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रुद्रेश्वर महाराज के दर्शनों के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम - Uttarkashi Rudreshwar Maharaj

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 23, 2024, 5:12 PM IST

Updated : Jun 23, 2024, 8:23 PM IST

Uttarkashi Rudreshwar Maharaj रंवाई घाटी में रुद्रेश्वर महाराज के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ा. इस दौरान श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी.

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रुद्रेश्वर महाराज के दर्शनों के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम (Etv Bharat)
रुद्रेश्वर महाराज के दर्शनों के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम (Uttarkashi Rudreshwar Maharaj)

उत्तरकाशी: रंवाईघाटी की प्रसिद्ध डांडा की जातर में रुद्रेश्वर महाराज के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. डांडा की जातर में करीब सौ गांव के हजारों श्रद्धालुओं ने रुद्रेश्वर महाराज के दर्शन कर मन्नतें मांगी. डांडा की जातर में रंवाई की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिली.

समुद्र तल से करीब साढ़े सात हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित देवराणा बेहद रमणीक स्थल है जो चारों तरफ से देवदार के गहने जंगलों से घिरा हुआ है. देवराणा में शदियों पुराना मंदिर है जहां असाढ़ माह में 65 गांव के आराध्य रुद्रेश्वर देवता के नाम से सामूहिक डांडा की जातर होती है. जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचे. श्रद्धालु अपने आराध्य देव के दर्शन कर उन्हें हरियाली चुनरी,श्रीफल चढ़ा कर मन्नते मांगते हैं. देव पालकी के साथ नृत्य कर मेले का आनन्द लेते हैं. डांडा की जातर में शादियों से चली आ रही. परम्परानुसार अपराहन चार बजे देव माली बालक राम नौटियाल ने मंदिर के ऊपर बने लकड़ी के शेर की पीठ पर चढ़ कर मूर्ती को दूध का स्नान करवाने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन करवाये और सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया.

इस दौरान देवराणा मंदिर समिति के अध्यक्ष जगमोहन परमार, देव माली अमित नौटियाल, संकित थपलियाल, अमन सेमवाल जयेन्द्र राणा, विजय बंधानीआदि उपस्थित रहे. रविवार से शुरू हुई मेलों की श्रृंखला में देव पालकी एक माह तक गांव भृमण कर रात्री विश्राम करेगी. प्रत्येक गांव में असाढ़ की जातर मनाई जाएगी. इस दौरान ग्रामीणों को एक साथ रुद्रेश्वर देवता, महासू महाराज, बाबा बौखनाग, धर्म राज युधिस्ठिर, माता नाटेश्वरी पांच देव मूर्तियों के दर्शन होंगे. पांचों मूर्तियों को पालकी के अंदर चांदी की घिल्टी में एक साथ सजा कर दर्शनार्थ रखा जाता है.

पढ़ें-लोहाघाट में पिकअप की चपेट में आई कार, एक ही परिवार के चार लोग घायल, दो की हालत गंभीर - Lohaghat road accident

रुद्रेश्वर महाराज के दर्शनों के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम (Uttarkashi Rudreshwar Maharaj)

उत्तरकाशी: रंवाईघाटी की प्रसिद्ध डांडा की जातर में रुद्रेश्वर महाराज के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. डांडा की जातर में करीब सौ गांव के हजारों श्रद्धालुओं ने रुद्रेश्वर महाराज के दर्शन कर मन्नतें मांगी. डांडा की जातर में रंवाई की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिली.

समुद्र तल से करीब साढ़े सात हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित देवराणा बेहद रमणीक स्थल है जो चारों तरफ से देवदार के गहने जंगलों से घिरा हुआ है. देवराणा में शदियों पुराना मंदिर है जहां असाढ़ माह में 65 गांव के आराध्य रुद्रेश्वर देवता के नाम से सामूहिक डांडा की जातर होती है. जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचे. श्रद्धालु अपने आराध्य देव के दर्शन कर उन्हें हरियाली चुनरी,श्रीफल चढ़ा कर मन्नते मांगते हैं. देव पालकी के साथ नृत्य कर मेले का आनन्द लेते हैं. डांडा की जातर में शादियों से चली आ रही. परम्परानुसार अपराहन चार बजे देव माली बालक राम नौटियाल ने मंदिर के ऊपर बने लकड़ी के शेर की पीठ पर चढ़ कर मूर्ती को दूध का स्नान करवाने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन करवाये और सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया.

इस दौरान देवराणा मंदिर समिति के अध्यक्ष जगमोहन परमार, देव माली अमित नौटियाल, संकित थपलियाल, अमन सेमवाल जयेन्द्र राणा, विजय बंधानीआदि उपस्थित रहे. रविवार से शुरू हुई मेलों की श्रृंखला में देव पालकी एक माह तक गांव भृमण कर रात्री विश्राम करेगी. प्रत्येक गांव में असाढ़ की जातर मनाई जाएगी. इस दौरान ग्रामीणों को एक साथ रुद्रेश्वर देवता, महासू महाराज, बाबा बौखनाग, धर्म राज युधिस्ठिर, माता नाटेश्वरी पांच देव मूर्तियों के दर्शन होंगे. पांचों मूर्तियों को पालकी के अंदर चांदी की घिल्टी में एक साथ सजा कर दर्शनार्थ रखा जाता है.

पढ़ें-लोहाघाट में पिकअप की चपेट में आई कार, एक ही परिवार के चार लोग घायल, दो की हालत गंभीर - Lohaghat road accident

Last Updated : Jun 23, 2024, 8:23 PM IST
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