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क्या सच में प्लास्टिक बैन हो गया है ? हालात देखकर यकीन नहीं होता, भरतपुर दिखा रहा आइना - Plastic Bag Free Day 2024

INTERNATIONAL PLASTIC BAG FREE DAY 2024 प्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में 1 मई 2024 से प्लास्टिक बोतल और पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बावजूद भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है.

प्लास्टिक बोतल और पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध
प्लास्टिक बोतल और पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 3, 2024, 6:32 AM IST

धड़ल्ले से हो रहा सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर. देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगे दो साल हो चुके हैं. 1 मई 2024 से प्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में भी प्लास्टिक बोतल और पॉलिथीन पर बैन लगा दिया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ना तो सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद हुआ है और ना ही जंगलात में प्लास्टिक की बोतल और बैग का प्रवेश रुका है. बाजारों में भी धड़ल्ले से प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में भी प्लास्टिक बैन की सख्ती से पालना नहीं हो रही है. जिम्मेदारों का कहना है कि उनकी तरफ से लगातार सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

कूड़ेदान बता रहे नियम की हकीकत : 1 मई 2024 से वन विभाग ने प्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में प्लास्टिक की बोतल और प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. यह नियम सख्ती से लागू करने के आदेश थे. इस संबंध में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने घना प्रशासन, कर्मचारियों, रिक्शाचालक, नेचर गाइड और होटल व्यवसायियों के साथ बैठक भी की. लेकिन जब ईटीवी भारत ने मंगलवार को घना में जाकर प्लास्टिक बैन की हकीकत जानी, तो चौंकाने वाले हालात मिले. यहां घना में धड़ल्ले से कैरीबैग इस्तेमाल नजर आया. घना के कचरा पात्र प्लास्टिक की बोतलों से भरे मिले, जिससे स्पष्ट है कि घना में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं रुका है.

घना के कचरा पात्र प्लास्टिक की बोतलों से भरे मिले
घना के कचरा पात्र प्लास्टिक की बोतलों से भरे मिले (ETV Bharat Bharatpur)

इसे भी पढ़ें- सिंगल यूज प्लास्टिक बन रही गोवंश के जान की दुश्मन, आदत सुधारें तो बच जाएगी इनकी जान - Cows die after eating plastic

शहर के बिजली घर चौराहे, लक्ष्मण मंदिर बाजार समेत कई क्षेत्रों में फल सब्जी के ठेले और दुकानों पर अभी भी सिंगल यूज प्लास्टिक कैरी बैग का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं. ठेलों पर फल विक्रेता उपभोक्ताओं को प्लास्टिक कैरी बैग में फल देते नजर आए, तो वहीं कई जनरल स्टोर पर भी उपभोक्ताओं को सिंगल यूज प्लास्टिक कैरी बैग में सामान पैक कर के दिया जा रहा है.

दो माह में क्विंटल पॉलिथिन जब्त : नगर निगम भरतपुर के आयुक्त रिछपाल सिंह बुरड़क का कहना है कि नगर निगम की ओर से शहर में समय-समय पर सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. बीते करीब दो माह में नगर निगम की टीमों ने शहर में कार्रवाई कर करीब 5 क्विंटल प्लास्टिक कैरी बैग जब्त किए. साथ ही करीब 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. आयुक्त रिछपाल का कहना है कि आगे भी शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल और बिक्री के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी.

धड़ल्ले से हो रहा सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर. देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगे दो साल हो चुके हैं. 1 मई 2024 से प्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में भी प्लास्टिक बोतल और पॉलिथीन पर बैन लगा दिया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ना तो सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद हुआ है और ना ही जंगलात में प्लास्टिक की बोतल और बैग का प्रवेश रुका है. बाजारों में भी धड़ल्ले से प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में भी प्लास्टिक बैन की सख्ती से पालना नहीं हो रही है. जिम्मेदारों का कहना है कि उनकी तरफ से लगातार सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

कूड़ेदान बता रहे नियम की हकीकत : 1 मई 2024 से वन विभाग ने प्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में प्लास्टिक की बोतल और प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. यह नियम सख्ती से लागू करने के आदेश थे. इस संबंध में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने घना प्रशासन, कर्मचारियों, रिक्शाचालक, नेचर गाइड और होटल व्यवसायियों के साथ बैठक भी की. लेकिन जब ईटीवी भारत ने मंगलवार को घना में जाकर प्लास्टिक बैन की हकीकत जानी, तो चौंकाने वाले हालात मिले. यहां घना में धड़ल्ले से कैरीबैग इस्तेमाल नजर आया. घना के कचरा पात्र प्लास्टिक की बोतलों से भरे मिले, जिससे स्पष्ट है कि घना में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं रुका है.

घना के कचरा पात्र प्लास्टिक की बोतलों से भरे मिले
घना के कचरा पात्र प्लास्टिक की बोतलों से भरे मिले (ETV Bharat Bharatpur)

इसे भी पढ़ें- सिंगल यूज प्लास्टिक बन रही गोवंश के जान की दुश्मन, आदत सुधारें तो बच जाएगी इनकी जान - Cows die after eating plastic

शहर के बिजली घर चौराहे, लक्ष्मण मंदिर बाजार समेत कई क्षेत्रों में फल सब्जी के ठेले और दुकानों पर अभी भी सिंगल यूज प्लास्टिक कैरी बैग का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं. ठेलों पर फल विक्रेता उपभोक्ताओं को प्लास्टिक कैरी बैग में फल देते नजर आए, तो वहीं कई जनरल स्टोर पर भी उपभोक्ताओं को सिंगल यूज प्लास्टिक कैरी बैग में सामान पैक कर के दिया जा रहा है.

दो माह में क्विंटल पॉलिथिन जब्त : नगर निगम भरतपुर के आयुक्त रिछपाल सिंह बुरड़क का कहना है कि नगर निगम की ओर से शहर में समय-समय पर सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. बीते करीब दो माह में नगर निगम की टीमों ने शहर में कार्रवाई कर करीब 5 क्विंटल प्लास्टिक कैरी बैग जब्त किए. साथ ही करीब 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. आयुक्त रिछपाल का कहना है कि आगे भी शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल और बिक्री के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी.

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