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एक रामभक्त ऐसा जिसने अनोखे तरीके से लिखा सुंदरकांड, हाथ से लिख कर बनाया रिकॉर्ड

Person wrote Sunderkand in a unique way: दिल्ली में एक ऐसा राम भक्त है जिसने सुंदरकांड को बड़े ही अनोखे और भव्य तरीके से लिखा है वो भी हाथ से.सिल्वर और गोल्डन पेन से कुल 345 पेज यानी 690 पन्ने में लिखा गया है जो देखने में बेहद ही सुंदर और आकर्षक दिख रहा है.

सुंदरकांड को  हाथ से लिख कर बनाया रिकॉर्ड
सुंदरकांड को हाथ से लिख कर बनाया रिकॉर्ड
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 22, 2024, 11:49 AM IST

सुंदरकांड को हाथ से लिख कर बनाया रिकॉर्ड

नई दिल्ली : अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिल्ली सहित देश भर में राम भक्तों में अलग ही जोश और उत्साह है वही अलग-अलग राम भक्त अलग-अलग तरीके से अपनी भक्ति दिखाने और जताने में जुटा हुआ है. लेकिन दिल्ली में एक ऐसा राम भक्त है जिसने सुंदरकांड को बड़े ही अनोखे और भव्य तरीके से लिखा है वो भी हाथ से.

हाथ से लिखी गई सुंदरकांड की चौपाई और दोहा सिल्वर और गोल्डन पेन से कुल 345 पेज यानी 690 पन्ने में लिखा गया है जो देखने में बेहद ही सुंदर दिख रहा है. पेपर पर सुंदरकांड के दोहे और चौपाई हाथ से लिखी गई है उसका आकार शिवलिंग का दिया हुआ है जो लिखावट को और भी खूबसूरत बनाता है. पेशे से ज्वैलर हरी नगर के रहने वाले दिनेश खंडेलवाल ने इस अद्भुत और अनोखे तरीके से सुंदरकांड को लिखने की शुरुआत राम मंदिर की स्थापना के वक्त से ही शुरू कर दी थी.

उनका कहना है यूं तो उन्हे इस काम की प्रेरणा उन्हें अपने दादाजी से मिली जो हर वक्त भगवान राम का नाम लिया करते थे. लेकिन मंदिर की शुरुआत के वक्त से उन्होंने सुंदर कांड को इस तरीके से लिखना शुरू किया. शिवलिंग के ऊपर ही सिल्वर कलर से सुंदरकांड लिखा गया है उनका कहना है कि रामचरितमानस का विश्व भर में प्रचार प्रसार ही उनका उद्देश्य है.

ये भी पढ़ें : प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रोहिणी में रामभक्तों का महायज्ञ, ग्यारह कुंडों में भक्तों ने दी आहुति

रामचरितमानस में सुंदरकांड का विशेष महत्व है इसलिए उन्होंने राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इस तरह से यह लिखा है और वह इस अद्भुत तरीके से लिखे गए सुंदरकांड को अयोध्या के राम मंदिर को दान देना चाहते हैं. ताकि न सिर्फ उनकी कलाकृति को याद किया जाए, बल्कि इस अनोखे माध्यम से रामचरितमानस का भी प्रचार प्रसार घर-घर हो सके. उनका कहना है कि जब से राम मंदिर की नींव पड़ी उसी दिन से उन्होंने उस सुंदरकांड को लिखना शुरू किया था .

इतने कम समय में पूरे रामचरितमानस को लिखना संभव नहीं था.इसलिए उन्होंने सुंदरकांड को ही लिखा. हालांकि पूरे रामचरितमानस को वह इसी तरह अद्भुत और अनोखे तरीके से एल्बम के रूप में लिख चुके हैं. हालांकि दिनेश खंडेलवाल के लिए डेढ़ साल के अंतराल में पूरे सुंदरकांड को इतने भव्य तरीके से लिखना तभी संभव हो पाया जब उनके परिवार का उन्हें सपोर्ट मिला और उनके इस काम में उनकी पत्नी ने भी बढ़ चढ़कर मदद की और घर की दूसरी जिम्मेदारियां से मुक्त रखा.

