल्स को सुरूचि पूर्ण और टिकाऊ माना गया है. यह भारत के प्रमुख वास्तुकारों की पहली पसंद है. यह टाइल्स मजबूत बोर्ड लाइन और निश्चित आकार के लिए प्रसिद्ध है. अनोखा लुक और एक विशिष्ट क्षेत्र को उजागर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. इसी के साथ पत्थरों का प्रयोग बाहरी और अंदर की दीवारों पर किया जाता है. इसके लगाने से पत्थर से ढकी मजबूत चहारदीवारी दिखाई पड़ती है. यह दीवार को धूप, बारिश, हवा, बढ़ते और घटते तापमान के साथ प्रदूषण से भी बचाती है. इसके बीच-बीच में भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंग को पेंटिंग के माध्यम से चित्रित किया जा रहा है. श्रद्धालुओं को रास्ते में भक्ति पूर्ण माहौल दिखाई दे इसके लिए रामायण काल के पौधे भी लगाए जाएंगे.



क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि भ्रमण पथ का निर्माण दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. मेलों के दौरान निर्माण कुछ धीमा हो जाएगा, किन्तु मेला समाप्त होते ही फिर निर्माण कार्य तेज हो जाएगा.

यह भी पढ़ें : रामनगरी में भगवान जगन्नाथ की बहुड़ा यात्रा; इस्काॅन मंदिर से 10 किमी तक निकाली गई यात्रा, अयोध्या के साधु संत हुए शामिल - Bahuda Yatra in AYODHYA

यह भी पढ़ें : अब राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात होंगे एनएसजी के कमांडो, 4 दिन तक सर्वे करेगी टीम - Ayodhya Ram Mandir

अयोध्या : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सरकार की ओर से भव्य श्रीराम मंदिर तक पहुंचने के लिए भ्रमण पथ का निर्माण कराया जा रहा है. जिसका एक चौथाई कार्य पूरा कर लिया गया है. काशी में गंगा और विश्वनाथ धाम के तर्ज पर सरयू नदी से राम मंदिर को जोड़ने के लिए इस भ्रमण पथ का निर्माण कराया जा रहा है. रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे. इस योजना पर लगभग 23.38 करोड़ रुपया खर्च हो रहा है.


भ्रमण पथ सरयू नदी के घाटों से होते हुए राजघाट तक, राजघाट से भगवान श्रीराम के मंदिर तक बनाया जा रहा है. इस पथ में हेरिटेज टाइल्स, पत्थरों की परत के साथ मार्ग की दीवारों पर भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंगों को पेंटिंग के माध्यम से उकेरा जा रहा है. सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार का यह कार्य यूपी प्रॉजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है.



पर्यटन विभाग की योजना है कि श्रद्धालु और पर्यटक सरयू नदी में स्नान करने के बाद कई मार्गों से मंदिर तक पहुंच सकें. इससे भीड़ का दबाव भी एक मार्ग पर कम हो जाएगा. अभी तक की योजना में राम पथ होते हुए भक्ति और जन्मभूमि पथ के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक जा रहे हैं, लेकिन भ्रमण पथ बन जाने के बाद सरयू नदी में स्नान करने के बाद सीधे राम जन्मभूमि परिसर तक जाया जा सकेगा. जानकारी के मुताबिक, इसके बीच में कुछ मीटर पंचकोसी परिक्रमा मार्ग भी पड़ता है.



हेरिटेज टाइल्स को सुरूचि पूर्ण और टिकाऊ माना गया है. यह भारत के प्रमुख वास्तुकारों की पहली पसंद है. यह टाइल्स मजबूत बोर्ड लाइन और निश्चित आकार के लिए प्रसिद्ध है. अनोखा लुक और एक विशिष्ट क्षेत्र को उजागर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. इसी के साथ पत्थरों का प्रयोग बाहरी और अंदर की दीवारों पर किया जाता है. इसके लगाने से पत्थर से ढकी मजबूत चहारदीवारी दिखाई पड़ती है. यह दीवार को धूप, बारिश, हवा, बढ़ते और घटते तापमान के साथ प्रदूषण से भी बचाती है. इसके बीच-बीच में भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंग को पेंटिंग के माध्यम से चित्रित किया जा रहा है. श्रद्धालुओं को रास्ते में भक्ति पूर्ण माहौल दिखाई दे इसके लिए रामायण काल के पौधे भी लगाए जाएंगे.



क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि भ्रमण पथ का निर्माण दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. मेलों के दौरान निर्माण कुछ धीमा हो जाएगा, किन्तु मेला समाप्त होते ही फिर निर्माण कार्य तेज हो जाएगा.

यह भी पढ़ें : रामनगरी में भगवान जगन्नाथ की बहुड़ा यात्रा; इस्काॅन मंदिर से 10 किमी तक निकाली गई यात्रा, अयोध्या के साधु संत हुए शामिल - Bahuda Yatra in AYODHYA

यह भी पढ़ें : अब राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात होंगे एनएसजी के कमांडो, 4 दिन तक सर्वे करेगी टीम - Ayodhya Ram Mandir

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.