जयपुर: राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के विधानसभा में दिए बयान के बावजूद भी विभाग के कर्मचारियों में इसे लेकर संशय बना हुआ है. आरडब्ल्यूएसएससी को लेकर राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ सोमवार को सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा. संघ के बैनर तले जलदाय विभाग के कर्मचारी जल भवन में आरडब्ल्यूएसएससी का विरोध करेंगे और बोर्ड के आदेशों की होली जलाएंगे.
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के ज्योति नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में इस संबंध में शनिवार को एक प्रेस वार्ता कर आंदोलन की जानकारी दी गई. संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि सरकार हठधर्मिता पर उतरी हुई है. 2018 में भी इसी सरकार ने बोर्ड बनाने की कोशिश की थी. उस समय भी राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ ने एक बड़ा आंदोलन किया था और सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था. यादव ने कहा कि जलदाय विभाग को बोर्ड बनाने से कर्मचारी की सेवा सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. एक नोटिस पर ही उसे सेवा से बर्खास्त भी किया जा सकता है. कर्मचारियों को तनख्वाह कहां से मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी आरटीडीसी और रोडवेज को बोर्ड बनाया गया था. उनकी हालत आज सबको पता है. उनके कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह नहीं मिल रही और न ही रिटायरमेंट के पास बाद पेंशन समय पर मिल रही है. आज सरकार के पास पैसा नहीं है, लेकिन जो राज चलाएगा, वह कर्मचारियों के लिए पैसे की भी व्यवस्था करेगा. बिजली विभाग को सफेद हाथी बताते हुए कुलदीप यादव ने कहा कि कितना पैसा बिजली के नाम पर आम जनता से लूटा जा रहा है. इसी परंपरा पर बीजेपी चल रही है और जलदाय विभाग को बोर्ड बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आरडब्ल्यूएसएससी को लेकर कर्मचारियों में भय का माहौल है. 5 अगस्त को हम जल भवन पर दोपहर 12:00 बजे आरडब्ल्यूएसएससी के आदेशों की होली जलाएंगे और इसका पुरजोर विरोध करेंगे.
जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी विधानसभा में बयान दे चुके हैं कि आरडब्ल्यूएसएससी के गठन से कर्मचारियों की सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. केवल ऋण लेने के लिए ही बोर्ड बनाया जा रहा है. मंत्री के बयान पर कुलदीप यादव ने कहा कि राजनेताओं की बात पर हमें विश्वास नहीं है, जलदाय मंत्री इस संबंध में लिखकर दें कि कर्मचारियों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. बोर्ड 45 साल पहले भी बना हुआ था और इसकी अब क्रियान्विति नहीं की जाएगी.
यादव ने कहा कि राजनेताओं में मोरल नहीं है, अगर मोरल होता तो आम जनता आज त्राहि-त्राहि नहीं करती. हमारी मांग है कि सरकार इस संबंध में लिखकर दे ताकि कर्मचारी भय माहौल से बाहर निकलें. इस भय के माहौल में भी कर्मचारी आम जनता को सुचारू रूप से पानी पिला रहे हैं. सरकार को भ्रष्टाचार रोकने पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आज विभाग में हजारों-करोड़ रुपए का घोटाला किया गया. उसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसके लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है. विभाग में सालों से कर्मचारियों की नियमित भर्ती नहीं हो रही. यदि समय पर कर्मचारियों की भर्ती होती, तो यह नौबत नहीं आती. उन्होंने कहा कि विभाग में ठेकाकर्मियों की भर्ती होने से ही अनियमिता हुई है.
कुलदीप यादव ने कहा कि वर्तमान में आम जनता को पीने के पानी राज्य सरकार जलदाय विभाग के जरिए बहुत ही कम दर पर उपलब्ध करवाया जाता है. बोर्ड बनने के बाद अनावश्यक रूप से पानी की दरें बढ़ाई जाएगी जिससे जनता में भी सरकार के प्रति रोष बढ़ेगा. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के इस आंदोलन को महासंघ एकीकृत ने भी अपना समर्थन दिया है. महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 5 अगस्त को जल भवन पर वाटर वर्क्स के कर्मचारी आरडब्ल्यूएसएससी के विरोध में बड़ा आंदोलन करेंगे उन्होंने कहा कि एक बोर्ड और सरकारी विभाग में बहुत अंतर होता है.
वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रवक्ता बाबूलाल शर्मा ने बताया कि 5 अगस्त को होने वाले इस आंदोलन में प्रदेश भर के सैकड़ों जलदाय कर्मचारी जल भवन पर जमा होंगे. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के इस प्रदर्शन को राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा, राजस्थान राज्य वाहन चालक एवं तकनीकी कर्मचारी संगठन डीलिंग के अध्यक्ष सुग्रीव गुर्जर, प्रदेश जनता जल योजना श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष प्रहलाद राय अग्रवाल ने भी समर्थन दिया है.