अब दोनों ही पति-पत्नी का एक ही उद्देश्य है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर घर तिरंगा का प्रचार प्रसार हुआ और लोगों ने तिरंगे के प्रति अपने जोश जुनून और जज्बे को दिखाया इस तरह से हर घर रामचरितमानस का भी प्रचार प्रसार हो ताकि लोग अपने धर्म को न सिर्फ करीब से जान सके बल्कि दिल से उससे जुड़ भी सके.

ये भी पढ़ें : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होंगे ये विपक्षी नेता, बताया बीजेपी का कार्यक्रम, देखें लिस्ट

सुंदरकांड को हाथ से लिख कर बनाया रिकॉर्ड

नई दिल्ली : अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिल्ली सहित देश भर में राम भक्तों में अलग ही जोश और उत्साह है वही अलग-अलग राम भक्त अलग-अलग तरीके से अपनी भक्ति दिखाने और जताने में जुटा हुआ है. लेकिन दिल्ली में एक ऐसा राम भक्त है जिसने सुंदरकांड को बड़े ही अनोखे और भव्य तरीके से लिखा है वो भी हाथ से.

हाथ से लिखी गई सुंदरकांड की चौपाई और दोहा सिल्वर और गोल्डन पेन से कुल 345 पेज यानी 690 पन्ने में लिखा गया है जो देखने में बेहद ही सुंदर दिख रहा है. पेपर पर सुंदरकांड के दोहे और चौपाई हाथ से लिखी गई है उसका आकार शिवलिंग का दिया हुआ है जो लिखावट को और भी खूबसूरत बनाता है. पेशे से ज्वैलर हरी नगर के रहने वाले दिनेश खंडेलवाल ने इस अद्भुत और अनोखे तरीके से सुंदरकांड को लिखने की शुरुआत राम मंदिर की स्थापना के वक्त से ही शुरू कर दी थी.

उनका कहना है यूं तो उन्हे इस काम की प्रेरणा उन्हें अपने दादाजी से मिली जो हर वक्त भगवान राम का नाम लिया करते थे. लेकिन मंदिर की शुरुआत के वक्त से उन्होंने सुंदर कांड को इस तरीके से लिखना शुरू किया. शिवलिंग के ऊपर ही सिल्वर कलर से सुंदरकांड लिखा गया है उनका कहना है कि रामचरितमानस का विश्व भर में प्रचार प्रसार ही उनका उद्देश्य है.

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रामचरितमानस में सुंदरकांड का विशेष महत्व है इसलिए उन्होंने राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इस तरह से यह लिखा है और वह इस अद्भुत तरीके से लिखे गए सुंदरकांड को अयोध्या के राम मंदिर को दान देना चाहते हैं. ताकि न सिर्फ उनकी कलाकृति को याद किया जाए, बल्कि इस अनोखे माध्यम से रामचरितमानस का भी प्रचार प्रसार घर-घर हो सके. उनका कहना है कि जब से राम मंदिर की नींव पड़ी उसी दिन से उन्होंने उस सुंदरकांड को लिखना शुरू किया था .

इतने कम समय में पूरे रामचरितमानस को लिखना संभव नहीं था.इसलिए उन्होंने सुंदरकांड को ही लिखा. हालांकि पूरे रामचरितमानस को वह इसी तरह अद्भुत और अनोखे तरीके से एल्बम के रूप में लिख चुके हैं. हालांकि दिनेश खंडेलवाल के लिए डेढ़ साल के अंतराल में पूरे सुंदरकांड को इतने भव्य तरीके से लिखना तभी संभव हो पाया जब उनके परिवार का उन्हें सपोर्ट मिला और उनके इस काम में उनकी पत्नी ने भी बढ़ चढ़कर मदद की और घर की दूसरी जिम्मेदारियां से मुक्त रखा.

अब दोनों ही पति-पत्नी का एक ही उद्देश्य है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर घर तिरंगा का प्रचार प्रसार हुआ और लोगों ने तिरंगे के प्रति अपने जोश जुनून और जज्बे को दिखाया इस तरह से हर घर रामचरितमानस का भी प्रचार प्रसार हो ताकि लोग अपने धर्म को न सिर्फ करीब से जान सके बल्कि दिल से उससे जुड़ भी सके.

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